केवल यूहन्ना के चेले ही नहीं थे जिन्होंने यीशु की लोकप्रियता को देखा। फरीसियों भी उस पर ध्यान दे रहे थे। सच तो यह था की यीशु स्वयं नहीं परन्तु उसके चेले बपतिस्मा दे रहे थे।
Read Moreप्रभु काना के शहर उत्तरी सामरिया से होते हुए गया। यह वही जगह थी जहान यीशु ने एक विवाह में पानी से दाखरस बनाया था। यह उसका पहला चमत्कार था, और इस्राएल की दुल्हन के आगमन का प्रचार कर रहा था।
Read Moreकोढ़ी के चमत्कारी उपचार के बारे में शब्द दूर दूर तक फ़ैल गया। यीशु की लोकप्रियता बढ़ रहा थी, और नीचे दक्षिण यरूशलेम में लोग उसके बारे में अधिक से अधिक सुन रहे थे।
Read Moreयहूदियों का एक और पर्व आया था, और इसलिए यीशु अपने पिता की आराधना करने के लिए यरूशलेम को गया। यरूशलेम सैकड़ों वर्ष पहले बनाया गया था और वह ऊंची दीवारें से घिरा हुआ था और कुछ ... / साल से बना हुआ था। इन दीवारों के ऊंचे फाटक थे ताकि लोग उस पवित्र नगर में आ सकें।
Read Moreयेरुशलम में यहूदियों के साथ अपने महान टकराव के बाद, यीशु अपने घर वापस गलील चेलों के साथ गया। एक दिन, यीशु और उसके चेले ग्रामीण इलाकों के अनाज क्षेत्रों से जा रहे थे।
Read Moreमत्ती में पहाड़ पर उपदेश इसलिए लिखा गया ताकि वो सब बातें दिखा सके जो यीशु ने सिखाईं जब वह गलील में ग्रामीण इलाकों में गया। मत्ती ने यीशु के शिक्षण को एकत्र कर दिया ताकि उस तस्वीर को समझ सकें जो स्वर्ग के राज्य के जीवन के विषय में बताती है। उन में से बहुत विचार लूका कि किताब में भी हैं, लेकिन वे उसकी किताब में फैले हुए हैं।
Read Moreधार्मिक अगुवे यीशु से निपटने के लिए यरूशलेम से आए थे। उन्होंने गलील में इतने अद्भुद चमत्कार किये कि उनके खिलाफ कोई नहीं बोल सकता था। भीड़ उसे दाऊद का पुत्र समझने लगी थी। क्या वह उनका आने वाला राजा था? उसकी शक्ति कहां से आयी थी?
Read Moreप्रभु यीशु ने शक्तिशाली तूफान को शांत किया। वह और उसके चेले गदरेनियो नामक क्षेत्र को सागर के दूसरे पक्ष कि ओर रवाना हुए। यह गलील के दूसरी ओर था, और बहुत से अन्यजाती वहाँ रहते थे। जब वे नावों से बाहर आये, एक व्यक्ति जो कब्रों के आप पास घूमा करता था उनकी ओर आया।
Read Moreहाल ही में चेलों का यीशु के साथ कैसा नाटकीय क्षण रहा है! उन्होंने उसे शब्दो से तूफ़ान को थमते हुए देखा था। उन्होंने उसे एक खतरनाक इंसान को मानसिक रूप से स्थिर करते देखा। ऐसे चुंबकीय शिक्षक के भीतर से पूर्ण विजय निकल के आ रही थी।
Read Moreयीशु ने लोगों की कड़ी हार्दिकता के बावजूद गलील में सुसमाचार को सुनाता रहा। वो पश्चाताप जिससे परमेश्वर के लोगों को उनके उद्धारकर्ता के आने पर चिह्नित होना चाहिए था?
