परमेश्वर के वादे के अनुसार अब्राम विश्वास के साथ निकल पड़ा। लेकिन वह अपनी यात्रा में अकेला नहीं था, और केवल वही नहीं था जो अकेला परमेश्वर पर भरोसा कर रहा था। उसकी पत्नी सरै ने भी बड़ी वफ़ादारी के साथ ऐसी दुनिया में कदम रखा जो उसके शहर से बिलकुल भिन्न था।
Read Moreयूसुफ मिस्र के राजा के जेल में एक वफ़ादार सेवक के रूप में काम करता रहा। एक समय में, उसने फिरौन के पिलानेहारा और मुख्य पकानेहारा के सपनों की व्याख्या की थी। उसकी व्याख्याएं आश्चर्यजनक तरीके से एक दम सही थीं।
Read Moreफिरौन ने युसूफ को पूरे मिस्र का अधिकारी बना दिया था। उसने अपनी मुद्रिका उतार कर युसूफ को पहना दी। अंगूठी एक मोहर थी जिसे पिघले मोम के लिए दबाया जाता था। कोई पत्र या पुस्तक पर उस अंगूठी की मोहर फिरौन के द्वारा दिए आदेश के बराबर था। यूसुफ देश में सबसे शक्तिशाली निर्णय निर्माता था!
Read Moreयूसुफ के भाइयों ने अन्न को अपने गधों पर लादा और वहाँ से चल पड़े। वे सभी भाई रात को ठहरे और भाईयों में से एक ने कुछ अन्न के लिए अपनी बोरी खोली और उसने अपना धन अपनी बोरी में पाया। अचानक, वह बहुत डर गया।
Read Moreजब वे यूसुफ के घर पर पहुंचे तो वे उसके कोषाध्यक्ष के पास गए, जो पूरे घर का मुख्य सेवक था। वह यूसुफ के सुंदर और सुरुचिपूर्ण घर के बाहर खड़ा था। वे भयभीत होकर उसके पास गया और उसे सारा हाल बताया की कैसे उन्होंने रास्ते में अपनी बोरियों में चांदी पाई।
Read Moreयाकूब और उसका घराना जब मिस्र की ओर यात्रा को निकले, उसने यहूदा को यूसुफ़ के पास पहले भेजा। परिवार की आवश्यकता थी कि कोई उन्हें गोशेन जाने के लिए दिशा-निर्देश करे और भव्य पुनर्मिलन के लिए तैयार करे।
Read Moreमूसा जब मिद्यान में अपने परिवार के साथ था, परमेश्वर ने उसे बताया कि मिस्र में जो लोग उसे मारना चाहते थे वे सब मर चुके थे। उनमें से कोई भी उसके पीछे नहीं आएंगे जब वह वहां पहुंचेगा।
Read Moreमिस्री दास स्वामी और हिब्रू कार्य प्रबन्धक इस्राएल के लोगों के पास गए और उन्हें वही करने का आदेश दिया जो फिरौन उनसे चाहता था कि वे करें। उन्हें आज्ञा दी गयी की वे बाहर जाकर ईंटें बनाने के लिए भूसा इकट्ठा करें, लेकिन उन्हें उतना ही बनाना था जितना उन्होंने पहले बनाया था।
Read Moreजब मूसा और हारून फिर से फिरौन किअदालत में पेश होने की तैयारी कर रहे थे, परमेश्वर ने उन्हें बहुत विशिष्ट निर्देश दिये। सटीक आज्ञाकारिता बहुत महत्वपूर्ण थी। परमेश्वर को मालूम था की फिरौन उन्हें एक चमत्कार दिखाने के लिए कहेगा। मूसा को हारून को बताना था की वह अपनी लाठी ज़मीन पर फेंक दे। परमेश्वर उसे एक सर्प में बदल देगा।
Read Moreपरमेश्वर मिस्र के देवताओं पर युद्ध छेड़ने जा रहा था। फिरौन ने उनके लोगों को बंदी बना रखा था और वह उन्हें जाने नहीं दे रहा था। परमेश्वर अपने लोगों को रिहा करने के लिए एक शक्तिशाली काम कर सकता था, लेकिन उसके मन में एक बड़ी योजना थी।
