मूसा जीवित परमेश्वर कि उपस्थिति में खड़ा था। परमेश्वर ने मूसा को वह विशेष, पवित्र नाम बताया जिस नाम से उसके लोग उसे पुकारेंगे। वह "मैं हूँ" था। मूसा और इस्राएलियों की भाषा यहूदी कहलाती है क्यूंकि वे यहूदी थे।
Read Moreमूसा जब मिद्यान में अपने परिवार के साथ था, परमेश्वर ने उसे बताया कि मिस्र में जो लोग उसे मारना चाहते थे वे सब मर चुके थे। उनमें से कोई भी उसके पीछे नहीं आएंगे जब वह वहां पहुंचेगा।
Read Moreपरमेश्वर कि योजनाएं हमेशा सही होती हैं। जब वह मूसा के साथ उस चमत्कारी, ज्वलंत झाड़ी के पास बात कर रहा था, वह मूसा के भाई, हारून को उसे जंगल में उसे लेने के लिए तैयार कर रहा था। परमेश्वर हमेशा अपने बच्चों को आशीर्वाद देने के लिए तैयार रहता है।
Read Moreमिस्री दास स्वामी और हिब्रू कार्य प्रबन्धक इस्राएल के लोगों के पास गए और उन्हें वही करने का आदेश दिया जो फिरौन उनसे चाहता था कि वे करें। उन्हें आज्ञा दी गयी की वे बाहर जाकर ईंटें बनाने के लिए भूसा इकट्ठा करें, लेकिन उन्हें उतना ही बनाना था जितना उन्होंने पहले बनाया था।
Read Moreजब मूसा और हारून फिर से फिरौन किअदालत में पेश होने की तैयारी कर रहे थे, परमेश्वर ने उन्हें बहुत विशिष्ट निर्देश दिये। सटीक आज्ञाकारिता बहुत महत्वपूर्ण थी। परमेश्वर को मालूम था की फिरौन उन्हें एक चमत्कार दिखाने के लिए कहेगा। मूसा को हारून को बताना था की वह अपनी लाठी ज़मीन पर फेंक दे। परमेश्वर उसे एक सर्प में बदल देगा।
Read Moreपरमेश्वर मिस्र के देवताओं पर युद्ध छेड़ने जा रहा था। फिरौन ने उनके लोगों को बंदी बना रखा था और वह उन्हें जाने नहीं दे रहा था। परमेश्वर अपने लोगों को रिहा करने के लिए एक शक्तिशाली काम कर सकता था, लेकिन उसके मन में एक बड़ी योजना थी।
Read Moreफिरौन ने परमेश्वर कि शक्ति को अपने विरुद्ध में काम करते देखा था। जो क्लेश वह और उसके पूर्ववर्तियां दशकों से इस्त्राएलियों पर ला रहे थे, वे अब उसके ही लोगों द्वारा महसूस किया जा रहा था।
Read Moreजबकि फिरौन और उसके अधिकारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर के विरुद्ध अपनी हठीली लड़ाई के लिए ज़िम्मेदार थे, परमेश्वर स्वयं के लाभ के लिए उनके पापों का उपयोग कर रहा था। वह पूरी तरह नियंत्रण में था।
Read Moreपरमेश्वर ने एक बार फिर फिरौन के हृदय को कठोर कर दिया। जब मूसा ने फिरौन से इस्राएलियों और उनके जानवरों को छोड़ने के लिए कहा ताकि वे रेगिस्तान में जाकर उपासना कर सकें, तो उसने इंकार कर दिया। वह लोगों को जाने नहीं दे रहा था।
Read Moreमूसा ने इस्राएल के बुज़ुर्गों को बुलाया और वह सब बताया जो परमेश्वर ने उसे फसह के पर्व के विषय में बताया था। उसने उसे उसके लोगों के बीच जाकर वध के लिए भेड़ के बच्चे को चुनना था। उन्हें सुनिश्चित रूप से चौखट पर लहू को लगाना था।
Read Moreजब इस्राएली मिस्र को छोड़ने के लिए इकट्ठे हुए, तो वे एक बड़े पैमाने पर, अराजक समूह में नहीं गए। परमेश्वर ने पहले ही उन्हें संगठित कर दिया था। उसने उन्हें लड़ाई के लिए सशस्त्र और तैयार किया था। और एक सुंदर तरीके से उसने अपने लोगों का नेतृत्व किया।
Read Moreमूसा ने अपनी बाहें लाल सागर के ऊपर उठाईं, जैसा परमेश्वर ने कहा था। और यहोवा ने पूर्व से तेज आँधी चला दी। आँधी रात भर चलती रही। समुद्र फटा और पुरवायी हवा ने जमीन को सुखा दिया। इस्राएल के लोग सूखी जमीन पर चलकर समुद्र के पार गए।
Read Moreशालोम! मेरे लोगों के लिए, इसका मतलब है शांति, और मेरे नए दोस्त, मैं तुम्हें एक आशीर्वाद देता हूँ। शालोम का अर्थ है की, मेरी इच्छा है किसर्वशक्तिमान परमेश्वर कि सिद्ध शांति तुम्हारे जीवन के हर क्षेत्र में हो। इसीलिए शालोम!
