पाठ 149 :आशीर्वाद और लेवियों का अलग किया जाना

मूसा ने मंदिर के निर्माण के पराक्रमी काम को समाप्त किया। पूरा इस्राएल समुदाय उनके बहुतायत के धन में एक साथ शामिल हो गया था। परमेश्वर के सिंहासन को बनाने के लिए बहुत सारा सोना दिया गया और करूबों के साथ पर्दे सिले गए और उन्हें बड़ी सावधानी से लटका दिए गए। परमेश्वर दिन में बादल में उनके साथ रहता था और रात को आग में उपस्थित रहता था। डेरे के बीच में जलती हुई रौशनी एक निरंतर आश्वासन और स्मरण दिलाती थी की परमेश्वर उनके बीच में था। यह डेरे की पवित्रता को रखने का एक अनुस्मारक था जहां परमेश्वर की उपस्थिति रहनी थी। 

 

यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून और उसके पुत्रों से कहो। इस्राएल के लोगों को आशीर्वाद देने का ढंग यह है। उन्हें कहना चाहिएः

‘यहोवा तुम पर कृपा करे और तुम्हारी रक्षा करे।
यहोवा की कृपादृष्टि तुम पर प्रकाशित हो।
वह तुमसे प्रेम करे।
यहोवा की दृष्टि तुम पर हो।   तुम्हें शान्ति दे।’

इस प्रकार हारून और उसके पुत्र इस्राएल के लोगों के सामने मेरा नाम लेंगे और मैं उन्हें आशीर्वाद दूँगा।”

गिनती 6: 22-27

 

यह खूबसूरत आशीर्वाद सिर्फ एक सुंदर कविता नहीं थी। जब याजक इस्राएलियों के लिए इन्हें बोलता था जिस समय वे मंदिर में आते थे, तो इसका प्रभाव जीवन किवास्तविकता में गहरा काम होता था और परिवारों में आशीषों को लाता था। 

 

अपने लोगों से परमेश्वर के प्रति समर्पण बहुत शक्तिशाली और महान था। समुदाय के अगुवे उपहार की छः गाड़ियां ढांप कर लाये। उन्हें खींचने के लिए बारह बैल लाये गये। मूसा ने उन बैल गाड़ियों को लेकर लेवियों के गुटों को दे दिए। दो गाड़ियां गेर्शोन को दीं, और चार मरारियों को दीं। कहातियों को कोई गाड़ी नहीं दी गई। जब इस्त्राएलियों के यात्रा का समय हुआ, तब कहातियों को अपने ही हाथों से मंदिर की पवित्र चीज़ों को उठाना था। 

 

परमेश्वर के कांस्य वेदी के बारह दिनों के अभिषेक के बाद, प्रत्येक जनजाति के एक सदस्य को मंदिर में एक विशेष उपहार को लाना था। उन्हें एक चांदी की थाली में एक सौ तीस शेकेल और सत्तर शेकेल की एक बड़ी थाली लानी थी। उन्हें आटे से और तेल से इन्हें अन्नबलि के लिए भरना था। एक दस शेकेल की स्वर्ण थाली सुगंध के साथ लानी थी। इन्ही सब ख़ज़ानों के साथ, प्रत्येक जनजाति को एक बैल, एक मेढ़ा, और एक होमबलि के लिये एक वर्षीय पुरुष भेड़ के बच्चे को लाना था। उन्हें पापबलि के लिए एक बकरा, दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे और पांच भेड़ी के बच्चे, जो एक वर्ष के हों, लाना था। ये परमेश्वर के साथ एक मेलबलि के लिए चढ़ाये जाने थे। प्रत्येक जनजाति को विशेष दिन के लिए इन्हें अपने दिव्य राजा को उनके महान गृहप्रवेश के उपहार के रूप में लाना था। बारह दिनों के बाद, घर वापसी का उत्सव पूरा होता था। 

 

फिर समय आया की लेवी के गोत्र को मंदिर के पवित्र कार्य के लिए मूसा उन्हें अभिषेक करे। फिर लेवियों को स्वयं को पानी के साथ धोना था, और पूरे शरीर के बाल उतार कर साफ़ वस्त्र पहनने थे। उन्हें मंदिर के द्वार पर खड़ा रहना था। इस्राएल के सारे राष्ट्र को आकर सेवा करनी थी। इस्राएल के लोगों को लेवियों पर अपने हाथ रखना था। हाथ का रखना लेवियों पर परमेश्वर की सेवा करने के लिए इस्राएल के पहलौठे पर ज़िम्मेदारी को पारित कर देना होता था। लेवी स्वयं परमेश्वर के लिए एक होमबलि की तरह थे। अन्य किसी भी जनजाति से ज़्यादा वे परमेश्वर के लिए विशेष थे क्यूंकि वे सभी इस्राएलियों के पहलौठे पुत्र का प्रतीक थे। और वे परमेश्वर के क्रोध को संतुष्ट करते थे क्यूंकि वे पुत्रों की आवश्यकता को परमेश्वर की भेंट के रूप में पूरा करते थे। 

 

वे बलिदान के लिए दो बैल लाये, और लेवियों ने उन पर अपने हाथ रखे। एक परमेश्वर के लिए पापबलि था, और दूसरा वेदी पर अपने प्रायश्चित के लिए होमबलि था। यह अनुष्ठान इस याजक के गोत्र को परमेश्वर के काम के लिए अलग करता था। ये केवल उस पीढ़ी के लिए नहीं था जो मूसा के समय के दौरान जीवित थे। वे इस्राएल के पूरे इतिहास के लिए अलग किये गए थे। उनके सभी वंशज परमेश्वर के लिए विशेष भूमिका अदा करेंगे। जिस प्रकार हारून के पुत्र हमेशा परमेश्वर के निवास स्थान के लिए महायाजक होंगे, लेवियों को उनके नेतृत्व के लिए हारून के पुत्रों को दिया गया था।