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पाठ 41 : रिबका की प्रेम कहानी

इब्राहीम वृद्ध हो रहा था, और उसकी प्यारी पत्नी अब नहीं रही। फिर भी उसे हर तरह से परमेश्वर ने आशीषें दीं थीं। वह अपने पुत्र इसहाक के विषय में और उसके भविष्य के बारे में भी सोच रहा था।

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पाठ 99 : पिता यित्रो की मुलाक़ात

इस्राएलियों किसमुन्द्र के माध्यम से शानदार मुक्ति के कुछ महीनों बाद, वे मिस्र से दूर मिद्यान को यात्रा करते हुए उस जगह पहुंचे जहाँ मूसा और उसकी पत्नी चालीस साल तक रहे। वे वापस उसी जगह जा रहे थे जहां मूसा ने अपने झुंड को चराया था।

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पाठ 101 : यहोवा पर्वत से अपने लोगों से बातचीत करता है

इब्राहीम के बच्चों ने परमेश्वर के साथ एक वाचा को बनाया था। उसने उनके लिए एक वाचा बनाई, और वे अपने सम्पूर्ण जीवन से उसका सम्मान करेंगे। वे उसके पवित्र फरमान का पालन करेंगे, और वे उसके अनमोल अधिकार होंगे। वे दुनिया के पाप में गिरे राष्ट्रों के लिए एक पवित्र प्रजा होंगे।

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पाठ 102 :आज्ञाएँ

जिस समय पहाड़ी काँप उठी, पूरा राष्ट्र सीनै पहाड़ी के नीचे एकत्र हो गया। मूसा और हारून उस ज्वलंत बादल के बीच में चले गए जहां से परमेश्वर किआग लपटें बनकर निकल रहीं थीं।

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पाठ 103 : अपने परमेश्वर से प्रेम करना

दस आज्ञाएं एक नियमों कि सूची से बढ़कर थे। वे यहोवा और उसके लोगों के बीच के वाचा का एक हिस्सा थे। यदि वे उनका आज्ञा पालन करते हैं, तो वे उसके कीमती संतान होंगे, और वह उन्हें दुनिया के लिए राज्य के याजक बना देगा।

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