केवल धार्मिक अगुवे थे जिन्होंने ने परमेश्वर के सन्देश को यूहन्ना और यीशु के द्वारा सुनने से इंकार किया। इस्राएल के देश में बहुत से लोग ने भी उन्हें ठुकराया।
Read Moreयीशु स्वर्ग के राज्य के बारे में दृष्टान्तों में अपने चेलों से बात करने लगा था। बाकि कि भीड़ वहाँ थी जब यीशु नाव से प्रचार कर ही रहे थे, परन्तु अधिकतर लोगों के लिए यह कहानियां रहस्मय थीं।
Read Moreयीशु ने दृष्टान्तों में परमेश्वर के राज्य के बारे में बताना शुरू कर दिया था। जब उसने राज्य के विषय में पहले सिखाया, उसने उस अभिशाप के विरुद्ध लड़ने वाले युद्ध के विषय में चेतावनी दी जो आदम और हव्वा के कारण इस दुनिया में आया।
Read Moreयीशु अपने शिष्यों को दृष्टान्त से सिखाता रहा कि किस प्रकार परमेश्वर का राज्य इस दुनिया में सच्चे विश्वासियों के लिए कार्य करता है जो उसके आगमन कि इंतेजारी करते हैं।
Read Moreजब यीशु यहूदिया के शहर में प्रचार कर रहे थे, तब एक न्यायशास्त्री खड़ा हुआ और यीशु की परीक्षा लेने के लिये उससे सवाल करने लगा। वकील का दूसरा नाम शिक्षक भी है। ये लोग पुराने नियम कि व्यवस्था को पढ़ने में सारा जीवन व्यतीत कर देते थे।
Read Moreप्रभु यीशु ने अपने चेलों के लिए स्वर्ग के राज के लिए आशा दी थी। स्वर्ग का राजा चाहता है कि लोग उस पर पूर्ण रीति से भरोसा करें। यहां तक कि उनकी सांसारिक संपत्ति को कम महत्व देते हुए परमेश्वर के कामों में इस पृथ्वी पर लगाना है।
Read Moreयीशु जब प्रचार करते जा रहे थे, वे उन भयानक विकृतियों और झूठ को खोलते जा रहे थे जिसने लोगों को भय और झूठे विश्वास में जकड़ा हुआ था। अपने स्वर्गीय पिता के विषय में झूठ सुनकर वह कितना अपमानित महसूस कर रहा होगा!
Read Moreयीशु ने तीन साल से फरीसियों और धार्मिक नेताओं का सामना किया था। यह और भी अधिक स्पष्ट होता जा रहा था कि उनके दिल विद्रोह और पाप में पक्के हो गए थे। परमेश्वर कि सच्चाई को सुनने के बाद उसको अस्वीकार कर देना ही बहुत खतरनाक बात है।
Read Moreयीशु एक प्रभावशाली फरीसी के मेज़ पर बैठे थे। क्षेत्र के प्रभावशाली सम्मानित धार्मिक पुरुष भी उनके साथ शामिल हो गए थे। आम तौर पर, रात के खाने का निमंत्रण दोस्ती को दर्शाता है, लेकिन इस मामले में, यह काफी विपरीत था। इन लोगों ने यीशु को फंसाने के लिए उसे आमंत्रित किया था।
Read Moreकभी कभी जब हम प्रभु यीशु के जीवन और शब्दों के बारे में पढ़ते हैं तो वह जंगली और अदम्य लग सकता है। वह अप्रत्याशित है। वह हमारी उम्मीद से बढ़कर करता है। ऐसा लगता है मनो वह एक दूसरी दुनिया से आया हो और अपने साथ उन अजीब रिवाज़ों और आस्थाओं को अपने साथ लाया हो।
Read Moreधार्मिक अगुवे यीशु से परेशान थे कि वह पापियों और चुंगी लेनेवालों के साथ अपना समय बिताया करता है। वे यह नहीं देख पा रहे थे कि उनके घमंड और द्वेष के कारण वे इतने झुके और बिगड़े हुए कैसे हो सकते हैं।
Read Moreचेले जब यीशु को सुन रहे थे, वे उसकी हर बात का विश्वास कर रहे थे। उनकी आशा और भविष्य़ उसकी बातों पर निर्भर करता था। उन्होंने सब कुछ का त्याग कर दिया था क्यूंकि वे उसकी बातों को गम्भीरता से लेते थे! और यीशु ने उन्हें बहुतायत से इनाम देने का वायदा किया है।
Read Moreजिस रात यीशु जक्कई के घर में और उसके जीवन में गए, उस रात जक्कई ने बहुत जशन मनाया होगा! यीशु के चेलों के साथ और परिवारों के साथ जक्कई ने बड़ा भोज बांटा।
Read Moreसुबह हो गयी थी, यीशु अपने चेलों के साथ बैतनिय्याह को जैतून के पहाड़ पर येरूशलेम के उस पार चला गया। यीशु उन्हें स्वर्गीय पिता के विषय में सिखा रहा था। चेले परमेश्वर के बेटे पर विश्वास करते थे, और इसीलिए उनके परमेश्वर ने इच्छापूर्वक उनकी प्रार्थना को सुना।
Read Moreजब यीशु जैतून के पहाड़ पर अपने चेलों को सिखा रहे थे, तो उन्होंने उन्हें पृथ्वी के भविष्य और यहां रहने वाले सभी मनुष्यों के बारे में शानदार और भयावह अंतर्दृष्टि दी। उन्होंने उन्हें बहुत कुछ सिखाया कि वो किस प्रकार सब बातों का अंत लाएंगे।
Read Moreजो दूसरी कहानी यीशु बताने जा रहे थे, वो भी भविष्य के बारे में थी। प्रभु पृथ्वी के लोगों का न्याय करने आ रहे है। जिस प्रकार यह लोग अपने जीवन को जीने का चुनाव करेंगे, उससे ही वो जानेंगे कि सही मायने में कौन उनके अपने थे।
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