पुराना नियम इस वाक्य से शुरू होता है: "शुरुवात में, परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की रचना की।" फिर वह यह भव्य और शानदार कहानी बतलाती है जिसमे परमेश्वर सिर्फ अपने मुंह के बोले शब्द से सारी दुनिया को बनाता है। "रोशिनी हो!", परमेश्वर ने कहा; और फिर, गुप अँधेरे से तेज़ और चमकदार रोशिनी फूट कर निकली!
Read Moreपुराने नियम की कहानी एक सुंदर कहानी है। पर यह एक दुखद कहानी है। यह एक महान राज्य की कहानी है जिस पर एक धर्मी राजा के दुष्ट और ज़हरीले दुश्मन ने घुसपैठ की। सबसे बुरी बात यह थी कि राजा के अपने सेवकों ने उसको अन्दर आने दिया।
Read Moreप्रभु का वह भयावह दिन, जब परमेश्वर इसराइल और दुनिया के देशों का न्याय करने आएगा, इस कहानी का अंत नहीं है। जब प्रभु यीशु आएगा, वह अपने दुश्मनों पर पूरी जीत हासिल करेगा।
Read Moreमत्ती की पुस्तक नए नियम की सबसे पहली पुस्तक है। कई लोगों का यह विश्वास है कि जब शुरू की कलीसियाएं इस बात का निर्णय ले रही थी कि सुसमाचारों में से कौन सी पुस्तक पहले आनी चाहिए, उन्होंने मत्ती की पुस्तक को चुना क्यूंकि उसने बहुत अच्छे तरीके से नए और पुराने नियम को साथ जोड़ा। वंशावलियों ने यह रास्ता बनाया!
Read Moreयूसुफ को यह कितना अजीब लगा होगा। उसकी मंगनी मरियम से हुई थी। हालांकि उस समय के इस्राएल, में माता पिता अपने बच्चों की शादी तय करते थे, वे अक्सर अपनी पसंद के साथ अपने बच्चों को खुश करने की कोशिश करते थे! एक बार माता - पिता शादी पर सहमत हो जाते, वो कानूनी रूप से बाध्यकारी था।
Read Moreयूसुफ़ और मरियम कितना अचंबित हुए होंगे जब चरवाहों ने उन्हें स्वर्गदूतों और उन सभी के चारों ओर परमेश्वर की महिमा के प्रकाश की कहानियाँ बताई होंगी! जब मरियम प्रभु यीशु को दूध पिला और नेहला रही होगी, तो उसने इन भव्य आयोजनों के बारे में क्या सोचा होगा?
Read Moreयूहन्ना ने यीशु के जीवन के बारे में अपना सुसमाचार यह समझाते हुए आरम्भ किया कि प्रभु ही वह परमेश्वर का वचन था जिसने सम्पूर्ण पृथ्वी और आकाश की सृष्टि की थी ! वह अनंतकाल भूत से जीवित है, बिना किसी आरम्भ के, क्योंकि वह स्वयं परमेश्वर है !
Read Moreयरूशलेम से जाने के बाद, यीशु और उसके चेले यहूदी पहाड़ी क्षेत्र से बाहर चले गए। यीशु ने वहाँ अपने चेलों के साथ समय बिताया और उन्हें बपतिस्मा दिया जो उनके पास आये। यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला लोगों को ऐनोन के क्षेत्र में बपतिस्मा दे रहा था।
Read Moreनासरी के लोग कफरनहूम के लोगों से कितने अलग थे! वे सुनते थे और मानते थे और चंगाई पाते थे! क्या आप लोगों की उत्तेजना कि कल्पना कर सकते हैं ?
Read Moreमत्ती कि किताब को जब आप पढ़ेंगे, आप देखेंगे कि पतरस को अधिक ध्यान दिया जा रहा था। वह इस प्रकार से कहानियों को बयान करता है कि उससे लगता है कि वह यीशु के करीबी मित्र है और चेलों का अगुवा भी।
Read Moreपतरस ने यह घोषणा की कि यीशु, जीवते परमेश्वर का पुत्र है। यह एक साहसिक, अयोग्य बयान था, और वह ऐसा करना चाहता था। यह केवल सच्चाई कि घोषणा नहीं थी, बल्कि यह राज निष्ठा कि भी घोषणा थी। पतरस एक पक्ष का चयन कर रहा था क्यूंकि वह जानता था कि यीशु ही परमेश्वर का अभिषेक किया हुआ है।
Read Moreप्रभु का दिन आने वाला है, और जिस समय यीशु पृथ्वी पर चला करते था, वह उसकी अपेक्षा करते थे। वो दिन न्याय का दिन होगा और अविश्वास और विद्रोह के विरुद्ध में आग होगी। जो उस पर विश्वास करेंगे उनके लिए उद्धार का दिन होगा।
Read Moreमिलापवाले तम्बू के पर्व के तीन महीने बीत चुके थे और अब समर्पण के पर्व का समय आ गया था।एक बार फिर, सभी तीर्थयात्त्री इस्राएल देश से यरूशलेम को यात्रा के लिए जाएंगे। पिछले पर्व की घटनाएं अभी भी लोगों के दिमाग में ताजा थीं।
Read Moreचेले जब यीशु को सुन रहे थे, वे उसकी हर बात का विश्वास कर रहे थे। उनकी आशा और भविष्य़ उसकी बातों पर निर्भर करता था। उन्होंने सब कुछ का त्याग कर दिया था क्यूंकि वे उसकी बातों को गम्भीरता से लेते थे! और यीशु ने उन्हें बहुतायत से इनाम देने का वायदा किया है।
Read Moreयीशु जब ऊपरी कक्ष में अपने चेलों के साथ बैठे थे, वह क्रूस पर जाने से पहले उन्हें अपना अंतिम सन्देश दे। बार बार वह उन्हें यीशु और पिता के बीच उस बंधन के विषय में सिखाता था जो पवित्रके द्वारा होता है। यह जानना इतना महत्वपूर्ण था की वह उन्हें बार बार समझाता था।
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