वाचा किपुस्तक में, परमेश्वर इस्त्राएलियों को हर एक बुरी बात के लिए जो लोगों के बीच होती थी, यह नहीं बताता था किउन्हें क्या करना चाहिए।
Read Moreजिस समय इस्राएल के लोग सीनै पर्वत के निकट थे, परमेश्वर उन्हें तैयार कर रहा था। अब जब वे जाने की तैयारी कर रहे थे, मूसा ने उन्हें वह सिखाया जो परमेश्वर ने उसे पहाड़ पर दिखाया था। क्या आप दो लाख लोगों की कल्पना कर सकते हैं जिस समय वे मरुभूमि में पैदल यात्रा कर रहे थे?
Read Moreगिनती 5 में, परमेश्वर ने इस्राएलियों को अपने लोगों के बीच विवाह की पवित्रता की रक्षा के लिए एक आदेश दिया था। इतने सारे लोगों के एक बड़े राष्ट्र में, समस्याओं का होना बाध्य था। विवाह को अलग करने वाली पवित्र दिवार जो प्रत्येक पति और पत्नी को एक दूसरे के प्रति समर्पित रहने के लिए मज़बूत करती है, वह बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो सकती है।
Read Moreपरमेश्वर के लोग जिस समय सीनै पर्वत से जाने की तैयारी में थे, मूसा ने उन्हें परमेश्वर के प्रति विशेष भक्ति को दिखने का रास्ता दिखाया। परमेश्वर ने इस्राएलियों को विशेष समय की विशेष अवधि के लिए अलग निर्देश दिये। इस्राएल में एक पुरुष और स्त्री नाज़ीर के नाम से शपथ ले सकते थे।
Read Moreमूसा ने मंदिर के निर्माण के पराक्रमी काम को समाप्त किया। पूरा इस्राएल समुदाय उनके बहुतायत के धन में एक साथ शामिल हो गया था। परमेश्वर के सिंहासन को बनाने के लिए बहुत सारा सोना दिया गया और करूबों के साथ पर्दे सिले गए और उन्हें बड़ी सावधानी से लटका दिए गए।
Read Moreजब से फिरौन ने इस्राएलियों को जाने दिया था तब से एक साल बीत गया था। उसने अपना पुत्र खो दिया था क्यूंकि उसने अपने दिल को पराक्रमी परमेश्वर की इच्छा के खिलाफ कठोर कर लिया था। लेकिन परमेश्वर ने इस्राएलियों के बेटों को बख्शा।
Read Moreइस्राएल का राष्ट्र पारान मरुभूमि में डेरा डाले हुए था। उन्होंने सीनै से वादे के देश कूच किया था। बाकी दुनिया के लिए, वह कनान कहलाता था। जो लोग वहां पहले से रहते थे वे कनानी कहलाये जाते थे। वे क्या सोच रहे होंगे जब उन्हें यह मालूम हुआ होगा की दो लाख इस्राएली उनके देश के किनारों पर डेरा डाले हुए थे? समय नज़दीक आ रहा था।
Read Moreपूरा इस्राएल का डेरा अराजकता कि स्थिति में था। यह सुनकर किकनान देश में पहले से ही महान राष्ट्र रहते हैं, वे भयभीत हो गए, और इस्राएली पूर्ण रूप से विद्रोही होने लगे थे। वे परमप्रधान परमेश्वर किभलाई के विरुद्ध अपराधी बनने जा रहे थे।
Read Moreइस्राएल के देश के भयानक और हतोत्साहित घटनाओं के बीच में, परमेश्वर वादा करने कि आशा देता रहा। उसने उनके साथ उस दिन के बारे में बात की जब वे उस देश में प्रवेश करेंगे। उसने अगली पीढ़ी के बच्चों से जीवन के विषय में बातें कीं, की किस प्रकार उन्हें अपने जीवन को जीना है।
Read Moreमानव जाति बहुत पापी है। एक उच्च और पवित्र परमेश्वर है जो आशीर्वाद देना चाहता है, और फिर भी जिस मनुष्य को उसने बनाया वह अपने ऊपर शाप लाता रहा। यहां तक की जिस राष्ट्र पर परमेश्वर ने अपने कीमती वादे बाध्य किये थे, वे भी पाप और विद्रोहकिही समस्या में पड़े हुए थे।
