यूसुफ़ और मरयम इज्ज़तदार यहूदी थे । वे परमेश्वर के नियमों का पालन करते थे और अपने चाल चलन के द्वारा परमेश्वर के पवित्र लोगों को दिए गए आदेशों का मान रखते थे ।
Read Moreक्या आपको यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के जन्म की कहानी याद है? परमेश्वर ने जकर्याह और एलिजाबेथ को एक बेटा उस समय दिया जब वे बहुत वृद्ध हो गए थे। वे इतने वृद्ध थे कि सबने यह सोचा कि यह बालक परमेश्वर कि ओर से एक दान है।
Read Moreक्या आप ऐसे असभ्य और पथरीले राह कि कल्पना कर सकते हैं जो पहाड़ों पर ऊपर और नीचे गहरी घाटियों में मुड़ते हैं? क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यह कितना आसान होता यदि ये गहरे गड्ढे भर दिए हाते और पहाड़ों के रास्ते चिकने कर दिए जाते?
Read Moreभीड़ यूहन्ना पर उमड़ती जा रही थी, और उसने यरदन नदी के पानी में सब पश्चाताप करने वालों को बपतिस्मा दिया। लोग उसके परमेश्वर कि आत्मा से भरे हुऐ निडर घोषणाओं को देख सकते थे, और वे आश्चर्य करने लगे कि वह कौन है।
Read Moreप्रभु की आत्मा परमेश्वर के पुत्र को एक विशेष और शक्तिशाली रूप में भरने के लिए आया था। यीशु के बपतिस्मे के बाद,पवित्र आत्मा यीशु को यरदन से और यूहन्ना के व्यस्त सेवकाई के वातावरण से दूर ले गया।
Read Moreउसके बपतिस्मा के बाद, यीशु,पवित्र आत्मा के द्वारा जंगल में ले जाया गया की वह शैतान के द्वारा परखा जाए। इस बीच येरूशलेम के सलाहकार जो देश के सबसे सामर्थी धार्मिक अग्वे थे, उन्होंने याजकों को यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के पास सवाल करने के लिए भेजा।
Read Moreयीशु ने पैदल यरदन नदी से ऊपर उत्तर क्षेत्र में गलील तक यात्रा की। यह लगभग ६० मील / किलो दूर था। उनकी यात्रा ने ३ दिन लिये होंगे। क्या यह दिलचस्प नहीं होगा कि उनकी बातें घर की ओर जाते सुनें ?
Read Moreकाना में शादी के बाद, यीशु कफरनहूम को अपनी मां के साथ वापस आ गया था। उसके भाई और उसके चेले उनके साथ चले गए और वे कुछ दिनों के लिए एक साथ वहीं रहने लगे। फसह का समय आया गया था। पवित्र भोज पर आराधना करने के लिए प्रभु यीशु यरूशलेम की यात्रा की।
Read Moreयरूशलेम से जाने के बाद, यीशु और उसके चेले यहूदी पहाड़ी क्षेत्र से बाहर चले गए। यीशु ने वहाँ अपने चेलों के साथ समय बिताया और उन्हें बपतिस्मा दिया जो उनके पास आये। यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला लोगों को ऐनोन के क्षेत्र में बपतिस्मा दे रहा था।
Read Moreकेवल यूहन्ना के चेले ही नहीं थे जिन्होंने यीशु की लोकप्रियता को देखा। फरीसियों भी उस पर ध्यान दे रहे थे। सच तो यह था की यीशु स्वयं नहीं परन्तु उसके चेले बपतिस्मा दे रहे थे।
Read Moreप्रभु काना के शहर उत्तरी सामरिया से होते हुए गया। यह वही जगह थी जहान यीशु ने एक विवाह में पानी से दाखरस बनाया था। यह उसका पहला चमत्कार था, और इस्राएल की दुल्हन के आगमन का प्रचार कर रहा था।
Read Moreफिर वह नासरत आया जहाँ वह पला-बढ़ा था ताकी वहाँ के लोगों को लोगों को यह शुभ सन्देश बता सके की परमेश्वर क्या कर रहा है। क्या वे यह विश्वास करते की वह यहाँ है?
Read Moreहम पहले से ही लूका की पुस्तक और मत्ती की पुस्तक के लेखकों के बारे में सीख चुके हैं। चलिए अपनी यादों को ताज़ा करते हैं, और फिर हम मरकुस की किताब के लेखक के बारे में जानेंगे। मत्ती, यीशु के शिष्य एक चुंगी लेने के द्वारा लिखा गया था।
Read Moreनासरी के लोग कफरनहूम के लोगों से कितने अलग थे! वे सुनते थे और मानते थे और चंगाई पाते थे! क्या आप लोगों की उत्तेजना कि कल्पना कर सकते हैं ?
Read Moreयीशु और उसके चेले जब गलील भर के शहरों और कस्बों को वापस चल दिए, तब यीशु अपने प्रचार और चंगाई के कार्य को करता रहा। सारी दुनिया से इस मशहूर जवान प्रचारक को लोग सुनने के लिए आने आये। वह क्या अचंभित बातें कर सकता था! कितनी उल्लेखनीय बातें वह बोलता था!
Read Moreयीशु एक बार फिर समुद्र के तट के किनारे चल रहा था। गलील के पानी के चारों ओर पहाड़ों का दिखना कितना सुन्दर दृश्य था। यह शहय पतझर का समय रहा होगा, लेकिन इस्राएल का मौसम सर्दियों में भी समान्य होता है। जब वह था, भीड़ उसके पीछे हो ली। और वह उनको परमेश्वर के राज्य के, में सुना रहा था।
Read Moreकोढ़ी के चमत्कारी उपचार के बारे में शब्द दूर दूर तक फ़ैल गया। यीशु की लोकप्रियता बढ़ रहा थी, और नीचे दक्षिण यरूशलेम में लोग उसके बारे में अधिक से अधिक सुन रहे थे।
Read Moreयहूदी रीति के अनुसार यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के चेले और फ़रीसी उपवास कर रहे थे। यह यहूदी कानून का हिस्सा के अनुसार नहीं थी। जब यहूदी लोग बाबुल में निर्वासन से लौटे तब से यह परंपरा चल रही थी।
Read Moreयहूदियों का एक और पर्व आया था, और इसलिए यीशु अपने पिता की आराधना करने के लिए यरूशलेम को गया। यरूशलेम सैकड़ों वर्ष पहले बनाया गया था और वह ऊंची दीवारें से घिरा हुआ था और कुछ ... / साल से बना हुआ था। इन दीवारों के ऊंचे फाटक थे ताकि लोग उस पवित्र नगर में आ सकें।
Read Moreतीनो सुसमाचारों में से यूहन्ना की किताब आखरी किताब थी। यूहन्ना प्रभु यीशु के चचेरे भाई और उनके तीन शिष्यों में से एक था। वही एक चेला था जो यीशु क्रूस तक गया। जब यीशु क्रूस पर चढ़े हुए थे, तब उन्होंने अपनी माँ मरियम, को यूहन्ना के हाथ में सौंप दिया था। यूहन्ना किताब के अंत में वह सुसमाचार लिखने का कारण बताता है।
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