Read Moreयूहन्ना बपतिस्मा देने वाले कि मृत्यु के बाद चेले यीशु के पास वापस आ गए। वे सुसमाचार सुनाते हुए, दो दो कर के गलील के क्षेत्र में यात्रा करने लगे। इन्होने अपने सेवकाई के दौरान जो कुछ बीता उसे आकर यीशु को सुनाया। यीशु इन को परमेश्वर कि सामर्थ और अधिकार में प्रक्षिशण दे रहे थे।
Read Moreफिर यीशु ने वह स्थान छोड़ दिया और सूर के आस-पास के प्रदेश को चल पड़ा। सूर भूमध्य सागर के किनारे बसा एक बड़ा शहर था। यह एक अन्यजातियों का शहर था। वह यहूदी दुश्मनो से अपने आप को दूर रख रहा था। वहाँ वह एक घर में गया। वह नहीं चाहता था कि किसी को भी उसके आने का पता चले।
Read Moreचेले यीशु के संग बैतसैदा चले आये। वहाँ कुछ लोग यीशु के पास एक अंधे को लाये और उससे प्रार्थना की कि वह उसे छू दे। उसने अंधे व्यक्ति का हाथ पकड़ा और उसे गाँव के बाहर ले गया।
Read Moreअगले दिन, यीशु के रूपांतरण होने के बाद वे पहाड़ से पतरस, याकूब और यूहन्ना के साथ जब वापस आये तो, भीड़ बाकी के चेलों को घेरी हुई थी। कुछ शास्त्री, जो धार्मिक अगुवे थे जो उनके साथ बहस कर रहे थे।
Read Moreमिलापवाले तम्बू का पर्व शुरू हो चुका था और सब यही सोच रहे थे कि यीशु कब आएगा और इस बात कि अफवाह फैलाई गई थी कि यहूदी अगुवे उसे मरवा देंगे। वह आया और बहुत साहस और सफाई के साथ बोला।
Read Moreयीशु जब प्रचार करते जा रहे थे, वे उन भयानक विकृतियों और झूठ को खोलते जा रहे थे जिसने लोगों को भय और झूठे विश्वास में जकड़ा हुआ था। अपने स्वर्गीय पिता के विषय में झूठ सुनकर वह कितना अपमानित महसूस कर रहा होगा!
Read Moreमिलापवाले तम्बू के पर्व के तीन महीने बीत चुके थे और अब समर्पण के पर्व का समय आ गया था।एक बार फिर, सभी तीर्थयात्त्री इस्राएल देश से यरूशलेम को यात्रा के लिए जाएंगे। पिछले पर्व की घटनाएं अभी भी लोगों के दिमाग में ताजा थीं।
Read Moreफिर उसके पड़ोसी और वे लोग जो उसे भीख माँगता देखने के आदी थे, उसे देख कर हैरान हुए। वह उस व्यक्ति के समान दिखता था जिसे वे हर रोज़ देखते थे लेकिन ऐसा कैसे हो सकता था? उन्होंने एक दूसरे से पुछा,“क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो बैठा हुआ भीख माँगा करता था?”
Read Moreयीशु ने तीन साल से फरीसियों और धार्मिक नेताओं का सामना किया था। यह और भी अधिक स्पष्ट होता जा रहा था कि उनके दिल विद्रोह और पाप में पक्के हो गए थे। परमेश्वर कि सच्चाई को सुनने के बाद उसको अस्वीकार कर देना ही बहुत खतरनाक बात है।
Read Moreयीशु अपने चेलों को समझा रहे थे कि इस्राएल के देश में क्या हो रहा था। यदि यीशु ही मसीहा है, तो उसके और धार्मिक अगुवों के बीच क्यूँ ऐसा युद्ध था? क्या उन्हें एक साथ मिलकर काम नहीं करना चाहिए? यीशु ने समझाया कि, वे जो उसके हैं और अपने स्वर्गीय पिता कि आवाज़ को सुनते हैं, तो उन्हें पश्चाताप करके उसके पीछे चलना चाहिए।
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