शालोम! यह फिर से एलीमेलेक है। हमने कुछ समय से बात नहीं की है, और मेरे पास आपको बताने के लिए बहुत कुछ है। मैंने ज़रूर से आपको बताया होगा की किस प्रकार हमारे यहोवा ने मिस्र की ग़ुलामी से अपने लोगों को बचाया था।
Read Moreपरमेश्वर कि आज्ञाएँ कितनी स्पष्ट और सिद्ध थीं। जब हम एक परिवार और एक राष्ट्र के रूप में उन पर चलते थे, ऐसा लगता था मानो हमारे दिल और दिमाग इस पथ पर निरंतर चलने के लिए बनाये गए हैं। यह परमेश्वर के लिए पथ घर था। यह पथ सभी नष्ट करने वाली चीज़ों से दूर था।
Read Moreअपने लोगों के साथ परमेश्वर कि वाचा एक बड़े संकट से गुज़रा। पूरे ब्रह्मांड का गौरवशाली सृष्टिकर्ता मूसा से भेंट करने के लिए पर्वत पर उतर आया। इस बीच, उसके लोगों ने सोने से जानवरों की मूर्तियां बना कर उनकी पूजा अनैतिकता में की।
Read Moreइस्राएल देश ने सीनै पर्वत के निकट अपना डेरा लगाया था। उन्होंने उसकी शक्तिशाली मौजूदगी को पर्वत पर देखा कि किस प्रकार उसके द्वारा पर्वत गड़गड़ा उठा। अब परमेश्वर की उपस्थिति उनके बीच में होगी। उसका क्रोध उनकी अशुद्धता और पाप के विरुद्ध में इस्राएलियों के लिए एक डरावना खतरा था।
Read Moreयहोवा ने दूसरी भेंट के विषय में जो मूसा को बताया वह था अन्नबलि। जब कोई व्यक्ति यहोवा को अन्नबलि चढ़ाये तो उसकी भेंट महीन आटे की होनी चाहिए। वह व्यक्ति तेल और लोबान से मिला हुआ एक मुट्ठी महीन आटा ले तब योजक वेदी पर स्मृतिभेंट के रूप में आटे को आग में जलाए।
Read Moreपरमेश्वर ने अगली भेंट बहुत दिलचस्प तरीके से समझाई। यह शुद्धिकरण, या पापबलि कहलाता था। यह भेंट उनके लिए थी जो पाप के कारण परमेश्वर से दूर भटक जाते थे। विशेष रूप से जब कोई परमेश्वर के पवित्र नियमों के विरुद्ध कुछ करता था।
Read Moreपरमेश्वर ने मिलापवाले तम्बू से मूसा को जो अंतिम भेंट के विषय में बताया वह दोषबलि था। इसे हानिपूर्ति भी कहा जाता था।परमेश्वर की पवित्र चीजों के विरुद्ध किये पाप के लिए यह दिया जाता था।
Read Moreमंदिर के निर्माण के लिए इस्राएली सोने और चांदी और कपड़े इत्यादि, ले आये। वे इतना ले आये की उन्हें और लाने से मूसा ने मना कर दिया। तब जो कुशल लोग थे, उन्होंने मंदिर के काम के लिए धातु अंकित कर के उसका काम पूरा किया।
Read Moreपरमेश्वर ने मूसा और हारून से बात की और उन्हें और अन्य निर्देश दिए। इससे पहले, मंदिर के निर्देश में, वे यह सीख रहे थे की क्या पवित्र है, और क्या साधारण। ऐसा लगता था मानो परमेश्वर उन्हें सबसे पवित्र जगह में सबसे पवित्र चीज़ को सिखा रहा है।
Read Moreपरमेश्वर शुद्ध और अशुद्ध के विषय में अपने लोगों को और नियम देना चाहता था। उनमें से कुछ चर्म रोग के बारे में थे। त्वचा पर कुछ चमकते और धब्बे खतरनाक थे, और कुछ हानिरहित थे। परमेश्वर ने उनमें अंतर करना लोगों को सिखाया था।
Read Moreजब मैंने एक लेवी के परिवार में शादी की थी, तो मैं डर गई थी। हम मिस्र में रह रहे थे, और फिरौन अति क्रूर हो गया था। उसने मेरे पति और परिवार के अन्य लोगों पर इतना अधिक बोझ डाल दिया था की शादी के समारोह के लिए कोई ख़ुशी नहीं रहती थी।
