अपने लोगों के बीच परमेश्वर किपवित्र उपस्थिति का स्थान उसका मंदिर था। लेकिन वह कैसे उन के बीच रह सकता था? उनके पाप का ज़हर विषाक्त था, और उसकी पवित्रता बुराई कि हर ताकत को नष्ट कर देगी। सीनै पर्वत पर उसकी भयानक शक्ति को देख कर लोगों का कांपना सही था।
Read Moreपरमेश्वर ने मूसा को उसके विशेष मंदिर के निर्माण और उन याजकों के वस्त्रों के विषय निर्देश दिए जो उसकी सेवा करेंगे। याजक परमेश्वर और उसके लोगों के बीच रहकर एक विशेष अंतरंगता में काम करेंगे। परमेश्वर ने उसे बताया कि कैसे मंदिर के बन जाने के बाद उसे याजकों को पवित्र करना है।
Read Moreमंदिर के निर्माण के लिए इस्राएली सोने और चांदी और कपड़े इत्यादि, ले आये। वे इतना ले आये की उन्हें और लाने से मूसा ने मना कर दिया। तब जो कुशल लोग थे, उन्होंने मंदिर के काम के लिए धातु अंकित कर के उसका काम पूरा किया।
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