Read Moreऐसा लगता है मानो हमारा परमेश्वर पूरी दुनिया को एक बात साबित करना चाहता था। वे जान लेंगे कि वही है जो सब पर राज करता है। अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए वह शक्ति के साथ कार्य करता है। मिस्र से भागते समय हमारे साथ जो हुआ वह चौंकाने वाली बात थी। हम जो उसके लोग हैं, हमारे लिए उससे एक सबक सीखने को मिला जो हमने अपनी आंखों के सामने देखा। और इसके बारे में अफवाहें सभी देशों में फ़ैल गयीं।
Read Moreबाइबल हमें उन विचारों के विषय में बताती है जो परमेश्वर के लिए महत्वपूर्ण हैं। कहानी के अंत में, एक राष्ट्र के इस महान महाकाव्य कहानी के विषय में परमेश्वर बताता है किउसने वह सब क्यूँ किया।
Read Moreइस्राइलियों ने अपने डेरे को समेटा और वापस पाप कि मरुभूमि की ओर चल पड़े। बादल का खम्बा उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाता रहा, और उन्हें रपीदीम नामक जगह पर पहुंचाया। वहाँ कोई पानी नहीं था, और एक बार फिर वे मूसा से शिकायत करने लगे।
Read Moreइस्राएलियों किसमुन्द्र के माध्यम से शानदार मुक्ति के कुछ महीनों बाद, वे मिस्र से दूर मिद्यान को यात्रा करते हुए उस जगह पहुंचे जहाँ मूसा और उसकी पत्नी चालीस साल तक रहे। वे वापस उसी जगह जा रहे थे जहां मूसा ने अपने झुंड को चराया था।
Read Moreइस्राएलियों कि कल्पना कीजिये जब उन्होंने पैदल लाल समुन्दर की यात्रा की। वे जानवरों के झुंड और तम्बुओं और बच्चों का एक विशाल समूह थे! यह एक देखने लायक दृश्य रहा होगा! कल्पना कीजिये वे क्या वार्तालाप करते जाते होंगे जब वे परमेश्वर के कार्यों को स्मरण कर रहे होंगे।
Read Moreइब्राहीम के बच्चों ने परमेश्वर के साथ एक वाचा को बनाया था। उसने उनके लिए एक वाचा बनाई, और वे अपने सम्पूर्ण जीवन से उसका सम्मान करेंगे। वे उसके पवित्र फरमान का पालन करेंगे, और वे उसके अनमोल अधिकार होंगे। वे दुनिया के पाप में गिरे राष्ट्रों के लिए एक पवित्र प्रजा होंगे।
Read Moreजिस समय पहाड़ी काँप उठी, पूरा राष्ट्र सीनै पहाड़ी के नीचे एकत्र हो गया। मूसा और हारून उस ज्वलंत बादल के बीच में चले गए जहां से परमेश्वर किआग लपटें बनकर निकल रहीं थीं।
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