जिस समय से यीशु ने अपनी सेवकाई शुरू कि और खानी में अब तक, ढाई साल से अधिक हो गए हैं। वह और उसके चेले स्वर्ग राज्य के सत्य का प्रचार और लुभावने चमत्कार और दया का दिल प्रतिपादन कृत्यों के माध्यम से सबसे उच्च परमेश्वर की शक्ति का प्रदर्शन, इस्राएल के शहरों और गांवों में जाकर किया।
Read Moreप्रभु यीशु ने अपने चेलों के लिए स्वर्ग के राज के लिए आशा दी थी। स्वर्ग का राजा चाहता है कि लोग उस पर पूर्ण रीति से भरोसा करें। यहां तक कि उनकी सांसारिक संपत्ति को कम महत्व देते हुए परमेश्वर के कामों में इस पृथ्वी पर लगाना है।
Read Moreप्रभु का दिन आने वाला है, और जिस समय यीशु पृथ्वी पर चला करते था, वह उसकी अपेक्षा करते थे। वो दिन न्याय का दिन होगा और अविश्वास और विद्रोह के विरुद्ध में आग होगी। जो उस पर विश्वास करेंगे उनके लिए उद्धार का दिन होगा।
Read Moreयीशु जब प्रचार करते जा रहे थे, वे उन भयानक विकृतियों और झूठ को खोलते जा रहे थे जिसने लोगों को भय और झूठे विश्वास में जकड़ा हुआ था। अपने स्वर्गीय पिता के विषय में झूठ सुनकर वह कितना अपमानित महसूस कर रहा होगा!
Read Moreमिलापवाले तम्बू के पर्व के तीन महीने बीत चुके थे और अब समर्पण के पर्व का समय आ गया था।एक बार फिर, सभी तीर्थयात्त्री इस्राएल देश से यरूशलेम को यात्रा के लिए जाएंगे। पिछले पर्व की घटनाएं अभी भी लोगों के दिमाग में ताजा थीं।
Read Moreफिर उसके पड़ोसी और वे लोग जो उसे भीख माँगता देखने के आदी थे, उसे देख कर हैरान हुए। वह उस व्यक्ति के समान दिखता था जिसे वे हर रोज़ देखते थे लेकिन ऐसा कैसे हो सकता था? उन्होंने एक दूसरे से पुछा,“क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो बैठा हुआ भीख माँगा करता था?”
Read Moreयीशु ने तीन साल से फरीसियों और धार्मिक नेताओं का सामना किया था। यह और भी अधिक स्पष्ट होता जा रहा था कि उनके दिल विद्रोह और पाप में पक्के हो गए थे। परमेश्वर कि सच्चाई को सुनने के बाद उसको अस्वीकार कर देना ही बहुत खतरनाक बात है।
Read Moreयीशु अपने चेलों को समझा रहे थे कि इस्राएल के देश में क्या हो रहा था। यदि यीशु ही मसीहा है, तो उसके और धार्मिक अगुवों के बीच क्यूँ ऐसा युद्ध था? क्या उन्हें एक साथ मिलकर काम नहीं करना चाहिए? यीशु ने समझाया कि, वे जो उसके हैं और अपने स्वर्गीय पिता कि आवाज़ को सुनते हैं, तो उन्हें पश्चाताप करके उसके पीछे चलना चाहिए।
Read Moreजब यीशु एक अच्छे चरवाहे के विषय में बोल रहा था, उसके सुनने वाले समझे कि वह इस बात का ऐलान कर रहा है कि वह मसीहा है। वे जानते थे कि वह अपनी उन भेड़ों के लिय अपनी जान देने का दावा कर रहा है जो उसकी सुनते हैं और विश्वास करते हैं।
Read Moreपेरा जाने के लिए यीशु येरूशलेम और यहूदी के क्षेत्र को छोड़ कर यात्रा पर निकल पड़े। समर्पण का पर्व खत्म हो चूका था, और साढ़े तीन महीने तक यीशु येरूशलेम को वापस नहीं आएगा। वहाँ बहुत अधिक खतरा था। यहूदी यीशु को मारना चाहते थे, और जो वक़्त परमेश्वर पिता ने यीशु को नियुक्त किया था जब उसे अपने प्राण देने होंगे, वो वक़्त अभी नहीं आया था।
Read Moreउस समय के आसपास, कुछ फरीसी यीशु के पास आये। उन्होंने उसे चेतावनी दी कि हेरोदेस राजा उसे मारना चाहता था। उन्होंने उसे उस क्षेत्र को छोड़कर जाने को कहा जहां वह रहता था और कहीं और चला जाये।
