पाठ 56 : भक्तिहीन वस्तुओं के लिए परमेश्वर की वस्तुओं का उपयोग
लिआ की इकलौती बेटी का उल्लंघन शकेम नामक एक क्रूर युवक ने किया था। शकेम दीना से विवाह करना चाहता था, और वह और उसका पिता हमोर यह व्यवस्था करने के लिए याकूब के घर आये थे। दीना के भाई उनकी बहन के साथ हुई ऐसी हिंसा और अपमान के कारण बहुत क्रोधित थे। उन्होंने ने बदला लेने की और अपने बेहेन के सम्मान को बहाल करने की ठान ली थी। इसीलिए अपनी बहन को विवाह के लिए देने के लिए सहमत हुए, लेकिन तभी जब शकेम और शहर के अन्य सभी पुरुष खतना करने के लिए सहमत होंगे। किसी तरह, वे प्रतिशोध को पाने के लिए इस दर्दनाक प्रक्रिया का उपयोग करेंगे।
अब याद रखें, कि खतना एक चिन्ह था जिसे परमेश्वर ने इब्राहीम और उसके वंशजों को दिया था यह दिखाने को की वे परमेश्वर के बच्चे थे। इब्राहीम के पोते शहर को नष्ट करने के लिए इसका इस्तेमाल करने जा रहे थे। याकूब के पुत्र इस शांति के प्रस्ताव को महान हिंसा में इसका उपयोग करने जा रहे थे। यह बहुत धोखा देने वाला था। याकूब के इन बेटों का क्रोध और उनकी बहन की सुरक्षा का अधिकार दिखाना जायज़ था, लेकिन वे समस्या को गलत तरीके से हल करने लगे थे।वे अपने ही शातिर पाप के द्वारा शकेम के पापों का जवाब देने जा रहे थे। वे परमेश्वर के बच्चों की तुलना में कान और लेमेक के बेटों की तरह सोच रहे थे। वे शैतान के बेटों की तरह कार्य करने जा रहे थे।
हमोर और उसके पुत्र नहीं जानते थे की याकूब के पुत्र कितने डरपोक थे। उन्हें लगा की वो प्रस्ताव एक उचित योजना थी। शकेम दीना से इतना मुग्ध था की वह तुरंत काम पर लग गया। वह शहर के फाटक के पास गया जहां उसे अग्रणी पुरुष मिले जो व्यापार के लिए मिलते थे। उसने कहा की याकूब और उसके पूरे कबीले के लोग उन लोगों के साथ शामिल होकर उनके बीच में रहेंगे। एक क्षेत्र के रूप में, उनके पशु और संपत्ति उनके स्वयं के धन में जुड़ जाएंगे। केवल एक ही समस्याथी, कि शहर के सभी पुरुषों का खतना करना ज़रूरी था।
शकेम ने अपने नगर के लोगों को यह नहीं बताया कि उसने याकूब को भूमि देने का एक वादा किया था। उन्हें यह पसंद नहीं आता। उसने यह भी नहीं बताया की ऐसे गठबंधन करने का असली कारण दीना से विवाह करने का था। शकेम भी डरपोक था।
लोगों ने शकेम कि बात सुनी और उसकी योजना के साथ सहमति व्यक्त किया। वे खतना कराएंगे। यह इसीलिए नहीं था कि वे याकूब के परमेश्वर का सम्मान या उसकी राह पर चलना चाहते थे। यह इसीलिए था क्यूंकि उन्हें याकूब का धन चाहिए था। उन्होंने कहा, "क्या उनके पशु, और संपत्ति हमारी नहीं हो जाएगी?" सो शकेम में हर व्यक्ति का खतना किया गया।
खतना पुरुषों के लिए एक बहुत ही दर्दनाक प्रक्रिया है। पुरुष के निजी हिस्से के उस भाग से त्वचा को काटा जाता है जो बहुत सूक्ष्म होता है। कई दिनों तक शहर का प्रति पुरुष बहुत पीड़ादायक और असुविधाजनक के साथ रहेगा।
