पाठ 89 : विपत्तियां भाग 2: मवेशी और फोड़े और ओलावृष्टि

फिरौन ने परमेश्वर कि शक्ति को अपने विरुद्ध में काम करते देखा था। जो क्लेश वह और उसके पूर्ववर्तियां दशकों से इस्त्राएलियों पर ला रहे थे, वे अब उसके ही लोगों द्वारा महसूस किया जा रहा था। तभी भी उन्हें बचाने के लिए वह नरम नहीं हुआ! इसीलिए परमेश्वर ने उसे एक बार फिर चेतावनी देने के लिए मूसा से कहा। इस बार, यहोवा मिस्र के जानवरों पर एक भयानक विपत्ति को भेजने जा रहा था। उनकी गाय, भेड़, बकरी, घोड़े, गदहे, और ऊँट भी इससे प्रभावित होंगे। केवल इस्राएलियों के जानवर सुरक्षित रहेंगे। 

          

मालूम नहीं मिस्र के लोगों को थोड़ा भी इल्म था कि ऐसा होने वाला था। आपको लगता है की मूसा के द्वारा दिया गया सन्देश महल से लोगों तक पहुंचा होगा? मालूम नहीं उन्हें इन सब भयानक घटनाओं से कैसा लगा होगा। आपको लगता है की उन्होंने चाहा होगा किफिरौन परमेश्वर के लोगों को जाने दे?

परमेश्वर ने फिरौन को बताया कि विपत्ति अगले ही दिन शुरू हो जाएंगी, और वे हुईं भी। राजा और उसके अधिकारियों के लिए यह कितना आश्चर्यजनक रहा होगा। कैसे एक आदमी यह तय कर सकता था कि सभी पशु इस बिमारी से प्रभावित होंगे? सही तारीख की भविष्यवाणी वह कैसे कर सकता था? मिस्र के सभी पशु उस दिन मर गए। उनकी अर्थव्यवस्था और भोजन का एक प्रमुख स्रोत के एक बड़े खंड का एक बार में सफ़ाया हो गया। इस्राएलियों के पशुओं को देखने के लिए फिरौन ने अपने अधिकारियों को यह देखने के लिए भेजा किक्या इस्राएलियों के पशुओं के साथ भी वही हुआ है या नहीं। जैसा मूसा ने कहा था वैसा ही हुआ। परमेश्वर के लोगों के पशु बिलकुल ठीक थे! इन सब के बावजूद भी, फिरौन ने अपने मन को कठोर किया! उसके लोगों कि पीड़ा और सच्चे और जीवित परमेश्वर कि इच्छा भी उसे बदल नहीं पाई। 

 

फिरौन एक खतरनाक खेल खेल रहा था। वह परमेश्वर को एक प्रतियोगी के रूप में ऐसे समझ रहा था मानो वह स्वयं इस युद्ध को जीत जाएगा। वह उस परमेश्वर कि विशाल और महान शक्ति को नहीं समझ पाया जिसने सब कुछ बनाया। वह यह नहीं जानता था कि इस्राएलियों का परमेश्वर सब चीज़ों पर परमप्रधान परमेश्वर है। जल्द ही, पूरी दुनिया और वह भी जान जाएगा। सब देशों की आँखें मिस्र पर लगी हुईं थीं। परमेश्वर किमहिमा प्रदर्शन पर होगी। वह फिरौन की दुष्ट अकड़ को इस्तेमाल कर के अपनी महिमा और वैभव का सबूत दे सकता था। 

 

प्रत्येक विपत्ति से यह प्रतीक होता है कि परमेश्वर फिरौन कि तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली है। यहोवा बगैर एक भी सिपाही का उपयोग किए अपने दुश्मन के राष्ट्र को नष्ट कर रहा था! वह जानता था की फिरौन का हृदय नहीं बदलेगा, इसीलिए उसने एक दूसरी विपत्ति भेजी। उसने मूसा को कुछ कालिख, या राख, फिरौन के पास ले जाने को कहा। उसे हवा में उसे उड़ाना था। तब वह सूक्ष्म धुल होकर सारे मिस्र देश में मनुष्यों और पशुओं दोनों पर फफोले और फोड़े बन जाएगी। ऐसे शरीर की कल्पना कीजिये जिसमें फोड़ों के कारण वह चल फिर भी ना पाये। यह इतना बुरा था। फिरौन कि अदालत के जादूगर इतनी बुरी तरह संक्रमित हुए कि वे महल तक भी नहीं आ पाये। बाइबिल बताती है की परमेश्वर ने फिरौन के मन को कठोर कर दिया था। इस बात के लिए, बाइबल कहती है की यह फिरौन का विकल्प था। लेकिन यहोवा का क्रोध इस दुष्ट तानाशाह के विरुद्ध बढ़ता जा रहा था। परमेश्वर ने उसे सही काम करने के लिए कई मौके दिए थे, लेकिन वे षण अंत में आ रहे थे। फिरौन की बुराई और क्रूरता कि ओर का लगातार निशाने को परमेश्वर आदर देगा। वह उसे बदलने के लिए और अवसर नहीं देगा। उसका हृदय अंत में एक घृणित गौरव बन जाएगा। इसके बजाय, परमेश्वर अच्छाई को लाने के लिए फिरौन की बुराई का प्रयोग करेगा।फिरौन परमेश्वर के विरुद्ध अपनी अवज्ञा में फंस जाएगा, और इसके द्वारा मिस्र का कुल विनाश होगा। लेकिन परमेश्वर के बच्चे मुक्त हो जाएंगे। 

