बाइबिल में, परमेश्वर हमें यह कहानी बताते हैं किकिस प्रकार पूरे इतिहास में उस मानवजाति के साथ सम्बन्ध बनाने में लगे रहे जिसे उन्होंने अपने लिए सृजा था। उन्होंने मानवजाति के लिए सारे भ्रमांड को बनाया, जिसमें सितारों का वैभव और प्रकृति कि सुंदरता को हमारे आनन्द के लिए डाला।
Read Moreआइये एक साथ बाइबिल का पहला अध्याय पढ़ें। यह सबसे सुंदर चीज़ है जो किसी भी भाषा में नहीं लिखी गयी और सबसे अच्छी बात यह है कि यह सच है!
Read Moreपहले तीन दिन परमेश्वर ने सुंदरता को उंडेलते हुए प्रकाश और आकाश और भूमि और समुद्र को तैयार किया। उन्होंने वो सभी घास और वृक्ष बनाये जो पृथ्वी को नरम और सुंदर बनाते हैं। जब हम निर्माण की कहानी को पढ़ते हैं तो यह कितना आश्चर्यजनक लगता है की उसके लिए यह सब कर पाना कितना सरल है!
Read Moreआइये इस बात पर सोचें कि परमेश्वर ने पहला मनुष्य बनाते समय एक पल के लिए क्या किया होगा। यह इतनी अद्भुत और आश्चर्यजनक बात है कि हमें ज़रुरत है कि इन बातों पर एक बार फिर सोचें। इन सब बातों को अपने अंदर समाने में वक़्त लगता है क्यूंकि अब सब कुछ कितना भिन्न हो चुका है।
Read Moreनिर्माण के छठे दिन परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया। एक बार मनुष्य के दुनिया में लाने के बाद, ब्रह्मांड पूरा हो गया। फिर शक्तिशाली परमेश्वर ने एक उल्लेखनीय काम किया।
Read Moreपरमेश्वर ने पहले मनुष्य को एक विकल्प दिया था। वह परमेश्वर किआज्ञाओं को अपने निरंतर प्रेम और भक्ति द्वारा दिखा सकता था। हर दिन, जब तक वह परमेश्वर द्वारा वर्जित फल को नज़रअंदाज़ करता था, परमेश्वर के प्रति उसकी आज्ञाकारिता चमकती रही जो उसके पहले प्रेम को दर्शाता था।
Read Moreआदम और हव्वा एक साथ बगीचे में रहते थे। वह उसकी अनमोल सहायक और साथी थी। उस भव्य,विशाल पेड़ों और कोमल सूरज की रोशनी के बीच बिताये जीवन किकल्पना कीजिए! वे एक गहरे और भावुक प्रेम को अपनी मासूमियत और पवित्रता में साझा किया करते थे।
Read Moreपरमेश्वर ने अपनी छवि में आदम और हव्वा को बनाया था, और अब यह टूट गया। यह उनके पाप के कारण बिखर गया था। परमेश्वर के साथ उनका विश्वास टूट गया था, और अब बुराई का बोझ उन पर था। वे दुष्टता की चाहत से बच नहीं सकते थे। वे ग़ुलाम हो गए थे।
Read Moreआदम और हव्वा खुद पर और दुनिया पर एक भयानक अभिशाप ले कर आये। वे पाप के बंधन में थे। लेकिन आदम को अभी भी भरोसा था। उसने अपनी पत्नी को देखा और उसका नाम हव्वा रखा जिसका अर्थ है "जीवित।" उनके बग़ावत के बावजूद, आदम को यह विश्वास था की परमेश्वर उसकी पत्नी और उनके प्रेम के द्वारा जीवन लाएगा।
Read Moreनोद में जाकर कैन ने एक शहर का निर्माण किया। यह वास्तव में एक किले कि तरह था। दूसरों की हिंसा से बचने के लिए यह स्थान उसके लिए संरक्षण था। अभिशाप पूर्ण प्रभाव में था, और मनुष्य के जीने के लिए यह एक हिंसक और खतरनाक जगह बन गई थी।
Read Moreशेत के होने के बाद, आदम और हव्वा के और बेटे बेटियां उत्पन्न हुए। उन सब के कई बेटे और बेटियां हुईं। पूरी दुनिया ऐसे मनुष्यों से भर रही थी जो परमेश्वर कि छवि में बनाये गए थे। लेकिन एक समस्या थी।
Read Moreआदम और हव्वा के वंशज कुल विद्रोह में थे। वे उनके अद्भुत और पवित्र परमेश्वर की छवि को प्रतिबिंबित नहीं करते थे। इसके बजाय, वे दुष्टता में जीते थे और स्वयं को और अपने भीषण व्यवहार से अपने परिवारों को शर्मसार करते थे। परमेश्वर अवश्य उनका न्याय करेगा।
Read Moreजल प्रलय के बाद उत्पत्ति के अध्याय कुछ आकर्षक हैं। उन्हें राष्ट्रों की तालिका कहा जाता है। यह नूह के तीन बेटों से आया पृथ्वी पर लोगों का वर्णन करती है।
Read Moreराष्ट्रों कि तालिका हमें बताती है की कैसे मानव जाति कि वृद्धि हुई और नूह और जल प्रलय के बाद वे पृथ्वी भर में फैल गए। नूह के पुत्र येपेत के बारे में बताने के बाद, बाइबिल हाम के पुत्र के बारे में सिखाती है।
Read Moreयह अगली कहानी आज की दुनिया के विषय में बताती है। यह राष्ट्र कितालिका के समय से पहले कि है। जल प्रलय के बाद, सभी मनुष्य वास्तव में एक साथ जुट गए। वे नूह की भाषा बोलते थे। वे खानाबदोश के रूप में एक साथ दूसरे देशों की यात्रा करते थे।
Read Moreपरमेश्वर वह सब कुछ देख रहा था जो उसके बनाये हुए मनुष्य कर रहे थे। वह उन्हें देख रहा था जब वे पूर्व कि ओर जा रहे थे, और जब वे उस विशाल ईमारत को बना रहे थे। और फिर परमेश्वर नीचे आया।
Read Moreपरमेश्वर के वादे के अनुसार अब्राम विश्वास के साथ निकल पड़ा। लेकिन वह अपनी यात्रा में अकेला नहीं था, और केवल वही नहीं था जो अकेला परमेश्वर पर भरोसा कर रहा था। उसकी पत्नी सरै ने भी बड़ी वफ़ादारी के साथ ऐसी दुनिया में कदम रखा जो उसके शहर से बिलकुल भिन्न था।
Read Moreरात के अँधेरे में, इब्राहीम और उसके साथी चार राजाओं के पीछे चले गए। अंधेरे की आड़ में उसने दो समूहों में अपने सैनिकों को विभाजित किया और दो दिशाओं में अपने दुश्मनों पर हमला किया।
Read Moreवाह। जिस समय हमने उसकी कहानी की शुरुआत की थी, उस समय से अब तक इबराम के जीवन में आए उस अंतर की कल्पना कीजिये I
Read Moreपरमेश्वर ने जब अब्राम को अपने घर को छोड़ कर वादे के देश में जाने को कहा, उसने उसके साथ कुछ शर्तें भी दीं। यदि अब्राम आज्ञा मानता है, तो परमेश्वर उसे अशिक्षित करेंगे। अब्राम ने आज्ञा का पालन किया। वह अपनी बाँझ पति को लेकर एक अज्ञात जगह को निकल पड़ा।
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