कहानी २३: मार्ग को तैयार करना

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यूहन्ना कि सेवकाई के विषय में यशायाह नबी की भविष्यवाणी सुनो;

"हर घाटी भर दी जायेगी
और हर पहाड़ और पहाड़ी सपाट हो जायेंगे
टेढ़ी-मेढ़ी और ऊबड़-खाबड़ राहें
समतल कर दी जायेंगी।
और सभी लोग परमेश्वर के उद्धार का दर्शन करेंगे!”
यशायाह ४०ः३-५

क्या आप ऐसे असभ्य और पथरीले राह कि कल्पना कर सकते हैं जो पहाड़ों पर ऊपर और नीचे गहरी घाटियों में मुड़ते हैं? क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यह कितना आसान होता यदि ये गहरे गड्ढे भर दिए हाते और पहाड़ों के रास्ते चिकने कर दिए जाते? यूहन्ना  का सन्देश इसी के लिए था। वह ऐसा था मानो हर एक व्यक्ति के ह्रदय में मसीह के लिए रास्ते उस को तैय्यार किया जा रहा है। जो अपने ह्रदय को मसीह के लिए तैय्यार करते हैं, वे उसके लिए रास्ते को तैय्यार कर रहे हैं।

जब यूहन्ना परमेश्वर के वचन का प्रचार करता था, बहुत भीड़ उसे सुनने के लिए आती थी। उसके अद्भुद सन्देश के विषय में अफ़वाह फैल गई थी। बहुत ही जल्द, येरूशलेम से लोग आने लगे, जो यहूदिया का एक क्षेत्र है, और यरदन नदी के आस पास का क्षेत्र है। वे मीलों दूर से सफ़र कर के आते थे! कल्पना कीजिये कि कैसे गाँव और शहरों के लोग चर्चा करते होंगे। उन अफ़वाहों के बारे में सोचिये जो हेरोदेस राजा के महल में और मंदिर के दरबार में हो रही थीं। यह व्यक्ति इस निर्जन जगह में क्या कर रहा था और उसका क्या मतलब था?

बहुत से पश्चाताप करने के लिए और बपतिस्मा लेने के लिए आये। वे अपने पापों से शुद्ध और परमेश्वर के साथ सिद्ध होना चाहते थे। दूसरे इस सब उत्साह को देखने के लिए आते थे। कुछ धार्मिक अगुवे उस प्रचारक को देखने के लिए आये। क्या उसके वचन परमेश्वर के वचन को सम्मान दे रहे थे? कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई पहले के नबियों में से कोई आ गया हो?

अन्य अगुवे इसीलिए आये क्यूंकि यूहन्ना के शक्तिशाली सन्देश से उनकी अपनी सत्ता खतरे में दिख रही थी। वे उस प्रतियोगिता पर नज़र रखना चाहते थे। उनके ह्रदय परमेश्वर की बातों की ओर नहीं थे। ये धार्मिक अगुवे परमेश्वर कि पवित्र वस्तुओं से अपने लिए दुसरे मनुष्यों कि दुनिया में अपने आप को स्थापित करना चाहते थे, और यूहन्ना उनके लिए बाधा बना हुआ था।

हर एक जन जो उसके सन्देश को सुनने के लिए आता था, यूहन्ना उन्हें उनके पापों के लिए ताड़ना देता था। हर एक के पास पश्चताप करने का महत्वपूर्ण वजह थी, और वे जानते थे कि परमेश्वर उनसे कौन से पाप को इंकार करने को कह रहा है। बहुतों के ह्रदय गहरायी से चीर गए। उन्होंने यूहन्ना को अपने पापों से पश्चाताप करने के लिए पुकारा। उन्होंने उससे पूछा कि उन्हें बदलने के लिए क्या करना चाहिए। वे उन सब बातों को इंकार कर देना चाहते थे जो परमेश्वर कि ओर से नहीं थे। यीशु के लिए मार्ग उनके ह्रदय में तैय्यार हो रहा था।

