परमेश्वर ने मूसा को उसके विशेष मंदिर के निर्माण और उन याजकों के वस्त्रों के विषय निर्देश दिए जो उसकी सेवा करेंगे। याजक परमेश्वर और उसके लोगों के बीच रहकर एक विशेष अंतरंगता में काम करेंगे। परमेश्वर ने उसे बताया कि कैसे मंदिर के बन जाने के बाद उसे याजकों को पवित्र करना है।
Read Moreपरमेश्वर कि आज्ञाएँ कितनी स्पष्ट और सिद्ध थीं। जब हम एक परिवार और एक राष्ट्र के रूप में उन पर चलते थे, ऐसा लगता था मानो हमारे दिल और दिमाग इस पथ पर निरंतर चलने के लिए बनाये गए हैं। यह परमेश्वर के लिए पथ घर था। यह पथ सभी नष्ट करने वाली चीज़ों से दूर था।
Read Moreमंदिर के निर्माण के लिए इस्राएली सोने और चांदी और कपड़े इत्यादि, ले आये। वे इतना ले आये की उन्हें और लाने से मूसा ने मना कर दिया। तब जो कुशल लोग थे, उन्होंने मंदिर के काम के लिए धातु अंकित कर के उसका काम पूरा किया।
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