कोढ़ी के चमत्कारी उपचार के बारे में शब्द दूर दूर तक फ़ैल गया। यीशु की लोकप्रियता बढ़ रहा थी, और नीचे दक्षिण यरूशलेम में लोग उसके बारे में अधिक से अधिक सुन रहे थे।
Read Moreयहूदी रीति के अनुसार यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के चेले और फ़रीसी उपवास कर रहे थे। यह यहूदी कानून का हिस्सा के अनुसार नहीं थी। जब यहूदी लोग बाबुल में निर्वासन से लौटे तब से यह परंपरा चल रही थी।
Read Moreयहूदियों का एक और पर्व आया था, और इसलिए यीशु अपने पिता की आराधना करने के लिए यरूशलेम को गया। यरूशलेम सैकड़ों वर्ष पहले बनाया गया था और वह ऊंची दीवारें से घिरा हुआ था और कुछ ... / साल से बना हुआ था। इन दीवारों के ऊंचे फाटक थे ताकि लोग उस पवित्र नगर में आ सकें।
Read Moreतीनो सुसमाचारों में से यूहन्ना की किताब आखरी किताब थी। यूहन्ना प्रभु यीशु के चचेरे भाई और उनके तीन शिष्यों में से एक था। वही एक चेला था जो यीशु क्रूस तक गया। जब यीशु क्रूस पर चढ़े हुए थे, तब उन्होंने अपनी माँ मरियम, को यूहन्ना के हाथ में सौंप दिया था। यूहन्ना किताब के अंत में वह सुसमाचार लिखने का कारण बताता है।
Read Moreयीशु उन यहूदियों को अपने वचन सुनते रहे जो उसे मारने चाहते थे
“यदि मैं अपनी तरफ से साक्षी दूँ तो मेरी साक्षी सत्य नहीं है।
येरुशलम में यहूदियों के साथ अपने महान टकराव के बाद, यीशु अपने घर वापस गलील चेलों के साथ गया। एक दिन, यीशु और उसके चेले ग्रामीण इलाकों के अनाज क्षेत्रों से जा रहे थे।
Read Moreयीशु चिकित्सा का और भीड़ को प्रचार करने का भारी मात्रा में कार्य कर रहे थे। गलील और यहूदिया से जो यहूदी लोग यीशु सेवकाई में शुरू से उसके पास, साथ अन्यजाति भी जुड़ गए जो मीलों दूर शहरों में। उन्होंने उसके विषय में सुना था जो चंगाई देता है, और वे गलील से यीशु को स्पर्श करने के लिए दूर दूर से आए थे।
Read Moreयीशु ने पर्वत पर सन्देश दिया अपने लोगों को यह सीखने के लिए कि उनको परमेश्वर के राज्य के लिए कैसे जीना चाहिए। इस पाप से भरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ परमेश्वर कि सेवा करना आसान नहीं है! एक दिन, जो उस पर विश्वास करते हैं आसमान पर उठा लिए जाएंगे, जहाँ हम पाप के द्वारा फिर कभी लुभाय नहीं जाएंगे।
Read Moreयीशु लगातार यह समझा रहे हैं कि वे लोग जो इस पृथ्वी पर हैं उनमें स्वर्ग के राज्य के लिए धन्य कौन है। यीशु ने मन के दीन और वे जो शोकित होते हैं उनके धन्यता के बारे में समझाया इसके बाद, उन्होंने कहा: "धन्य हैं वे नम्र जो पृथ्वी पर राज करेंगे।
Read Moreयीशु जब उन लोगों के विषय में सिखा रहे थे जो स्वर्ग के राज्य में अशिक्षित होंगे उन्होंने एक और बात कही, "'धन्य हैं वे जो हृदय के शुद्ध हैं क्योंकि वे परमेश्वर के दर्शन करेंगे।'"
Read Moreयीशु पहाड़ी उपदेश पर सिखा रहे थे। यह परमेश्वर के राज्य में एक सदस्य होने के मतलब पर एक भव्य पाठ था। यह उनके चाल चलन में दिखाई देगा। यीशु को अपने राज्य के सदस्यों से कहीं अधिक उत्तम और गहरे माप दंड की उपेक्षा थी - ऐसी जो दुनिया ने पहले कभी नहीं सुनी हो।
Read Moreजब यीशु पहाड़ पर अपने उपदेश को सिखा रहे थे, वह कि परमेश्वर कैसे चाहता है कि प्रार्थना करनी चाहिए। उसने एक प्रार्थना सिखाई जो वे उसे एक नमूने के तौर पर उपयोग कर सकते थे। यीशु यह नहीं चाहते थे उसके चेले प्रार्थना को एक भजन कि तरह दोहराएं।
Read Moreपहाड़ पर के उपदेश को आइये याद करते हैं। जब हम एक छोटे खंड को देखते हैं, बड़ी तस्वीर को भी याद रखना महत्वपूर्ण है। कैसे यह अद्भुत विचार एक पूरे को बनाने के लिए एक साथ काम करते हैं! कैसे वे स्वर्ग के राज्य में जीवन का वर्णन करने के लिए एक साथ आते हैं?