जब वे यरदन नदी के किनारे खड़े थे, यूहन्ना लोगों को उन वास्तविक बातों को बता रहा था जिससे कि वे परमेश्वर कि महिमा कर सकें। पहले उसने बताया कि जिस किसी के पास दो वस्त्र हों, वह उनमें एक किसी ऐसे को देदे जिसके पास एक भी ना हो। वाह। परमेश्वर अपने बच्चों को बहुतायत से देने के लिए बुला रहा था। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यह दुनिया कैसी होती यदि सब इसी तरह रहते?

जब कुछ कर लेने वाले बपतिस्मा लेने के लिए उसके पास आये, उसने उन्हें लोगों से अधिक कर लेने से मन किया। उस समय के कर लेने वाले इस बात के लिए प्रसिद्ध थे कि वे लोगों से ज़रुरत से ज़यादा धन लेते थे और अतिरिक्त धन अपने लिए रख लेते थे। उन्होंने इसी तरह अतिरिक्त धन बटोर कर अपने आप धनवान बना लिया था। यह एक बहुत भयंकर पाप था, परन्तु यह उनके जीने का तरीका था। यूहन्ना ने उनसे यह मांग की कि वे अपने पूरे व्यवसाय को करने के ढंग को बदल डालें। इसका अर्थ यह था कि उन्हें बहुत सारे धन संपत्ति को दे देना होगा। इसका मतलब था कि उन्हें उन सब चीज़ों को त्याग कर जिनसे वे अधिक प्रेम करते थे, परमेश्वर और उसकी धार्मिकता से अधिक प्रेम करना होगा। परन्तु वे और भी अनमोल ख़ज़ाने को पाएंगे। ह्रदय कि पवित्रता और परमेश्वर के साथ उनका और भी सिद्ध रिश्ता होगा और जो ऐसे अमूल्य दान हैं जिसे धन से नहीं खरीदा जा सकता। धार्मिकता में खड़े होने के लिए उन्हें गहरायी से सामर्थ और आनंद प्राप्त होगा। वे अपने आप को सम्मानित पाएंगे और यह कि बुद्धि से जीवन मिलता है!

यरदन में बपतिस्मा लेने के लिए जब सिपाही आये, यूहन्ना ने उन्हें बताया कि उन्हें अपने अधिकार को छोड़ना होगा जिससे कि वे लोगों से धन कि मांग करते हैं। रोमी सिपाही लोगों को बिना किसी अपराध किये उन पर आरोप लगते थे। कई बार, निर्दोष लोगों को सज़ा मिलने कि धमकी दी जाती थी। यह एक बहुत शर्मनाक तरीका था, और यहूदी लोगों के पास और कोई रास्ता नहीं था जिससे कि वे अपने आपको बचा सकते। झूठे आरोपों से बचने के लिए वे सिपाहियों को पैसे दे देते थे। यूहन्ना ने सिपाहियों से कहा कि उन्हें पश्चताप करना होगा और लोगों से जबरन वसूली करना बंद करना होगा।

सोचिये सिपाहियों के लिए यह कितना असुखद और कष्ट देने वाला होगा कि उनके पापों का खुलासा हो रहा है। सोचिये यह कितनी शुधता पूर्वक सामर्थ होगी परिवर्तित होने के लिए! सोचिये यहूदी लोगों को कैसा लगा होगा जब उन्होंने परमेश्वर के क्रोध को उनके दुष्कर्मों के प्रति सुना! परमेश्वर सब देख रहा था, और वह निर्दोष को हमेशा बचाता है। उसके अद्भुद अनुग्रह के द्वारा, वह यूहन्ना के द्वारा सिपाहियों के पास आया और उन्हें परिवर्तित होने का अवसर दिया। और जैसे जैसे लोग अपने पापों से पश्चाताप करते थे, यूहन्ना उन्हें पानी में बपतिस्मा देता जाता था।