Read Moreपरमेश्वर ने एक बार फिर फिरौन के हृदय को कठोर कर दिया। जब मूसा ने फिरौन से इस्राएलियों और उनके जानवरों को छोड़ने के लिए कहा ताकि वे रेगिस्तान में जाकर उपासना कर सकें, तो उसने इंकार कर दिया। वह लोगों को जाने नहीं दे रहा था।
Read Moreमूसा ने इस्राएल के बुज़ुर्गों को बुलाया और वह सब बताया जो परमेश्वर ने उसे फसह के पर्व के विषय में बताया था। उसने उसे उसके लोगों के बीच जाकर वध के लिए भेड़ के बच्चे को चुनना था। उन्हें सुनिश्चित रूप से चौखट पर लहू को लगाना था।
Read Moreजब इस्राएली मिस्र को छोड़ने के लिए इकट्ठे हुए, तो वे एक बड़े पैमाने पर, अराजक समूह में नहीं गए। परमेश्वर ने पहले ही उन्हें संगठित कर दिया था। उसने उन्हें लड़ाई के लिए सशस्त्र और तैयार किया था। और एक सुंदर तरीके से उसने अपने लोगों का नेतृत्व किया।
Read Moreमूसा ने अपनी बाहें लाल सागर के ऊपर उठाईं, जैसा परमेश्वर ने कहा था। और यहोवा ने पूर्व से तेज आँधी चला दी। आँधी रात भर चलती रही। समुद्र फटा और पुरवायी हवा ने जमीन को सुखा दिया। इस्राएल के लोग सूखी जमीन पर चलकर समुद्र के पार गए।
Read Moreशालोम! मेरे लोगों के लिए, इसका मतलब है शांति, और मेरे नए दोस्त, मैं तुम्हें एक आशीर्वाद देता हूँ। शालोम का अर्थ है की, मेरी इच्छा है किसर्वशक्तिमान परमेश्वर कि सिद्ध शांति तुम्हारे जीवन के हर क्षेत्र में हो। इसीलिए शालोम!
Read Moreऐसा लगता है मानो हमारा परमेश्वर पूरी दुनिया को एक बात साबित करना चाहता था। वे जान लेंगे कि वही है जो सब पर राज करता है। अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए वह शक्ति के साथ कार्य करता है। मिस्र से भागते समय हमारे साथ जो हुआ वह चौंकाने वाली बात थी। हम जो उसके लोग हैं, हमारे लिए उससे एक सबक सीखने को मिला जो हमने अपनी आंखों के सामने देखा। और इसके बारे में अफवाहें सभी देशों में फ़ैल गयीं।
Read Moreबाइबल हमें उन विचारों के विषय में बताती है जो परमेश्वर के लिए महत्वपूर्ण हैं। कहानी के अंत में, एक राष्ट्र के इस महान महाकाव्य कहानी के विषय में परमेश्वर बताता है किउसने वह सब क्यूँ किया।
Read Moreइस्राइलियों ने अपने डेरे को समेटा और वापस पाप कि मरुभूमि की ओर चल पड़े। बादल का खम्बा उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाता रहा, और उन्हें रपीदीम नामक जगह पर पहुंचाया। वहाँ कोई पानी नहीं था, और एक बार फिर वे मूसा से शिकायत करने लगे।
Read Moreइस्राएलियों किसमुन्द्र के माध्यम से शानदार मुक्ति के कुछ महीनों बाद, वे मिस्र से दूर मिद्यान को यात्रा करते हुए उस जगह पहुंचे जहाँ मूसा और उसकी पत्नी चालीस साल तक रहे। वे वापस उसी जगह जा रहे थे जहां मूसा ने अपने झुंड को चराया था।
Read Moreइस्राएलियों कि कल्पना कीजिये जब उन्होंने पैदल लाल समुन्दर की यात्रा की। वे जानवरों के झुंड और तम्बुओं और बच्चों का एक विशाल समूह थे! यह एक देखने लायक दृश्य रहा होगा! कल्पना कीजिये वे क्या वार्तालाप करते जाते होंगे जब वे परमेश्वर के कार्यों को स्मरण कर रहे होंगे।
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