Posts tagged god's temple
पाठ 107 : वाचा की पुस्तक पाठ 1: गुलाम और महिलाओं के नियम

सीनै पर्वत पर काले बादलों और जलती हुई आग के भीतर से परमेश्वर किआवाज़ ने दस आज्ञाओं कि घोषणा की। इस्राएलियों ने उसे उसकी महिमा और पवित्रता के बीच सुना। वे बहुत भयभीत हुए। वे बहुत व्याकुल हुए, और वे दबाव में आकर झुक गए।

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पाठ 113 : पवित्र स्थान के स्वर्ण सामग्री से लेकर कांस्य से बना संदूक

परमेश्वर ने तम्बू बनाने के लिए साज-सामान के निर्देश दिये। सन्दूक को सबसे पवित्र स्थान में रखना था। यह परमेश्वर का सिंहासन था, यह पृथ्वी पर सबसे पवित्र जगह थी। यह एक अत्यंत पवित्र स्थान था। परमेश्वर ने मूसा को उसके साज-सामान के विषय में वर्णन दिया। जो वर्णन उसने सन्दूक के लिए दिया था वैसा ही वर्णन उसने दिए।

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पाठ 114 : नियम और मन्दिर

परमेश्वर हर तरह से अपने लोगों को आगे बढ़ा रहा था। अपने वाचा के लोगों को आशीर्वाद देने के लिए वह कितना उत्साहित था! दस आज्ञाओं और वाचा की पुस्तक के साथ, परमेश्वर ने उसके पीछे चलने के लिए अपने लोगों को एक रास्ता दिखा दिया था। वे समझ सकते थे की परमेश्वर में पवित्र जीवन बिताना क्या मायने रखता था।

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पाठ 117 : अविच्छिन्नित: नियुक्ति की मेढ़

दूसरी मेढ़ नियुक्ति किमेढ़ थी। मूसा को उसे उसी प्रकार वध करना था जिस प्रकार उसने पहले किया था। जिस समय मूसा उसको वध कर रहा था हारून और उसके पुत्रों को उसके सिर पर अपने हाथ रखने थे। फिर कुछ खून लेकर हारून और उसके पुत्रों के दाएं कान के निचले भाग में लगाना था।

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पाठ 184: सप्ताह के पर्व और मंदिर का पर्व

एक वर्ष में तीन बार, इस्राएल के परिवारों को उस महान राष्ट्रीय पर्व के लिए अपने घरों और खेतों से मंदिर के लिए यात्रा करनी होती थी। पहला पर्व फसह का पर्व था।

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