इस्राएलियों किसमुन्द्र के माध्यम से शानदार मुक्ति के कुछ महीनों बाद, वे मिस्र से दूर मिद्यान को यात्रा करते हुए उस जगह पहुंचे जहाँ मूसा और उसकी पत्नी चालीस साल तक रहे। वे वापस उसी जगह जा रहे थे जहां मूसा ने अपने झुंड को चराया था।
Read Moreइब्राहीम के बच्चों ने परमेश्वर के साथ एक वाचा को बनाया था। उसने उनके लिए एक वाचा बनाई, और वे अपने सम्पूर्ण जीवन से उसका सम्मान करेंगे। वे उसके पवित्र फरमान का पालन करेंगे, और वे उसके अनमोल अधिकार होंगे। वे दुनिया के पाप में गिरे राष्ट्रों के लिए एक पवित्र प्रजा होंगे।
Read Moreजिस समय पहाड़ी काँप उठी, पूरा राष्ट्र सीनै पहाड़ी के नीचे एकत्र हो गया। मूसा और हारून उस ज्वलंत बादल के बीच में चले गए जहां से परमेश्वर किआग लपटें बनकर निकल रहीं थीं।
Read Moreयदि इस्राएल के लोग परमेश्वर के चरित्र को सही मायने में दुनिया को दिखाना चाहते थे, उन्हें परमेश्वर किओर सही रीती से चलने का सही रास्ता दिखाना होगा। पहली चार आज्ञाएँ इसी पर आधारित हैं।
Read Moreअंतिम तीन आज्ञाएं यह सिखाती हैं की परमेश्वर के लोगों का व्यवहार एक दूसरे के साथ कैसा होना चाहिए। सांतवी आज्ञा बताती है कि परमेश्वर चाहता था की विवाह कि वाचा की पवित्रता और अच्छाई का सम्मान हो।
Read Moreसीनै पर्वत पर काले बादलों और जलती हुई आग के भीतर से परमेश्वर किआवाज़ ने दस आज्ञाओं कि घोषणा की। इस्राएलियों ने उसे उसकी महिमा और पवित्रता के बीच सुना। वे बहुत भयभीत हुए। वे बहुत व्याकुल हुए, और वे दबाव में आकर झुक गए।
Read Moreपरमेश्वर अपने लोगों के राष्ट्र का निर्माण कर रहा था जो उसके अनमोल संपत्ति थे। उसने मूसा के ससुर 'यित्रो' का उपयोग एक अदालत प्रणाली को बनाने में किया। जिन बुज़ुर्गों को उन्होंने चुना था, वे यह तय करेंगे की किसे संरक्षण दिया जाये और किसे सज़ा दी जाये।
Read Moreपरमेश्वर हर तरह से अपने लोगों को आगे बढ़ा रहा था। अपने वाचा के लोगों को आशीर्वाद देने के लिए वह कितना उत्साहित था! दस आज्ञाओं और वाचा की पुस्तक के साथ, परमेश्वर ने उसके पीछे चलने के लिए अपने लोगों को एक रास्ता दिखा दिया था। वे समझ सकते थे की परमेश्वर में पवित्र जीवन बिताना क्या मायने रखता था।
Read Moreदूसरी मेढ़ नियुक्ति किमेढ़ थी। मूसा को उसे उसी प्रकार वध करना था जिस प्रकार उसने पहले किया था। जिस समय मूसा उसको वध कर रहा था हारून और उसके पुत्रों को उसके सिर पर अपने हाथ रखने थे। फिर कुछ खून लेकर हारून और उसके पुत्रों के दाएं कान के निचले भाग में लगाना था।
Read Moreजब मूसा परमेश्वर के साथ सीनै पर्वत पर बात कर रहा था, परमेश्वर ने उसे एक और बहुत ही विशेष वेदी बनाने के निर्देश दिये। बबूल कि लकड़ी किएक वेदी बनाकर उसे वर्गाकार अट्ठारह इंच लम्बी और अट्ठारह इंच चौड़ी बनानी थी।
