यीशु जब प्रचार करते जा रहे थे, वे उन भयानक विकृतियों और झूठ को खोलते जा रहे थे जिसने लोगों को भय और झूठे विश्वास में जकड़ा हुआ था। अपने स्वर्गीय पिता के विषय में झूठ सुनकर वह कितना अपमानित महसूस कर रहा होगा!
Read Moreयीशु ने यरूशलेम में स्तुति और प्रशंसा करते हुए प्रवेश किया। जब वह बछड़े के ऊपर बैठ कर आ रहा था लोग उसके साथ नाचते थे, और जकर्याह की भविष्यवाणी को पूरा कर रहे थे। उस दिन कि कहानियों का उस रात येरूशलेम में बहुत चर्चा हुई।
Read Moreयीशु का येरूशलेम फसह के पर्व में आना हवा के समान था, जिसने सब कुछ उल्टा पुल्टा कर दिया था। उसने दिखावे कि झूठी आराधना को उनके भ्रष्टाचार के द्वेष को हिला कर रख दिया था। लोगों के पक्ष को बुलाया गया। क्या वे मनुष्य के रास्ते को चुनेंगे या परमेश्वर के रास्ते को? क्या वे सच्चे इतिहास कि ओर होंगे? क्या वे परमेश्वर के साथ वफादार रहेंगे?
Read Moreयीशु ने अपने शिष्यों को वह उपदेश दिया जो पूरा इस्राएल सुनना चाहता था। जब वे जैतून के पहाड़ पर बैठे थे, उसने पूरे मनुष्य के इतिहास के लिए अपनी योजना को दिखाया। पापी संसार में समय बहुत कठिन होने जा रहा था, और महान क्लेश के समय तक बहुत कष्ट बढ़ने वाला था।
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