Read Moreमूसा ने कोरह और उसके साथ के लोगों को उनकी धूपदानी को लेकर मंदिर में आने को कहा। वे स्वयं परमेश्वर से जान जाएंगे किकौन इस्राएल का महायाजक होने के लिए बुलाया गया था।
Read Moreअब समय आ गया था किइस्राएल का राष्ट्र यात्रा पर निकले, लेकिन उनका रास्ता उन्हें दूसरे देश में ले गया। यह एदोम देश था, और ये वे लोग नहीं थे जिन्हें परमेश्वर ने जीत के लिए इस्राएल को बुलाया था। परमेश्वर ने उन लोगों के साथ शांति बनाए रखने के लिए मूसा से कहा था।
Read Moreवादे के देश तक पहुँचने के लिए इस्राएली अपनी खोज में कूच करते रहे। मरुभूमि में कई साल भटकने के बाद, वे ऐसे क्षेत्रों में जा रहे थे जहां और अधिक शहर और कसबे, और लोग थे। वे ऐसे देशों में पहुंचे जहां सैकड़ों वर्षों से लोग बेस हुए थे।
Read Moreइस्राएलियों ने एमोरी लोगों के साथ अपनी लड़ाई समाप्त नहीं की थी। वे बहुत अधिक थी! मूसा ने गुप्तचरों को याजेर नगर पर निगरानी के लिए भेजा। इस्राएल सेना जल्दी से लड़ाई करने के लिए गई और उन्हें विजय प्राप्त हुई। तब वे उत्तर पूर्व गलील के सागर के क्षेत्र की ओर निकल पड़े।
Read Moreगिनती किकिताब के शुरुआत में, परमेश्वर ने बीस साल के ऊपर के पुरुषों की गिनती लेने के लिए मूसा और हारून से कहा। प्रत्येक जनजाति को उनके नाम और उम्र का पता मूसा को देना था, जो युद्ध में लड़ने में सक्षम होंगे। 603,550 वे पुरुष थे जो लड़ सकते थे। इन लोगों को परमेश्वर की सेना होना था जो, कनान पर हमला कर सकते थे।
Read Moreजब परमेश्वर इस्राएल के राष्ट्र को अपनी भूमि को प्राप्त करने में मदद कर रहा था, वह उन्हें एक जबरदस्त बदलाव के लिए भी तैयार कर रहा था। मूसा जो उसका प्रिय सेवक था, अपने लोगों के साथ वादे के देश में नहीं जाने वाला था।
Read Moreजिस समय इस्राएली एक समुदाय के रूप में एक साथ रह रहे थे, उनके पास उलझन में डालने वाले नए मामले अदालत में आ रहे थे। न्यायाधीश के लिए सही बात करना कठिन होगा क्यूंकि कानून सही उत्तर नहीं दे पाएगा।
Read Moreयदि तुम उन लोगों को अपने देश में ठहरने दोगे तो वे तुम्हारे लिए बहुत परेशानियाँ उत्पन्न करेंगे। वे तुम्हारी आँखों में काँटे या तुम्हारी बगल के कील की तरह होंगे। वे उस देश पर बहुत विपत्तियाँ लाएंगे जहाँ तुम रहोगे। मैंने तुम लोगों को समझा दिया जो मुझे उनके साथ करना है और मैं तुम्हारे साथ वही करूँगा यदि तुम लोग उन लोगों को अपने देश में रहने दोगे।”
Read Moreयहोवा जो इस्राएल का महान राजा है, अपने लोगों का उसने मोआब के मैदानों के लिए नेतृत्व किया। वे वादे के देश की सीमा पर पहुंच गए थे। वे अपनी आँखों से देख सकते थे। यरदन नदी के सामने इस्राएल का डेरा था। नदी के उस पार पहाड़ियों के साथ खुली, सूखी ज़मीन थी।
Read Moreमूसा परमेश्वर के लोगों के दिलों के डर को जानता था। वादे के देश में प्रवेश करना एक बड़ी चुनौती थी। यह डरावना था! लेकिन परमेश्वर अपने लोगों को वफ़ादारी से यहां तक ले आया था। चार सौ साल पहले, उसने इब्राहीम से एक वादा किया था।
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