Read Moreपरमेश्वर के पवित्र याजक के पद के समन्वय के आठवें दिन, हारून के दोनों बेटे परमेश्वर की आग से ख़त्म हो गए। उन्होंने एक पवित्र दिन के बीच में परमेश्वर के पवित्र आदेश के विरुद्ध पाप किया था। यह एक दुर्घटना नहीं थी। वे जानते थे की वे क्या कर रहे थे।
Read Moreप्रायश्चित के दिन पर परमेश्वर कि सेवा करने के लिए, हारून को पूरे अपने याजक के वस्त्र पहनने थे। लेकिन पहले उसे तैयारी के लिए अपने पूरे शरीर को धोना होगा। वह अति पवित्र स्थान में कोई गंदगी नहीं ला सकता था।
Read Moreमहायाजक ने दाव के आधार पर बलिदान के लिए एक बकरी को चुना। लेकिन परमेश्वर ने प्रायश्चित के दिन के लिए आंगन में दो बकरियों के लिए उन्हें आज्ञा दी थी। दूसरी बकरी को एक बहुत ही दिलचस्प काम करना था।
Read Moreपवित्रता का नियमसंग्रह यह भी सिखाता है किइस्राएल के लोगों को एक अलग समुदाय होना है। यह वो जगह थी जहां परमेश्वर ने अपने लोगों को एक दूसरे से प्रेम करने और एक दूसरे का ध्यान रखने के लिए बुलाया था। यदि कोई दूसरे के विरुद्ध पाप करता है, तो उन्हें घृणा और क्षमा ना करने की अनुमति नहीं थी।
Read Moreजब इस्राएल देश सीनै कि मरुभूमि में था, तब परमेश्वर ने मूसा को सभी नियम और आदेश सौंप दिए थे। उसने मूसा को पर्वत पर मंदिर को बनाने के विषय में दर्शन दिया। उनके याजकों को विस्तृत निर्देश दिये की किस प्रकार प्रत्येक बलिदान को देना है।
Read Moreजिस समय इस्राएल के लोग सीनै पर्वत के निकट थे, परमेश्वर उन्हें तैयार कर रहा था। अब जब वे जाने की तैयारी कर रहे थे, मूसा ने उन्हें वह सिखाया जो परमेश्वर ने उसे पहाड़ पर दिखाया था। क्या आप दो लाख लोगों की कल्पना कर सकते हैं जिस समय वे मरुभूमि में पैदल यात्रा कर रहे थे?
Read Moreगिनती 5 में, परमेश्वर ने इस्राएलियों को अपने लोगों के बीच विवाह की पवित्रता की रक्षा के लिए एक आदेश दिया था। इतने सारे लोगों के एक बड़े राष्ट्र में, समस्याओं का होना बाध्य था। विवाह को अलग करने वाली पवित्र दिवार जो प्रत्येक पति और पत्नी को एक दूसरे के प्रति समर्पित रहने के लिए मज़बूत करती है, वह बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो सकती है।
Read Moreमेरे पति का परिवार एक सत्ता और प्रतिष्ठा का परिवार था। उन्हें विशेष आदर और सम्मान मिलता था। वे यह मान कर चलते थे की वे महत्वपूर्ण हैं और उन्हें दूसरों से ज़्यादा ग्रहण किया जाता है। मैं सोचती हूँ वह क्षणिक मुस्कान उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा से अधिक मूल्य थी। उसके उग्र क्रोध की मैं पहले कभी कल्पना नहीं कर सकती थी।
Read Moreपरमेश्वर के लोग जिस समय सीनै पर्वत से जाने की तैयारी में थे, मूसा ने उन्हें परमेश्वर के प्रति विशेष भक्ति को दिखने का रास्ता दिखाया। परमेश्वर ने इस्राएलियों को विशेष समय की विशेष अवधि के लिए अलग निर्देश दिये। इस्राएल में एक पुरुष और स्त्री नाज़ीर के नाम से शपथ ले सकते थे।
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