Read Moreपरमेश्वर ने अपने सुन्दर मंदिर के निर्माण के लिए उन सभी कुशल कारीगरों के नाम मूसा को बताये।
Read Moreशालोम! यह फिर से एलीमेलेक है। हमने कुछ समय से बात नहीं की है, और मेरे पास आपको बताने के लिए बहुत कुछ है। मैंने ज़रूर से आपको बताया होगा की किस प्रकार हमारे यहोवा ने मिस्र की ग़ुलामी से अपने लोगों को बचाया था।
Read Moreइस्राएल देश ने सीनै पर्वत के निकट अपना डेरा लगाया था। उन्होंने उसकी शक्तिशाली मौजूदगी को पर्वत पर देखा कि किस प्रकार उसके द्वारा पर्वत गड़गड़ा उठा। अब परमेश्वर की उपस्थिति उनके बीच में होगी। उसका क्रोध उनकी अशुद्धता और पाप के विरुद्ध में इस्राएलियों के लिए एक डरावना खतरा था।
Read Moreयहोवा ने दूसरी भेंट के विषय में जो मूसा को बताया वह था अन्नबलि। जब कोई व्यक्ति यहोवा को अन्नबलि चढ़ाये तो उसकी भेंट महीन आटे की होनी चाहिए। वह व्यक्ति तेल और लोबान से मिला हुआ एक मुट्ठी महीन आटा ले तब योजक वेदी पर स्मृतिभेंट के रूप में आटे को आग में जलाए।
Read Moreपरमेश्वर ने मिलापवाले तम्बू से मूसा को जो अंतिम भेंट के विषय में बताया वह दोषबलि था। इसे हानिपूर्ति भी कहा जाता था।परमेश्वर की पवित्र चीजों के विरुद्ध किये पाप के लिए यह दिया जाता था।
Read Moreमंदिर के निर्माण के लिए इस्राएली सोने और चांदी और कपड़े इत्यादि, ले आये। वे इतना ले आये की उन्हें और लाने से मूसा ने मना कर दिया। तब जो कुशल लोग थे, उन्होंने मंदिर के काम के लिए धातु अंकित कर के उसका काम पूरा किया।
Read Moreपरमेश्वर ने मूसा और हारून से बात की और उन्हें और अन्य निर्देश दिए। इससे पहले, मंदिर के निर्देश में, वे यह सीख रहे थे की क्या पवित्र है, और क्या साधारण। ऐसा लगता था मानो परमेश्वर उन्हें सबसे पवित्र जगह में सबसे पवित्र चीज़ को सिखा रहा है।
Read Moreपरमेश्वर शुद्ध और अशुद्ध के विषय में अपने लोगों को और नियम देना चाहता था। उनमें से कुछ चर्म रोग के बारे में थे। त्वचा पर कुछ चमकते और धब्बे खतरनाक थे, और कुछ हानिरहित थे। परमेश्वर ने उनमें अंतर करना लोगों को सिखाया था।
Read Moreजब मैंने एक लेवी के परिवार में शादी की थी, तो मैं डर गई थी। हम मिस्र में रह रहे थे, और फिरौन अति क्रूर हो गया था। उसने मेरे पति और परिवार के अन्य लोगों पर इतना अधिक बोझ डाल दिया था की शादी के समारोह के लिए कोई ख़ुशी नहीं रहती थी।
Read Moreपरमेश्वर के पवित्र याजक के पद के समन्वय के आठवें दिन, हारून के दोनों बेटे परमेश्वर की आग से ख़त्म हो गए। उन्होंने एक पवित्र दिन के बीच में परमेश्वर के पवित्र आदेश के विरुद्ध पाप किया था। यह एक दुर्घटना नहीं थी। वे जानते थे की वे क्या कर रहे थे।
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