पाठ 163 : बलाक राजा का नबी बिलाम के पास जाना

वाह। जिस परमेश्वर ने इस्राएल को मिस्र पर विजय दिलाई, वही परमेश्वर इस्राएल के आगे आगे चल रहा था और उन्हें कनान देश पर विजय दिला रहा था। उन्होंने कितना जश्न मनाया होगा!एमोरी एक शक्तिशाली प्रजा थी। उन्होंने भयंकर लड़ाई में मोआबियों पर विजय प्राप्त की थी और वे एक बहुत ही शक्तिशाली राष्ट्र माने जाते थे। अन्य सभी जातियां देख रहीं थीं की किस प्रकार इस्राएलियों ने उन सब पर विजय प्राप्त की। वे इस नए शक्तिशाली राष्ट्र से डरते थे जिनका एक महान परमेश्वर था। 

 

इस्राएली उत्तर कि ओर अपनी जीत से लौट आए। वे यरीहो के पार, यरदन नदी के पूर्व में आ गए। उनका डेरा वहां था, और वहां से वे वादे के देश के लिए अपना असली आक्रमण शुरू करेंगे। यह पश्चिम में, नदी की दूसरी तरफ़ था। परमेश्वर ने महासागर से लेकर यरदन तक भूमि को देने का वादा किया था।

 

इस्राएली नदी के उस पार और विस्तृत मैदान की दूसरी तरफ़ देख सकते थे। मैदान के दूसरी ओर पहाड़ी देश था, और वहां से वे उन बस्तियों और शहरों को देख सकते थे जिन्हें परमेश्वर ने उन्हें देने का वादा किया था। 

 

इस बीच, मोआब का राजा स्वयं को और अपने देश की रक्षा के लिए इधर उधर छिपता भाग रहा था। वह जानता था की इस्राएली उसकी दिशा में दक्षिण में अपनी सेनाओं को भेजेंगे। वह नहीं जानता था कि इस्राएलियों का उनके देश पर आक्रमण करने का कोई इरादा नहीं था। वे पश्चिम कि ओर जा रहे थे!

 

बालाक जो मोआब का राजा था, मिद्यानी लोगों के पास गया ताकि उसे कुछ मदद मिल सके। उसने कहा, "'लोगों का यह विशाल समूह हमारे चारों ओर की सभी चीज़ों को वैसे ही नष्ट कर देगा जैसे कोई गाय मैदान की घास चर जाती है।'" (गिनती 22: 4)। लेकिन वह नहीं जानता था की मिद्यानियों के साथ ही गठबंधन काफ़ी नहीं था। केवल इस्राएल की बड़ी सेना ही समस्या नहीं हो सकती थी। इस्त्राएलियों को लड़ाई में विजय परमेश्वर द्वारा मिली शक्ति से मिलती थी जो उन्हें सामर्थ देता था। यहोवा जीत के लिए जाना जाता था। सो वह अपने समय के महान बुतपरस्त नबी के पास गया। उसका नाम बिलाम था, और वह सारे देश में बेतहाशा प्रसिद्ध था। उसकी प्रसिद्धि दुनिया भर में इससे जानी जाती थी की जिस किसी को भी वह शाप देता था, वह वास्तव में शापित हो जाता था, और जिस किसी को भी वह आशीर्वाद देता था, वह अशिक्षित होता था। हर कोई उसकी दुष्ट शक्ति का सम्मान करता था। उनके देवता भी उसके मांगने के अनुसार पूरा करते थे। यह इतना विशाल था कि जब पूरे राष्ट्र को लगा की वे मुसीबत में हैं, उन्होंने उसकी शक्ति पर एक नबी की तरह विश्वास किया की वह भी उन्हें बचा लेगा। 

 

शाप वह होता है जब कोई किसी देवता की ऐसी शक्ति को पुकारता है जो किसी अन्य व्यक्ति, एक परिवार, एक शहर, या एक राष्ट्र पर आपदा लाये। कभी कभी यह मौत या कोई रोग या युद्ध में हार जाना, इनका भी आमंत्रण देते हैं। मोआब का राजा चाहता था कि बिलाम आकर इस्राएल को शाप दे ताकि वह उन्हें युद्ध में हरा सके। 

 

मोआबी और मिद्यानी बुज़ुर्ग बिलाम के पास यात्रा करके गए ताकि वह उनकी मदद कर सके। बिलाम ने उन्हें वहीं रात बिताने के लिए कहा। उसने वादा किया की वह परमेश्वर से पूछेगा कि उसे उनके साथ जाना चाहिए या नहीं। 