Read Moreयीशु ने पहाड़ के उपदेश में कुछ बहुत स्पष्ट किया। परमेश्वर के राज्य के प्रजा के लिए जो चीजें महान खज़ाना हैं वो इस अंधेरे और गिरे हुए संसार के खजाने से बहुत अलग हैं। इस जीवन कि आशीषें परमेश्वर कि आशीषों हैं जो विनम्रता, दया और नम्रता के माध्यम से आता है।
Read Moreपर्वत पर अपने धर्मोपदेश में, यीशु ने सिखाया कि परमेष्वर के राज्य का सदस्य होना की होता है। इसका अर्थ है कि संकीर्ण मार्ग को लेना जब दुनिया के बाकी विनाश करने के लिए व्यापक सड़क ले रहे हैं।तब यीशु ने परमेश्वर के राज्य के लिए एक और विकल्प के बारे में चेतावनी देने के लिए शुरू किया।
Read Moreमत्ती ने एक शिष्य होने का मतलब सिखाने के लिए पहाड़ पर के उपदेश को लिखा। अंतिम तीन तस्वीरों में जो यीशु दिखता है, वह उन लोगों को जो स्वर्ग राज्य के सदस्य हैं और वे जो नहीं हैं उन दोनों में अंतर। सच्चे विश्वासी चौड़े द्वार से नहीं जाएंगे। वे सकरे द्वार से आएंगे। वे झूठे नबी नहीं होंगे, लेकिन अच्छा फल लाएंगे।
Read Moreमत्ती में पहाड़ पर उपदेश इसलिए लिखा गया ताकि वो सब बातें दिखा सके जो यीशु ने सिखाईं जब वह गलील में ग्रामीण इलाकों में गया। मत्ती ने यीशु के शिक्षण को एकत्र कर दिया ताकि उस तस्वीर को समझ सकें जो स्वर्ग के राज्य के जीवन के विषय में बताती है। उन में से बहुत विचार लूका कि किताब में भी हैं, लेकिन वे उसकी किताब में फैले हुए हैं।
Read Moreयीशु सुसमाचार सुनाने और बीमारों को चंगाई देने के लिए ग्रामशेत्र के इलाकों में यात्रा कि। उन्होंने नव नियुक्त चेलों के साथ नाइन नामक एक शहर की यात्रा की। उनके पीछे एक बड़ी भीर चली आ रही थी।वे इस कट्टरपंथी, चिकित्सा शिक्षक के लिए पर्याप्त नहीं हो पा रहे थे।
Read Moreयूहन्ना बपतिस्मा देने वाला क़ैद में था। आप यह देखिये कि, उसने हेरोदेस राजा से कुछ ऐसे प्रश्न पूछे जो उसे पसंद नहीं आये। हेरोदेस ने अपने ही भाई की पत्नी को लिया और उससे शादी कर ली थी। यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने ऐसे घृणित काम कि निंदा कि, और हेरोदेस को बिल्कुल यह अच्छा नहीं लगा। तो उसने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले को क़ैद में डाल दिया।
Read Moreकेवल धार्मिक अगुवे थे जिन्होंने ने परमेश्वर के सन्देश को यूहन्ना और यीशु के द्वारा सुनने से इंकार किया। इस्राएल के देश में बहुत से लोग ने भी उन्हें ठुकराया।
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