यीशु ने पंद्रह हजार लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन में पांच रोटियां और दो मछली खिलाईं। वे सभी उस दिन तृप्त होकर अपने घर को गए। उन्होंने जितना उसके शिक्षण कि बातों को लिया उतना ही भोजन पर भी किया।
Read Moreमिलापवाले तम्बू का पर्व शुरू हो चुका था और सब यही सोच रहे थे कि यीशु कब आएगा और इस बात कि अफवाह फैलाई गई थी कि यहूदी अगुवे उसे मरवा देंगे। वह आया और बहुत साहस और सफाई के साथ बोला।
Read Moreयीशु ने यहूदिया और पेरी से होते हुए इस्राएल के पूर्ण देश कि यात्रा की। अब उसे येरूशलेम कि अंतिम यात्रा पर निकलना था। गलील और समरिया के रास्ते से होते हुए वह दक्षिण को फसह के पर्व को मनाने के लिए गया। बहुत से यहूदी भी इस पर्व को मनाने के लिए जा रहे थे।
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