शकेम के पुरुष जबकी आपरेशन के कारण अप्रौढ़ थे, शिमोन और लेवी उनकी तलवारों के साथ शहर में चले गए। उन्होंने सभी पुरुषों को मार डाला जो अभी भी कमज़ोर थे। फिर वे हमोर और शकेम के घर गए और उन्हें भी मार डाल। उनकी सजा बहुत अविवेकी और गंभीर थी। उनकी बहन के साथ जो अपराध किया गया था, याकूब के पुत्रों ने यह अपराध सीमा से बाहर किया गया था जो सही नहीं था।
वे दीना को शकेम के घर से बचा लाये। फिर याकूब के बाकि बेटे शहर में चले गए। जब उन्होंने शवों को देखा, उन्होंने सारी संपत्ति पर लूटमार मचा दी। शहर के लोगों ने याकूब के परिवार को लूटने की साजिश रची थी, लेकिन अब विपरीत हो गया था।
इब्राहीम के बेटों के और पापी शहर के बीच लड़ाई खत्म हो गई थी। उन्होंने दीना के विरुद्ध हुए अन्याय को पवित्र युद्ध में तब्दील कर दिया था। केवल एक ही समस्या थी, इस पवित्र युद्ध को परमेश्वर ने ठीक नहीं समझा। याकूब के बेटों ने स्वयं के ज्ञान में और अपनी ताकत में अभिनय किया था। वे सज़ा को सीमा से बाहर लेकर गए, और कई निर्दोष लोग उन भ्रष्ट और हिंसक लोगों के पापों के कारण मारे गए। उन्होंने बढ़ी गंभीरता के साथ न्याय के सावर्जनिक कानून का उल्लंघन किया था। और सबसे भी बहतर, ऐसा करने के लिए उन्होंने खतना का इस्तेमाल किया था। इब्राहीम के परिवार के साथ परमेश्वर की वाचा जो एक पवित्र और पावन का प्रतीक होना चाहिए था, वह एक विश्वासघाती हथियार में बदल गया था।
जब याकूब को मालूम हुआ की उसके बेटों ने क्या किया है, वह बहुत क्रोधित हुआ। याकूब ने शिमोन और लेवी को फटकारते हुए कहा, “तुम लोगों ने मुझे बहुत कष्ट दिया है और इस प्रदेश के निवासियों के मन में घृणा उत्पन्न करायी। सभी कनानी और परिजी लोग हमारे विरुद्ध हो जाएँगे। यहाँ हम बहुत थोड़े हैं। यदि इस प्रदेश के लोग हम लोगों के विरुद्ध लड़ने के लिए इकट्ठे होंगे तो मैं नष्ट हो जाऊँगा और हमारे साथ हमारे सभी लोग नष्ट हो जाएंगे।” याकूब के दुष्ट पुत्रों के करतूतों के कारण पूरा परिवार जोखिम में पड़ गया था।
याकूब का नाराज़ होना जायज़ था, लेकिन वह सभी गलत कारणों के लिए नाराज़ था! वह अपने बेटों की सिद्धता या अपनी बेटी कि सुरक्षा के बारे में चिंतित नहीं था। उसे केवल अपने लिए खतरा था। अपने बेटों को फटकारते समय याकूब को अपने परिवार के प्रति ना कोई प्रेम था और ना ही परमेश्वर पर भरोसा। क्रोधित होकर याकूब के पुत्रों ने,कहा, “क्या हम लोग उन लोगों को अपनी बहन के साथ वेश्या जैसा व्यवहार करने दें? नहीं हमारी बहन के साथ वैसा व्यवहार करने वाले लोग बुरे थे।” उन्होंने देखा था की किस तरह जब उनकी बहन के साथ क्रूरता के साथ व्यवहार हो रहा था उनका पिता निष्क्रिय होकर बैठा हुआ था, लेकिन अचानक जब उनकी सुरक्षा की बात हुई, तो उन्होंने बड़ा जूनून दिखाया।अपनी बेटी के लिए उनके पिता का कहां था?
