एक दिन, दिन के सबसे गर्म पहर में इब्राहीम अपने तम्बू के दरवाज़े पर बैठा था। यह दिन का सबसे गर्म समय था। इब्राहीम और सारा मम्रे में रहते थे जहां उन्होंने रहने के लिए चुना था। वे उन अनैतिकता और बदनामी के शहरों से दूर थे जिन्हें लूत ने चुना था।
Read Moreसदोम और अमोरा के न्याय पर परमेश्वर का सामर्थी हाथ पड़ने के बाद, इब्राहिम नेगेव को चला गया। जब तक वह वहां था उसने लोगों को बताया था की सारा उसकी बहन थी। एक बार फिर, वह भयभीत हुआ की उसकी पत्नी कि खूबसूरती देखकर वहां के लोग उसके साथ बुरा व्यवहार करेंगे।
Read Moreइब्राहीम और सारा ने एक बेटे के जन्म के लिए पच्चीस वर्षों तक प्रतीक्षा की। उन सभी पहले के वर्षों में, इब्राहीम ने माना की उसने परमेश्वर के द्वारा एक संदेश सुना है। यह सिर्फ कोई भी ईश्वर नहीं था, यह पूरी सृष्टि का परमेश्वर था।
Read Moreइब्राहीम और सारा के ख़ुशी के कई साल बीत चुके थे। इसहाक घुटने के बल चलने लगा था। जब वह दो या तीन साल का हुआ, तब उसके मां का दूध छुड़ा दिया। इब्राहीम ने एक महान दावत करके जश्न मनाया।
Read Moreइब्राहीम ने इसहाक के लिए एक पत्नी को खोजने के लिए अपने मुख्य सेवक को भेजा। यह महत्वपूर्ण था की इसहाक की पत्नी एक ही परिवार से हो जिन्हें परमश्वर ने एक विशेष रूप से अलग किया था।
Read Moreइसहाक जब बूढ़ा होने लगा, उसकी आँखें इतनी कमज़ोर हो गयीं की वह लगभग अँधा हो गया था। अब वह सौ साल का हो गया था और उसका शरीर अब उस तरह काम नहीं कर पाता था।
Read Moreपरमेश्वर ने देखा किकी लिआ का पति उससे प्रेम नहीं करता था। इतना ही नहीं, उसे अपनी बहन को उससे प्रेम करते देखना पड़ता था। जब भी राहेल उस के पास आती थी, उसकी आँखें चमक जाती थीं! कैसे वह उसे मर्दाना जुनून के सम्मान के साथ व्यवहार करता था।
Read Moreविवाह के उन शुरुआती वर्षों में, याकूब के परिवार में ग्यारह लड़के और एक लड़की हो गई थी! चौदह साल तक, राहेल और लिआ से विवाह करने के लिए वह लाबान के लिए मुख्य चरवाहे के रूप में काम करता रहा। उसने अक्सर कठोर मौसम में और लंबे समय तक बहुत मेहनत की थी।
Read Moreयाकूब अपनी पत्नियों और बच्चों को लेकर वहां से बच के भाग गया था। दस दिन के भीतर ही लाबान और उसके साथियों ने उनका पीछा कर के उनको पकड़ लिया। परमेश्वर ने लाबान को स्वप्न में चेतावनी दी थी कि वह याकूब को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
Read Moreयाकूब और उसके परिवार ने जब लाबान कि भूमि को पीछे छोड़ा, वे ऐसी चीज़ की ओर बढ़ रहे थे जो एक बड़ी समस्या बन सकती है। याकूब अपने भाई को धोखा दे कर और उसके जन्मसिद्ध अधिकार और आशीर्वाद को लेकर अपने परिवार से दूर भाग गया।
Read Moreसूर्योदय हुआ और एक नई सुबह की शुरुआत हुई। कायरपन कि सांठगांठ अब बदल गई थी। अतीत में, याकूब ने विश्वास की कुछ झलक दिखाई थी। एसाव के विपरीत, उसने कनानी महिलाओं से शादी नहीं किथी।
Read Moreलिआ की इकलौती बेटी का उल्लंघन शकेम नामक एक क्रूर युवक ने किया था। शकेम दीना से विवाह करना चाहता था, और वह और उसका पिता हमोर यह व्यवस्था करने के लिए याकूब के घर आये थे।
Read Moreइब्राहीम के बच्चों ने एक नई प्रतिष्ठा कमाई थी। इब्राहिम जो शांति चाहने वाला व्यक्ति था, केवल रक्षा और बचाव के लिए युद्ध में जाता था। उसकी सैन्य शक्ति गुलामी और घोर गरीबी से अपने पड़ोसियों से बहाल कर सकता था।
Read Moreयाकूब ने इब्राहीम और सारा से जुड़े परिवार से महिलाओं से विवाह किया था। उनकी उपासना और संस्कृति परमेश्वर के परिवार के उन लोगों के करीब थे। एसाव ने इब्राहम कि विरासत से महिलाओं से शादी नहीं की थी।
Read Moreयूसुफ पोतीपर के घर में एक दास के रूप में मिस्र में रह रहा था। बाइबिल बताती है कि परमेश्वर युसूफ के साथ था, जिसका मतलब है की यूसुफ को आशीर्वाद देने के लिए वह उसके साथ था। चाहे वह एक ग़ुलाम था और वादे के देश से बहुत दूर था, परमेश्वर कि सुरक्षा और देखभाल उसके लिए नहीं बदला था।
Read Moreयूसुफ जब पहले अपने भाइयों से मिला था वे गुस्से में थे और क्रूर थे। जबकि उसने अपने जीवन के लिए उनसे भीख मांगी थी, फिर भी उन्होंने दूषित व्यापारियों के हाथ उसे बेच दिया था। अब जब वे मिस्र में उसके सामने खड़े थे, वे कनान की लंबी यात्रा के कारण गंदे और थक चुके थे। उसके खानाबदोश भाई उससे कितने भिन्न लग रहे थे। उसे क्या करना चाहिए?
Read Moreयूसुफ के भाइयों ने अन्न को अपने गधों पर लादा और वहाँ से चल पड़े। वे सभी भाई रात को ठहरे और भाईयों में से एक ने कुछ अन्न के लिए अपनी बोरी खोली और उसने अपना धन अपनी बोरी में पाया। अचानक, वह बहुत डर गया।
Read Moreजब वे यूसुफ के घर पर पहुंचे तो वे उसके कोषाध्यक्ष के पास गए, जो पूरे घर का मुख्य सेवक था। वह यूसुफ के सुंदर और सुरुचिपूर्ण घर के बाहर खड़ा था। वे भयभीत होकर उसके पास गया और उसे सारा हाल बताया की कैसे उन्होंने रास्ते में अपनी बोरियों में चांदी पाई।
Read Moreजुदाई के इतने वर्षों के बाद, यूसुफ के भाई उसके निवास्थान में बैठे थे, और यूसुफ आँसुओं के साथ अति अभिभूत था। बिन्यामीन को देखकर वह फूट फूट कर रोया। अपने आप को संभालने के लिए वह कमरे से बाहर चला गया।
Read Moreइस्राएल कि ताकत निरंतर कम होती चली गयी। यूसुफ को मालूम हुआ कि वह भयंकर रूप से बीमार होता जा रहा था। उनके दादा से मिलाने के लिए वह गोशेन में उसके दोनों पुत्र मनश्शे और एप्रैम को ले आया।
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