मूसा ने मंदिर के निर्माण के पराक्रमी काम को समाप्त किया। पूरा इस्राएल समुदाय उनके बहुतायत के धन में एक साथ शामिल हो गया था। परमेश्वर के सिंहासन को बनाने के लिए बहुत सारा सोना दिया गया और करूबों के साथ पर्दे सिले गए और उन्हें बड़ी सावधानी से लटका दिए गए।
Read Moreजब से फिरौन ने इस्राएलियों को जाने दिया था तब से एक साल बीत गया था। उसने अपना पुत्र खो दिया था क्यूंकि उसने अपने दिल को पराक्रमी परमेश्वर की इच्छा के खिलाफ कठोर कर लिया था। लेकिन परमेश्वर ने इस्राएलियों के बेटों को बख्शा।
Read Moreइस्राएलियों का एक समूह उस मन्ना की जगह, जो परमेश्वर इतने चमत्कारी ढंग से उन्हें प्रदान कर रहा था, अन्य चीज़ों की इच्छा करने लगे। उनकी शिकायतें अन्य इस्त्राएलियों में फैलने लगी, और बहुत जल्द वे ये बातें कहने लगे;
Read Moreवाह, इस्राएल के राष्ट्र ने फिर से विद्रोह कर दिया था! उन्होंने परमेश्वर के द्वारा दिए अगुवे मूसा के विरुद्ध में लड़ाई की थी, और उन्होंने उसके द्वारा दिए अद्भुत उपहार, मन्ना का विद्रोह किया था। परन्तु परमेश्वर अच्छाई को इनके द्वारा ले कर आया था।
Read Moreपूरा इस्राएल का डेरा अराजकता कि स्थिति में था। यह सुनकर किकनान देश में पहले से ही महान राष्ट्र रहते हैं, वे भयभीत हो गए, और इस्राएली पूर्ण रूप से विद्रोही होने लगे थे। वे परमप्रधान परमेश्वर किभलाई के विरुद्ध अपराधी बनने जा रहे थे।
Read Moreमानव जाति बहुत पापी है। एक उच्च और पवित्र परमेश्वर है जो आशीर्वाद देना चाहता है, और फिर भी जिस मनुष्य को उसने बनाया वह अपने ऊपर शाप लाता रहा। यहां तक की जिस राष्ट्र पर परमेश्वर ने अपने कीमती वादे बाध्य किये थे, वे भी पाप और विद्रोहकिही समस्या में पड़े हुए थे।
Read Moreमूसा ने कोरह और उसके साथ के लोगों को उनकी धूपदानी को लेकर मंदिर में आने को कहा। वे स्वयं परमेश्वर से जान जाएंगे किकौन इस्राएल का महायाजक होने के लिए बुलाया गया था।
Read Moreवादे के देश तक पहुँचने के लिए इस्राएली अपनी खोज में कूच करते रहे। मरुभूमि में कई साल भटकने के बाद, वे ऐसे क्षेत्रों में जा रहे थे जहां और अधिक शहर और कसबे, और लोग थे। वे ऐसे देशों में पहुंचे जहां सैकड़ों वर्षों से लोग बेस हुए थे।
Read Moreइस्राएलियों ने एमोरी लोगों के साथ अपनी लड़ाई समाप्त नहीं की थी। वे बहुत अधिक थी! मूसा ने गुप्तचरों को याजेर नगर पर निगरानी के लिए भेजा। इस्राएल सेना जल्दी से लड़ाई करने के लिए गई और उन्हें विजय प्राप्त हुई। तब वे उत्तर पूर्व गलील के सागर के क्षेत्र की ओर निकल पड़े।
Read Moreवाह। जिस परमेश्वर ने इस्राएल को मिस्र पर विजय दिलाई, वही परमेश्वर इस्राएल के आगे आगे चल रहा था और उन्हें कनान देश पर विजय दिला रहा था। उन्होंने कितना जश्न मनाया होगा!एमोरी एक शक्तिशाली प्रजा थी।
Read Moreबिलाम के गधे ने यह साबित कर दिया की उसकी आँखें आध्यात्मिक बातों कि ओर उसके अपने मालिक से बेहतर थीं। परमेश्वर का पराक्रमी स्वर्गदूत अपनी तलवार लिए उनके सामने खड़ा हुआ था।