यह कहानी हमें व्याकुल करने के लिए है। हर चरित्र सिवाय दीना के जिसने मूर्खता दिखाई, भयानक रूप से गलत थे। शापित दुनिया परमेश्वर किअदन की वाटिका से कितनी भिन्न थी। प्रत्येक मानव गहरे पाप के नियंत्रण में था।
याकूब के पुत्रों ने बहुत गलत तरीके से बदला लिया, हालाँकि उन्होंने उसकी रक्षा अवश्य की जो बहुत मूल्यवान और कीमती था। इस कहानीसे, महिलायें और लड़कियां जो इब्राहीम के बच्चे थे, यह जानेंगे कि वे अपने समुदाय में पुरुषों के संरक्षण के योग्य हैं।
फिर भी अभी तक, ऐसी भयानक कहानी होनी नहीं थी। याकूब ने परमेश्वर के साथ अपने वादे को नहीं निभाया।वह अपने परिवार को बेथल नहीं लेकर गया, और इसलिए वे गलत समय पर गलत जगह पर थे। राष्ट्रों के लिए एक आशीष बनने के बजाय, वे एक भयानक अभिशाप को ले आये। एसाव के खतरे के सामने याकूब ने अद्भुत नेतृत्व दिखाया था। लेकिन इस कहानी में, दस साल बाद, उसने अपने आप को कमज़ोर और भयभीत होते दिखाया। परमेश्वर में आस्था और शक्ति उस पर लगातार निर्भरता के साथ होनी चाहिए।
परमेश्वर कि कहानी पर ध्यान करना।
दीना के विरुद्ध शकेम का पाप बहुत बड़ा था, लेकिन शिमोन और लेवी के पाप कितने अधिक गंभीर थे? क्या कभी ऐसा समय आता है, की जिसने आपको चोट पहुंचाई उसे आप और अधिक रूप से चोट पहुंचना चाहते हैं? क्या आप जानते हैं की आपका बदला लेने के लिए आप परमेश्वर पर भरोसा कर सकते हैं? वह निष्पक्ष है और सब कुछ देखता है, और इसीलिए जानता है की कितनी सज़ा होनी चाहिए। वह सबका प्रभु है, और इसीलिए वह जनता है कि उसे किस प्रकार अनुग्रह देना है। यह उसका अधिकार है। जब हम बदला लेते हैं, हम वो करते हैं जो केवल परमेश्वर को करने का अधिकार है। क्या आप दूसरों के साथ बदला लेते हैं? परमेश्वर से मांगिये की वह आपको दिखाए कि बदला लेने से पीछे हट सकते हैं। आप पूर्ण क्षमा के लिए उसके पास आ सकते हैं।
मेरी दुनिया, मेरे परिवार, और स्वयं पर लागू करना।
लेवी और शिमोन कि तरह जब हम दूसरों से बदला लेने का प्रयास करते हैं, तो हम उसे बुरे से बदतर बना देते हैं। लेकिन जब हम याकूब की तरह बुराई की उपेक्षा करते हैं, तो हम उन लोगों के प्रति उससे भी बड़ा पाप करते हैं जो उसके कारण पीड़ित होते हैं। क्या इस कहानी में कोई है जिसने सही काम किया है? आप क्या करते?
जीवित परमेश्वर के पति हमारा प्रत्युत्तर।
यीशु ने कहा धन्य हैं वे जो मेल कराते हैं। वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएँगे। इसके बजाय कि वे बदलालें, वे परमेश्वर पर भरोसा कर सकते हैं। जो घृणित और क्रूर हैं, उनके प्रति शांति और प्रेम को दिखने के लिए अविश्वसनीय आंतरिक शक्ति कि ज़रुरत होती है। लेकिन मसीह की सामर्थ में, जिसने हमारे लिए अपनी जान दे दी, हम यह कर सकते हैं! क्या आप एक पल के लिए बैठकर परमेश्वर से मांग सकते हैं किकी वह आपको मेल कराने वाला बनाय? हो सकता है की वह आप की किसी ऐसे इंसानकिसेवा करने को कहे जो एक कठिन व्यक्ति है। किसी ज़रुरत मंद की मदद करने के लिए कह सकता है। वह आपको केवल प्रार्थना करने के लिए बोल सकता है। या फिर वह किसी ऐसे को सच्चाई बताने के लिए कह सकता है जो शांति बनाने के विषय में सुनना नहीं चाहता है। वो शायद आपको अभी कुछ भी करने के लिए ना कहे। क्या आप किसी धार्मिक मित्र या परिवार के सदस्य के साथ इस बात को बाटेंगे कि प्रभु क्या चाहता है? उनसे कहें कि वे आपके साथ प्रार्थना करें और प्रभु से पूछें की वह क्या कहना चाहता है। वह आपको पुष्टि कर सकता है!