 

परमेश्वर बिलाम के पास आया और उससे पूछा कि वे लोग क्या चाहते थे। बिलाम ने समझाया कि वह चाहता था की इस्त्राएलियों पर एक अभिशाप डाल दिया जाये। परमेश्वर ने बिलाम को जाने से मना किया, इसीलिए अगली सुबह, उसने उन्हें वापस भेज दिया। उसने उन्हें बताया की परमेश्वर ने उसे जाने की अनुमति नहीं दी है। मोआबी बालाक के पास वापस लौटे और उसे बताया कि बिलाम नहीं आएगा।इसलिए बालाक ने और उच्च पदों के पुरुषों को भेजा ताकि वे बिलाम के पास जाकर बिनती कर सकें। उसने उन्हें महान पुरस्कार और धन देने का वादा किया। बिलाम ने इस प्रकार उत्तर दिया;

 

"'यदि राजा बालाक अपने सोने चाँदी भरे सुन्दर घर को दे तो भी मैं अपने परमेश्वर यहोवा के आदेश के विरुद्ध कुछ नहीं करूँगा। किन्तु तुम भी उन दूसरे लोगों की तरह आज की रात यहाँ ठहर सकते हो और रात में मैं जान जाऊँगा कि यहोवा मुझसे क्या कहलवाना चाहता है।”'

गिनती 22:19

 

बिलाम फिर परमेश्वर के पास गया, और इस बार परमेश्वर ने हाँ कहा। बिलाम मोआब के राजा के पास उन पुरुषों के साथ जा सकता था, लेकिन उसे वैसा ही करना था जैसा परमेश्वर ने उसे कहा था।

 

अगली सुबह, बिलाम मोआब के पुरुषों के साथ जाने के लिए गधे पर सवार हो गया। जब वे जा रहे थे, परमेश्वर का कोप बिलाम के विरुद्ध जल उठा। उसने उसके रास्ते को रोकने के लिए परमेश्वर के दूत को भेजा। उसने अपनी तलवार वार करने के लिए निकाली। गधे ने उस शक्तिशाली स्वर्गदूत को देखा, और जान गया की खतरा है। वह सड़क के किनारे हो गया। बिलाम ने दूत को नहीं देखा था। महान, बुतपरस्त नबी किदृष्टि वास्तव में सीमित थी! उसने सोचा की वह गधा सिर्फ ज़िद्दी हो रहा है। जब वे खेत में फिर रहे थे, बिलाम गधे पर से उतरा और उसे मारने लगा। वह उसे वापस सड़क पर नहीं ला पा रहा था। गधा और नबी दोनों अंगूर की बेल की दीवारों के बीच में थे। परमेश्वर के दूत के उनके सामने मंडराने के कारण, वह जानवर डर के कारण दीवार पर टिक गया। उसने बिलाम का पैर कुचल दिया और उसे और भी अधिक गुस्सा आया और वह गधे को और अधिक पीटने लगा। 

 

तब दूत उनके इतने करीब गया किउन्हें इधर उधर मुड़नेकिकोई जगह नहीं मिली। जब गधा लेट गया, तो उस नबी को और अधिक क्रोध आया। उसने उस निर्दोष गधे को अपनी छड़ी से मारा। उस समय, परमेश्वर के लिए यह काफ़ी था। बाइबिल कहती है;

 

"तब यहोवा ने गधे को बोलने वाला बनाया। गधे ने बिलाम से कहा, “तुम मुझ पर क्यों क्रोधित हो मैंने तुम्हारे साथ क्या किया है? तुमने मुझे तीन बार मारा है!”

बिलाम ने गधे को उत्तर दिया, “तुमने दूसरों की नजर में मुझे मूर्ख बनाया है यदि मेरे हाथ में तलवार होती तो मैं अभी तुम्हें मार डालता।”

किन्तु गधे ने बिलाम से कहा, “मैं तुम्हारा अपना गधा हूँ जिस पर तुम अनेक वर्ष से सवार हुए हो और तुम जानते हो कि मैंने ऐसा इसके पहले कभी नहीं किया है।”

“यह सही है।” बिलाम ने कहा।

तब यहोवा ने बिलाम को सड़क पर खड़े दूत को देखने दिया। बिलाम ने दूत और उसकी तलवार को देखा। तब बिलाम ने झुक कर प्रणाम किया। दूत क्या करता, और वह वहां क्यूँ था?