Read Moreजब परमेश्वर इस्राएल के राष्ट्र को अपनी भूमि को प्राप्त करने में मदद कर रहा था, वह उन्हें एक जबरदस्त बदलाव के लिए भी तैयार कर रहा था। मूसा जो उसका प्रिय सेवक था, अपने लोगों के साथ वादे के देश में नहीं जाने वाला था।
Read Moreजिस समय इस्राएली एक समुदाय के रूप में एक साथ रह रहे थे, उनके पास उलझन में डालने वाले नए मामले अदालत में आ रहे थे। न्यायाधीश के लिए सही बात करना कठिन होगा क्यूंकि कानून सही उत्तर नहीं दे पाएगा।
Read Moreइस्राएलियों के कनान देश में स्थानांतरित करने का समय नज़दीक आ गया था। अभी भी उन्हें कुछ अधूरे काम करने बाकि थे जिस समय वे मोआब के मैदानों पर डेरा लगाये हुए थे। बिलाम जो एक नबी था, उसने इस्राएल के पुरुषों को विचलित करने के लिए मिद्यानी महिलाओं को आश्वस्त किया था।
Read Moreयदि तुम उन लोगों को अपने देश में ठहरने दोगे तो वे तुम्हारे लिए बहुत परेशानियाँ उत्पन्न करेंगे। वे तुम्हारी आँखों में काँटे या तुम्हारी बगल के कील की तरह होंगे। वे उस देश पर बहुत विपत्तियाँ लाएंगे जहाँ तुम रहोगे। मैंने तुम लोगों को समझा दिया जो मुझे उनके साथ करना है और मैं तुम्हारे साथ वही करूँगा यदि तुम लोग उन लोगों को अपने देश में रहने दोगे।”
Read Moreयहोवा जो इस्राएल का महान राजा है, अपने लोगों का उसने मोआब के मैदानों के लिए नेतृत्व किया। वे वादे के देश की सीमा पर पहुंच गए थे। वे अपनी आँखों से देख सकते थे। यरदन नदी के सामने इस्राएल का डेरा था। नदी के उस पार पहाड़ियों के साथ खुली, सूखी ज़मीन थी।
Read Moreमूसा परमेश्वर के लोगों के दिलों के डर को जानता था। वादे के देश में प्रवेश करना एक बड़ी चुनौती थी। यह डरावना था! लेकिन परमेश्वर अपने लोगों को वफ़ादारी से यहां तक ले आया था। चार सौ साल पहले, उसने इब्राहीम से एक वादा किया था।
Read Moreइस्राएल का राष्ट्र जिस समय वादे के देश की सीमा पर एक पक्षी कि तरह बैठा हुआ था, मूसा उपदेशों और नियमों के माध्यम से उन्हें उपदेश देता रहा। उसने उन्हें परमेश्वर के साथ बनाये उन महान वाचाओं को याद दिलाया, और उन्हें उन वादों को निभाना सिखाया। वह उन्हें अंतिम बार इन बातों को सिखा पाएगा।
Read Moreसीनै पर्वत पर परमेश्वर किआवाज़ को सुनना इस्राएल के लोगों के लिए एक महान पल था। इतिहास में किसी भी देश ने कभी भी परमेश्वर के साथ इस तरह से सामना नहीं किया होगा।यह इसीलिए था क्यूंकि इस्राएल को इतिहास में एक बहुत ही खास भूमिका के लिए चुना गया था।
Read Moreपहला नियम जो यहोवा ने अपने लोगों को दिया वह था की, "तुम्हे मेरे अतिरिक्त किसी अन्य देवता को, नहीं मानना चाहिए।" इसका मतलब था की इस्राएली किसी और झूठे देवता किमूर्तियों की पूजा नहीं कर सकते थे। इसका मतलब यह भी था की उन्हें उस भूमि को उन मूर्तिपूजक राष्ट्रों से साफ़ करना था जो सैकड़ों वर्षों से वहां रह रहे थे।
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