Read Moreफरीसी यीशु पर दोष लगाने के रास्ते ढूंढ रहे थे। वे इस ताक में थे कि वह ऐसा कुछ करे और वे उसके विरुद्ध में उस चीज़ को इस्तेमाल करें! बस उससे कोई नियम तुड़वा सकते। फिर वे उसे पूरे देश के सामने नीचा दिखाते और उसकी आवाज़ को शांत कर देते। सो उन्होंने साज़िश रची कि यीशु सबत के दिन आये।
Read Moreयीशु एक प्रभावशाली फरीसी के मेज़ पर बैठे थे। क्षेत्र के प्रभावशाली सम्मानित धार्मिक पुरुष भी उनके साथ शामिल हो गए थे। आम तौर पर, रात के खाने का निमंत्रण दोस्ती को दर्शाता है, लेकिन इस मामले में, यह काफी विपरीत था। इन लोगों ने यीशु को फंसाने के लिए उसे आमंत्रित किया था।
Read Moreयीशु जब परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाते हुए पेरी को गए, बड़ी भीड़ उसके साथ गयी जहां जहां वो गया। यीशु के विरुद्ध धार्मिक अगुवों ने शत्रुता कि लंबी रेखा खींची, लेकिन वह अपने देश का सबसे प्रसिद्ध शिक्षक था। आधे से ज़यादा लोग उसे मसीहा समझ रहे थे!
Read Moreकभी कभी जब हम प्रभु यीशु के जीवन और शब्दों के बारे में पढ़ते हैं तो वह जंगली और अदम्य लग सकता है। वह अप्रत्याशित है। वह हमारी उम्मीद से बढ़कर करता है। ऐसा लगता है मनो वह एक दूसरी दुनिया से आया हो और अपने साथ उन अजीब रिवाज़ों और आस्थाओं को अपने साथ लाया हो।
Read Moreधार्मिक अगुवे यीशु से परेशान थे कि वह पापियों और चुंगी लेनेवालों के साथ अपना समय बिताया करता है। वे यह नहीं देख पा रहे थे कि उनके घमंड और द्वेष के कारण वे इतने झुके और बिगड़े हुए कैसे हो सकते हैं।
Read Moreयीशु अपने चेलों को शिक्षा दे रहे थे जब उन्होंने यह दृष्टान्त बताया:
"'फिर यीशु ने अपने शिष्यों से कहा,“एक धनी पुरुष था। उसका एक प्रबन्धक था उस प्रबन्धक पर लांछन लगाया गया कि वह उसकी सम्पत्ति को नष्ट कर रहा है। सो उसने उसे बुलाया और कहा,‘तेरे विषय में मैं यह क्या सुन रहा हूँ? अपने प्रबन्ध का लेखा जोखा दे क्योंकि अब आगे तू प्रबन्धक नहीं रह सकता।’
Read Moreयीशु जब पेरी से जा रहे थे, उसने अपने चेलों को और सिखाया कि उसके पीछे चलने का मतलब क्या है। उसका समय निकट आ रहा था, और वह जानता था कि ये चेले उसके सन्देश को आगे लेकर जाएंगे। जो यीशु उन्हें दिखाना चाहते थे वो यह था कि उसके राज्य कि शिक्षाएं धार्मिक अगुवों से बहुत भिन्न थीं जैसा कि वे इस्राएल में रह कर जताते थे। सो उसने उन्हें चेतावनियां दीं जिससे कि वे समझ सकें।
Read Moreयहूदी अगुवे यीशु को गिरफ्तार करने और उसे मार डालने के लिए तैयार थे। हालात हाथ से बाहर हो रहे थे। इस दुष्ट उपदेशक की लोकप्रियता खतरनाक होती जा रही थी। येरूशलेम के अगुवे अपने अधिकार और प्रभाव को जाते देख रहे थे जब सारी भीड़ यीशु की बातों पर पूरा ध्यान लगा रहे थे।
Read Moreयीशु अपने चेलों के साथ बैतनिय्याह को गया। यह एक खतरनाक निर्णय था, जो वास्तव में नहीं था! यहूदी अगुवे यीशु को मार देना चाहते थे, और येरूशलेम छोड़ कर वह यरदन नदी को चला गया। केवल अभी के लिए, यीशु का मित्र लाज़र मर रहा था, और यीशु उसकी सहायता के लिए जा रहा था।
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