पाठ 101 : यहोवा पर्वत से अपने लोगों से बातचीत करता है
इब्राहीम के बच्चों ने परमेश्वर के साथ एक वाचा को बनाया था। उसने उनके लिए एक वाचा बनाई, और वे अपने सम्पूर्ण जीवन से उसका सम्मान करेंगे। वे उसके पवित्र फरमान का पालन करेंगे, और वे उसके अनमोल अधिकार होंगे। वे दुनिया के पाप में गिरे राष्ट्रों के लिए एक पवित्र प्रजा होंगे। एक राष्ट्र के रूप में उनके जीवन के द्वारा वे दुनिया को सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राहों को सिखाएंगे।
तब मूसा परमेश्वर के पास पर्वत पर लौट आया। मूसा ने कहा कि लोग उसके आदेश का पालन करेंगे। और यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं घने बादल में तुम्हारे पास आऊँगा। मैं तुमसे बात करूँगा। सभी लोग मुझे तुमसे बातें करते हुए सुनेंगे। मैं यह इसलिए करूँगा जिससे लोग उन बातों में सदा विश्वास करेंगे जो तुमने उनसे कहीं।'”
मूसा परमेश्वर और उसके लोगों के मध्य में रहने के लिए नियुक्त किया गया था। वही था जिससे परमेश्वर ने बातें कीं, और इसलिए यह महत्वपूर्ण था कि सभी लोग मूसा किबातों पर भरोसा करें क्यूंकि वह वास्तव में परमेश्वर किओर से थीं। परमेश्वर मूसा को अपना चुना हुआ दास साबित करने के लिए एक शक्तिशाली कार्य करने जा रहा था।
परमेश्वर ने मूसा को वापस पहाड़ के नीचे जाने का आदेश दिया और लोगों को शुद्धि के लिए एक विशेष समय के लिए बुलवाया। प्रभु परमेश्वर सर्वशक्तिमान, शुद्ध और पवित्र, एक राजसी मंदिर के रूप में पहाड़ से उनसे बात करने जा रहा था, और उन्हें उसे सुनने के लिए खुद को तैयार करने की ज़रूरत थी। उन्हें तीन दिनों के लिए पवित्रता कि स्थिति में रहना था। उन्हें अपने कपड़े धोने और खुद को पवित्र करना था। उन्हें उस पहाड़ को बड़े श्रद्धा के साथ लेना था क्यूंकि जीवते परमेश्वर की उपस्थिति वहां आने वाली थी और वह उसकी अत्यंत पवित्रता की एक जगह बनने वाली थी। वह इतनी पवित्र होने वाली थी कियह पापी मनुष्यों के लिए एक खतरनाक जगह होने जा रही थी। उन्हें मृत्युदण्ड दिया जा सकता था। परमेश्वर ने लोगों को यहां तक की याजकों को चढ़ाई ना करने के लिए तीन बार चेतावनी दी। वह उन्हें उनके पापों के द्वारा आने वाले खतरों से बचाना चाहता था।
मूसा ने अपने लोगों के पास जाकर यहोवा किउपस्थिति के लिए तैयारी करने के उस विशेष समय कि घोषणा की। कैसी हलचल मची होगी जिस समय सभी परिवारों ने सफ़ाई करने और उस महान और शक्तिशाली दिन के लिए तैयारी शुरू की होगी! उनकी बातचीत और सोच विचार कैसे रहे होंगे जिस समय वे परमेश्वर के आने की बाट जो रहे होंगे!
तीसरे दिन किसुबह, पर्वत की चोटी से एक गड़गड़ाहट सुनाई दी। लोगों ने पर्वत कि चोटी के चारों ओर काले बादल इकट्ठे होते देखा। बिजली तेज़ी से कड़की और धरती परमेश्वर की शक्ति के साथ हिल गयी। इस्राएल के बीचोंबीच तुरही फूंकी, और लोग उसकी सामर्थी उपस्थिति में कांप उठे। राजा अपनी सामर्थ में आ चुका था।
जिस समय पहाड़ी काँप उठी, मूसा ने हज़ारों हज़ारों लोगों का इस भयानक मंदिर के नीचे उनका नेतृत्व किया। यहोवा आग में नीचे आया था और सीनै पर्वत धुएं से ढप गया। तुरही ज़ोर ज़ोर से फूंकी जा रही थी और लोगों को परमेश्वर की सामर्थी उपस्थिति के लिए परमेश्वर के लोगों को बुलाया जा रहा था।
जिस समय पूरा राष्ट्र परमेश्वर की शक्ति के सामने श्रद्धायुक्त भय में खड़ा था, मूसा उस सामर्थी अंधेरे में परमेश्वर से बात करने के लिए चला गया। इस प्रकार यहोवा सीनै पर्वत पर उतरा और मूसा से कहा, "'जाओ और लोगों को चेतावनी दो कि वे मेरे पास न आएं न ही मुझे देखें। यदि वे ऐसा करेंगे तो वे मर जाएंगे और इस तरह बहुत सी मौतें हो जाएंगी। उन याजकों से भी कहो जो मेरे पास आएंगे कि वे इस विशेष, मिलन के लिए स्वयं को तैयार करें। यदि वे ऐसा नहीं करते तो मैं उन्हें दण्ड दूँगा।'”
मूसा ने परमेश्वर का आश्वासन दिलाया की कोई भी ऊपर नहीं आएगा। उसने पहले से उन्हें दण्ड मिलने की चेतावनी दे दी थी यदि वे उस पवित्र पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश करते हैं। वे जानते थे की केवल पवित्र किये हुए ही परमेश्वर के निकट जा सकते थे। यहोवा ने उससे कहा, “'लोगों के पास जाओ और हारून को लाओ। उसे अपने साथ वापस लाओ। किन्तु याजकों और लोगों को मत आने दो। यदि वे मेरे पास आएंगे तो मैं उन्हें दण्ड दूँगा।'”
यह परमेश्वर कोई मूर्ती नहीं जिसे वे अपने हाथों से चला सकें या नियंत्रण रख सकें। पाप कर के भी वे उसे मूर्ख नहीं बना सकते थे या अपने आप को धर्मी नहीं दिखा सकते थे। यह पूरे ब्रम्हांड का परमेश्वर था, और सब बातें उसके नियंत्रण में थीं, और वह सब कुछ जानता था। पृथ्वी के लोगों के पापों किगंदगी उसकी शक्तिशाली पवित्रता के प्रति एक अपराध था। इस्राएल के लोग अन्य सभी आसपास के राष्ट्रों की तरह पापी और विद्रोही थे, और उनके जीवन में पाप एक खतरनाक संक्रमण था। वे परमेश्वर किसिद्ध पवित्रता के निकटता में खड़े नहीं हो सकते थे क्यूंकि वह उन्हें नष्ट कर देगा। वह उन्हें मार गिराएगा। यहोवा अपने ही लोगों कि रक्षा उनकी महान कमज़ोरी में उनकी रक्षा कर रहा था। मूसा और हारून उस पवित्र पहाड़ी पर चढ़ेंगे और जिस समय यहोवा उस पहाड़ी से अपनी सामर्थ में बोलेगा, वह पूरे इस्राएल के राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।