कहानी ३८: यीशु की पूछताछ

story 41.jpg

यहूदी रीति के अनुसार यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के चेले और फ़रीसी उपवास कर रहे थे। यह यहूदी कानून का हिस्सा के अनुसार नहीं थी। जब यहूदी लोग बाबुल में निर्वासन से लौटे तब से यह परंपरा चल रही थी। जब इन लोगों की भूख अधिक से अधिक बढ़ी, तब उन्होंने देखा कि यीशु के चेले ऐसे खाने में लगे हैं जैसे कि कोई उपवास है ही नहीं! वे बड़बड़ाने लगे। उनको भोजन क्यूँ मिला? यीशु ने कहा ;

“क्या दूल्हे के अतिथि जब तक दूल्हा उनके साथ है, उपवास करते हैं? किन्तु वे दिन भी आयेंगे जब दूल्हा उनसे छीन लिया जायेगा। फिर उन दिनों में वे भी उपवास करेंगे।”

क्या आप कल्पना कर सकते हैं जहाँ एक दूल्हे के दोस्तों उत्सव के सभी काम करने के लिए भाग ले रहे हैं। क्या वह उचित समय होगा उपवास करने का? शायद नहीं! एक खुशी के अवसर के लिए यह दावत और आनंद समय है! प्रभु यीशु का आना महान दुल्हे का आना है! यह इतिहास में सबसे बड़ी घटना थी! इतिहास के कोई भी रिवाज़ या क्रिया, एक तरफ रख देनी चाहिए! लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि वह हमेशा उनके बीच नहीं चलते रहेंगे, और गहरे शोक का समय आने वाला था। यीशु के सेवकाई के उन शुरुआती दिनों में, वह यह सब जानता था कि यह सब उसकी अस्वीकृति के साथ समाप्त हो जाएगा। वह इस पृथ्वी पर अपनी जान देने के लिए आया था।

यीशु ने उनको दो छवियां दीं जिससे वे समझ सकें कि उसका आने के साथ साथ, परमेश्वर के लोगों के लिए सब कुछ बदल जाएगा। वह अपने साथ एक नए युग को लाया था। उन्होंने कहा :

“कोई भी किसी नयी पोशाक से कोई टुकड़ा फाड़ कर उसे पुरानी पोशाक पर नहीं लगाता और यदि कोई ऐसा करता है तो उसकी नयी पोशाक तो फटेगी ही, साथ ही वह नया पैबन्द भी पुरानी पोशाक के साथ मेल नहीं खायेगा। कोई भी पुरानी मशकों में नयी दाखरस नहीं भरता और यदि भरता है तो नयी दाखरस पुरानी मशकों को फाड़ देगी। वह बिखर जायेगा और मशकें नष्ट हो जायेंगी। नहीं, वह नयी दाखरस को नए मशकों में भरता है।'"

क्या आपने कभी एक शर्ट को धोया और यह सूखे के बाद, काफी छोटी हो गयी? कपड़ा धोने के बाद सिकुड़ता है। यह नए कपड़े के साथ पुराने कपड़े को पैच करना सही नहीं है। जब वह धोया जाएगा तब यह नए शर्ट को भी बर्बाद कर देगा। यीशु का आना नए कपड़े की तरह था। यहूदी नेताओं के तरीके पुराने कपड़े की तरह थे। परमेश्वर ने इस्राएल को शुद्ध होने के लिए बहुत से अद्भुद और सामर्थ्य कानून दिए थे। वे उन लोगों को तैयार कर रहे थे जो मसीह के आने पर उसे स्वीकार करेंगे। लेकिन अब मसीह उनके बीच में था, ठीक उनके बीच में! पुराने तरीके अब बल में नहीं रहे! उन्होंने वही किया जो उनको करना था! उन्होंने उस उद्धार कि ओर देखा जो यीशु लाने वाला था! अब जबकि वह यहाँ आ चूका था, वे उन नयी बातों को मानने वाले थे हो वह करने था!
जो पुरुष और स्त्रियां परमेश्वर कि इच्छा को दिल से सुनने को तैयार थे, वे यह सुन सकते थे कि यीशु उनसे क्या कह रहा है। पवित्र आत्मा उन्हें दिखाएगा कि यीशु ही दूल्हा है! वह नई दाखरस है, और वह यहूदी व्यवस्था और अनुष्ठान से सम्बंधित नहीं है।

धार्मिक अग्वे इसे सुनने को तैयार नहीं थे। वे व्यवस्था के पुराने तरीके पसंद करते थे। हज़ारों सालों से उनके लोग उन्हें मानते आ रहे थे। क्या वे कभी सर्वश्रेष्ठ परमेश्वर के पुत्र कि सुनेंगे?

जो वास्तव में परमेश्वर से प्यार करते थे वे उससे समझेंगे। वे यीशु के कार्यों को देखेंगे और जानेंगे कि वही मसीहा है, और वे उसका आदर करेंगे। वे देखेंगे कि यह अभिषेक किया हुआ उसी सामर्थ के साथ आया जो मूसा और इस्राएलियों ने आग में देखी  थी और वे अपने ह्रदय उसको समर्पित कर देंगे। परन्तु बहुत से यीशु का इंकार करेंगे और दिखाएंगे कि उनके हिरदय कभी भी यीशु के साथ नहीं थे। वह यह दिखाएंगे कि अब तक जो शक्ति और सञ्चालन और पद जिससे वे प्रेम करते थे, वह उन्हें धर्म के द्वारा मिला है। और वे उसे पकड़े रहेंगे चाहे किसी मासूम कि जान ही क्यूँ न चली जाए।