एसाव एक कठोर आदमी था। उसने अपने भाई को उसे धोखे से अपने जन्मसिद्ध अधिकार को देने में मूर्खता दिखाई, और अब याकूब ने अपने पिता के आशीर्वाद को भी ले लिया था। उसकी उत्तेजित क्रोध में, वह साजिश और योजनाएं बनाने लगा।
Read Moreयाकूब अपनी यात्रा पर चलते चलते उस वादे के देश से अलग निकल गया जहां उसकें परिवार ने परमेश्वर का इंतज़ार किया था। वह उसी क्षेत्र में फिर जा रहा था जिसे उसके महान और सम्मानजनक दादा ने सौ साल पहले छोड़ दिया था।
Read Moreपरमेश्वर ने देखा किकी लिआ का पति उससे प्रेम नहीं करता था। इतना ही नहीं, उसे अपनी बहन को उससे प्रेम करते देखना पड़ता था। जब भी राहेल उस के पास आती थी, उसकी आँखें चमक जाती थीं! कैसे वह उसे मर्दाना जुनून के सम्मान के साथ व्यवहार करता था।
Read Moreविवाह के उन शुरुआती वर्षों में, याकूब के परिवार में ग्यारह लड़के और एक लड़की हो गई थी! चौदह साल तक, राहेल और लिआ से विवाह करने के लिए वह लाबान के लिए मुख्य चरवाहे के रूप में काम करता रहा। उसने अक्सर कठोर मौसम में और लंबे समय तक बहुत मेहनत की थी।
Read Moreयाकूब अपनी पत्नियों और बच्चों को लेकर वहां से बच के भाग गया था। दस दिन के भीतर ही लाबान और उसके साथियों ने उनका पीछा कर के उनको पकड़ लिया। परमेश्वर ने लाबान को स्वप्न में चेतावनी दी थी कि वह याकूब को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
Read Moreसूर्योदय हुआ और एक नई सुबह की शुरुआत हुई। कायरपन कि सांठगांठ अब बदल गई थी। अतीत में, याकूब ने विश्वास की कुछ झलक दिखाई थी। एसाव के विपरीत, उसने कनानी महिलाओं से शादी नहीं किथी।
Read Moreइब्राहीम के बच्चों ने एक नई प्रतिष्ठा कमाई थी। इब्राहिम जो शांति चाहने वाला व्यक्ति था, केवल रक्षा और बचाव के लिए युद्ध में जाता था। उसकी सैन्य शक्ति गुलामी और घोर गरीबी से अपने पड़ोसियों से बहाल कर सकता था।
Read Moreयाकूब ने इब्राहीम और सारा से जुड़े परिवार से महिलाओं से विवाह किया था। उनकी उपासना और संस्कृति परमेश्वर के परिवार के उन लोगों के करीब थे। एसाव ने इब्राहम कि विरासत से महिलाओं से शादी नहीं की थी।
Read Moreइस्राएल कि ताकत निरंतर कम होती चली गयी। यूसुफ को मालूम हुआ कि वह भयंकर रूप से बीमार होता जा रहा था। उनके दादा से मिलाने के लिए वह गोशेन में उसके दोनों पुत्र मनश्शे और एप्रैम को ले आया।
Read Moreएक बार याकूब ने यूसुफ के पुत्रों पर इन विस्तृत और शक्तिशाली आशीर्वाद को देने के बाद, उसने अपने सभी पुत्रों को बुलवाया। उसने कहा, "''मेरे सभी पुत्रो, यहाँ मेरे पास आओ। मैं तुम्हें बताऊँगा कि भविष्य में क्या होगा।'" तब याकूब ने प्रत्येक पुत्र को, बड़े से छोटे को, परमेश्वर कि दृष्टि में जो कुछ होने जा रहा है उसके विषय में बताया।
Read Moreदूसरे पुत्र को परमेश्वर का दिया आशीर्वाद रूबेन, शिमोन, और लेवी से बिलकुल भिन्न था। यह पुत्र यहूदा था। हम इसके विषय में पढ़ेंगे की किस प्रकार उसका विस्तृत आशीर्वाद इस्राएल और दुनिया के देश को बदल देगा। ये उल्लेखनीय आशीर्वाद अनंत काल तक जारी रहेंगे!
Read Moreयह कितना दिलचस्प है किउत्पत्ति कि पुस्तक दुनिया के निर्माण के साथ शुरू हुई। परमेश्वर ने अपने शक्तिशाली शब्द से शून्य से पूरे ब्रह्मांड को बनाया। अब, उत्पत्ति के अंत में, याकूब अपने पुत्रों को आशीर्वाद दे रहा है। ये आशीर्वाद भी, परमेश्वर के वचन हैं।
Read Moreयाकूब ने जनजातियों के बारे में भविष्यवाणी के शब्दों के साथ अपने प्रत्येक पुत्र को आशीर्वाद दिया जो परमेश्वर के पवित्र राष्ट्र को बनाएंगे। ये लुभावनी आस्था के शब्द थे। याकूब को परमेश्वर पर उन अनदेखी बातों पर विश्वास था जो परमेश्वर उसके लिए करेगा।
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