आदम और हव्वा पूरे आराम और खुशी से उस बगीचे में रहते थे। परमेश्वर , जो सब कुछ पर प्रभु है, उनके पास हमेशा था। वह उस बगीचे में उन लोगों के साथ बात करते हुए साथ चलता था।
Read Moreपुराने नियम की कहानी एक सुंदर कहानी है। पर यह एक दुखद कहानी है। यह एक महान राज्य की कहानी है जिस पर एक धर्मी राजा के दुष्ट और ज़हरीले दुश्मन ने घुसपैठ की। सबसे बुरी बात यह थी कि राजा के अपने सेवकों ने उसको अन्दर आने दिया।
Read Moreमरियम और यूसुफ अपने शिशु बच्चे के साथ बेतलेहेम में रुके रहे। उन्हें एक घर मिला और वो एक युवा जोड़े के रूप में अपना जीवन बिताने लगे। उन पहले दो सालों की कल्पना करो जब उन्होंने परमेश्वर के पुत्र को पकड़ा, खिलाया और डकार दिलाई होगी। वास्तव में, क्या ही एक महान रहस्य !
Read Moreजब शाही ग्यानी और उनके काफिले जो सोने और उत्तम मसालों की भेटों के साथ लदे उनके दरवाजे पर आए, तो आप यूसुफ और मरियम की कल्पना कीजिए! जो अद्भुत बातें उन्हें परमेश्वर ने स्वर्गदूत द्वारा प्रकाशित की, अब दूर की भूमि से अनोखे, सुरुचिपूर्ण पुरुषों के द्वारा भी प्रकाशित हो रही थी!
Read Moreजब मत्ती, मरकुस, और लूका ने सुसमाचार के विषय में अपनी अपनी कहानियाँ लिखीं, वे मसीह का यह चित्र दिखाना चाहते थे : वह मनुष्य जो परमेश्वर था ।
Read Moreयूसुफ़ और मरयम इज्ज़तदार यहूदी थे । वे परमेश्वर के नियमों का पालन करते थे और अपने चाल चलन के द्वारा परमेश्वर के पवित्र लोगों को दिए गए आदेशों का मान रखते थे ।
Read Moreफिर वह नासरत आया जहाँ वह पला-बढ़ा था ताकी वहाँ के लोगों को लोगों को यह शुभ सन्देश बता सके की परमेश्वर क्या कर रहा है। क्या वे यह विश्वास करते की वह यहाँ है?
Read Moreकोढ़ी के चमत्कारी उपचार के बारे में शब्द दूर दूर तक फ़ैल गया। यीशु की लोकप्रियता बढ़ रहा थी, और नीचे दक्षिण यरूशलेम में लोग उसके बारे में अधिक से अधिक सुन रहे थे।
Read Moreयीशु ने पहाड़ी उपदेश में फिर मूसा द्वारा व्यवस्थाविवरण की पुस्तक में दी गई व्यवस्था पर बात की। यह कहती थी: "एक आंख के बदले एक आंख, एक दाँत के बदले एक दाँत।"
Read Moreजब यीशु ने पहाड़ी उपदेश पढ़ाया, तो उन्होंने छह प्रकार के तरीके बताये जिससे उनके समय के यहूदी नेता और पूरी यहूदी संस्कृति ने पुराने नियम के उच्च और पवित्र व्यवस्था को विकृत करके उसका दुरुपयोग किया।
Read Moreजैसे जैसे यीशु अपने भोंकते हुए, स्पष्ट उपदेश को दे रहे थे, वे प्यार के मतलब के बारे में बात करने लगे। उन्होंने बोला कि ऐसे किसी व्यक्ति को इनाम नहीं मिलना चाहिए जो उन लोगों को प्यार करे जो उसे वापस प्यार करें। यह आसान है! यहां तक कि कर लेने वाले भी यही करते है!
Read Moreपहाड़ पर दिए उपदेश के पहले भाग में, यीशु ने उच्च और पवित्र नियम से सिखाया कि प्रेम ही सर्वोच्च लक्ष्य है। फिर उसने अपने चेलों उनको अमल करना सिखाया! स्वर्ग के राज्य के प्रेम को यीशु ने पहाड़ के उद्देश्य को शुद्ध और इंसानियत कि पवित्रता में दिखाया जो उसकी स्तुति करने में इच्छा रखता है।
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