 

परमेश्वर ने मूसा को अगली सुबह उठाया और एक बार फिर मिस्र के राजा के सामने जाने को कहा। परमेश्वर कि ओर से मूसा को यह सन्देश मिला। यह भयावह है;

 

'''मेरे लोगों को मेरी उपासना के लिए जाने दो! यदि तुम यह नहीं करोगे तो मैं तुम्हें, तुम्हारे अधिकारियों और तुम्हारे लोगों के विरुद्ध पूरी शक्ति का प्रयोग करुँगा। तब तुम जानोगे कि मेरे समान दुनिया में अन्य कोई परमेश्वर नहीं है। मैं अपनी शक्ति का प्रयोग कर सकता हूँ तथा मैं ऐसी बीमारी फैला सकता हूँ जो तुम्हें और तुम्हारे लोगों को धरती से समाप्त कर देगी। किन्तु मैंने तुम्हें यहाँ किसी कारणवश रखा है। मैंने तुम्हें यहाँ इसलिए रखा है कि तुम मेरी शक्ति को देख सको। तब सारे संसार के लोग मेरे बारे में जान जाएंगे। तुम अब भी मेरे लोगों के विरुद्ध हो। तुम उन्हें स्वतन्त्रतापूर्वक नहीं जाने दे रहे हो। इसलिए कल मैं इसी समय भयंकर ओला बारिश उत्पन्न करुँगा। जब से मिस्र राष्ट्र बना तब से मिस्र में ऐसी ओला बारिश पहले कभी नहीं आई होगी। अतः अपने जानवरों को सुरक्षित जगह में रखना। जो कुछ तुम्हारा खेतों में हो उसे सुरक्षित स्थानों में अवश्य रख लेना। क्यों? क्योंकि कोई भी व्यक्ति या जानवर जो मैदानों में होगा, मारा जाएगा। जो कुछ तुम्हारे घरों के भीतर नहीं रखा होगा उस सब पर ओले गिरेंगे।’”

 

वाह। कितनी भयानक ओलों किबारिश थी! लेकिन परमेश्वर कि कृपा और दया पर विचार कीजिये! चाहे फिरौन ने कितने निर्दयतापूर्वक अपने लोगों को गुलाम बनाकर रखा और उन्हें जाने से इनकार कर दिया था, परमेश्वर तभी भी मिस्र के लोगों की रक्षा करने कि कोशिश कर रहा था। उसने उन्हें चेतावनी दी थी कि वे तूफ़ान में बाहर ना जाएं। 

 

फिरौन के कुछ अधिकारी परमेश्वर से डरने लगे। उन्होंने वह सब देखा जो उसने किया, और उनके लिए काफ़ी था! वे शीग्र ही अपने घरों में गए और अपने जानवरों और उनके परिवारों को बंद कर दिया जहां वे सुरक्षित रहेंगे। लेकिन कुछ फिरौन की तरह थे। उन्होंने परमेश्वर कि सलाह को अनदेखा किया। यह एक बड़ी गलती थी!

 

परमेश्वर ने मूसा को आकाश कि ओर अपने हथियार को फैलाने को कहा। यहोवा बिजली के साथ कड़कते काले बादलों को लाया जो गरज के साथ गड़गड़ा उठे। मिस्रियों के घरों और खेतों पर ओले गिरने लगे। सारी फ़सल ओलों के कारण नष्ट हो गई। पूरे मिस्र में यह सबसे भयंकर तूफ़ान था। प्रत्येक पेड़ की पत्तियां पूरी तरह से झड़ गयीं। जो भी जीवित चीज़ बाहर जाती थी वह उसे नष्ट कर देता था। केवल गोशेन सुरक्षित था जहां इस्राएली रह रहे थे। 

 

फिरौन मौसम के कहर से डर गया था। उसने मूसा और हारून को बुलाया। उसने उनसे कहा, "'इस बार मैंने पाप किया है। यहोवा सच्चा है और मैं तथा मेरे लोग दुष्ट हैं। ओले और परमेश्वर की गरजती आवाज़ें अत्याधिक हैं। परमेश्वर से तूफान को रोकने को कहो। मैं तुम लोगों को जाने दूँगा। तुम लोगों को यहाँ रहना नहीं पड़ेगा।'” (निर्गमन 9:28) 

 

मूसा फिरौन के लिए प्रार्थना करने के लिए सहमत हुआ। उसने कहा कि वह शहर के बाहर जाकर एक बार फिर आकाश में अपने हाथ फैलाएगा, और ओले गिरना बंद हो जाएंगे। लेकिन उसने फिरौन से कहा की वह जानता था किअभी समाप्त नहीं हुआ है। तूफ़ान को रोकने के लिए फिरौन कुछ भी कहने के लिए तैयार था, लेकिन वास्तव में, अभी भी उसमें परमेश्वर का डर नहीं था। बेशक, मूसा सही था। फिरौन और उसके अधिकारियों का विद्रोह खत्म नहीं हुआ था। उनके हृदय फिर से कठोर हो गया। वे इस्राएल के ग़ुलामों को मुक्त नहीं करेंगे।परमेश्वर का सम्मान करने का मौका उन्हें बार बार मिला, और हर बार वे इनकार करते रहे। यह सब परमेश्वर के बताने के अनुसार हो रहा था जो उसने जलती हुई झाड़ी के पास मूसा को बताया था। परमेश्वर भविष्य में होने वाली सभी बातों को जानता है। आप को याद है उसने आने वाली बातों के विषय में क्या कहा था?