कहानी १८: मिस्र के लिए कूच
जब शाही ग्यानी और उनके काफिले जो सोने और उत्तम मसालों की भेटों के साथ लदे उनके दरवाजे पर आए, तो आप यूसुफ और मरियम की कल्पना कीजिए! जो अद्भुत बातें उन्हें परमेश्वर ने स्वर्गदूत द्वारा प्रकाशित की, अब दूर की भूमि से अनोखे, सुरुचिपूर्ण पुरुषों के द्वारा भी प्रकाशित हो रही थी! उन्हें अपने छोटे लड़के के सामने झुकते और राजा के रूप में उसको दंडवत करते देख उन्हें कितना अजीब लगा होगा!
जब ग्यानी वहां से चले गए, तो प्रभु का एक दूत स्वप्न में यूसुफ के पास आया। उसने कहा: " ' उठो ! बच्चे और उसकी माँ को लेकर मिस्र के लिए भागो। वहां रहना जब तक मै तुम्हे बताऊँ क्यूंकि हेरोदेस इस बच्चे को मारने के लिए खोज रहा है।' " इस बढ़ई को स्वर्ग के परमप्रधान राजा के खिलाफ इजराइल में इस ढोंगी राजा के सत्ता संघर्ष में कैसा अजीब लग रहा होगा! अपने को मिस्र के लिए - वो स्थान जहां से इस्राएल के लोग निकलने के लिए कितने बेसबर थे- अपने परिवार के साथ रवाना होते उसे कितना अटपटा लगा होगा।
यूसुफ ने तत्काल दूत की बात मानी। उसने रात में उठकर मरियम को जगाया, और अपने परिवार को एक लम्बी यात्रा में वहां ले गया जहाँ एक समय में परमेश्वर के लोग बंधी बन कर जीते थे। राजा हेरोदेस के मरने तक वे मिस्र में रहे। लूका ने बड़े सावधानी से उन घटनाओं को दर्ज किया जो विशेष रूप से परमेश्वर ने आने वाले मसीहा के बारे में की और उनकी पूर्ती कैसे हुई। होशे 1:01 में, परमेश्वर कहता है: " ' मिस्र में से मै अपने पुत्र को बुलाऊंगा।"
जब हेरोदेस को यह पता चला कि ज्ञानियों ने उसे धोखा दिया है, वह भयानक गुस्से से भर गया। वह मसीह बच्चा का पता नहीं चला पाया था, और अब पता लगाना नामुमकिन था! तो उसने अपने सैनिकों को एक भयंकर काम करने का आदेश दिया। उन्हें बेतलेहेम के शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में जाना था और दो साल की उम्र के तहत सभी लड़के बालको को जान से मारना था। इसी उम्र का अनुमान ज्ञानियों ने तारे के दर्शन से लगाया।
उस भयानक दिन की कल्पना कीजिए जब सैनिक उस छोटे गाँव में धडधडाते हुए, दरवाजों पर खटखटा कर, परिवारों से उनके प्रिय पुत्रों की मांग करने लगे। माओं के सदमे, उत्पीडन और पिताओं के शक्तिहीन क्रोध की कल्पना करो। हेरोदेस के पागल ईर्ष्या के पाप ने निर्दोष को तबाह कर दिया, और अन्धकार के राज्य की दुष्टता प्रबल रही। और यहूदी धार्मिक नेताओं द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे प्रतिज्ञा किये हुए मसीहा की जान पर वार या इस्राएल के निर्दोष लड़के बालकों के जीवन पर खेल बंद हो जाए।
इस भयानक कर्म ने, परमेश्वर की नबी यिर्मयाह को दी गई एक चेतावनी की पूर्ती की:
यहोवा कहता है,
“रामा में एक चिल्लाहट सुनाई पड़ेगी—
यह कटु रूदन और अधिक उदासी भरी होगी।
राहेल अपने बच्चों के लिये रोएगी, राहेल सान्त्वना पाने से इन्कार करेगी,
क्योंकि उसके बच्चे मर गए हैं।”
यिर्मयाह ३१ः१५
राहेल याकूब की पत्नी थी, जो एक महान यहूदी कुलपति था। जब वह मर गई, उसे बेतलेहेम के शहर में दफनाया गया। मसीह के समय में, बेतलेहेम की माताओं को हेरोदेस के रोष की वजह से अपने बेटों को खोना था। इस सुंदर, उदास, भविष्यवाणी में, यिर्मयाह ने राहेल के आँसू की बात करके उनके भयानक दु:ख को व्यक्त किया। परमेश्वर उनके दर्द के बारे में उसके घटने से ५०० साल पहले से जानते थे; और अपने नबी के माध्यम से उनके लिए शोकित हुआ। क्या ही सुंदर प्रभु!
लेकिन परमेश्वर इस कहानी का अंत दुःख में नहीं होने देते है! यिर्मयाह की भविष्यवाणीयों ने न केवल पृथ्वी पर दुष्टता के प्रकोपों के बारे में बताया, लेकिन एक शानदार, भविष्य की आशा की ओर भी इशारा किया। जिस जन की जान हेरोदेस लेना चाहता था, वह एक दिन हर दुष्टता को नष्ट करेगा। वो स्वयं मौत का ही नष्ट कर देगा! और एक दिन, बेतलेहेम में और अधिक आँसू नहीं होंगे। केवल खुशी, जीवन और शांति होगी।
जब शाप और पापी पुरुषों के वश की भयावहता, बेतलेहेम के परिवारों को अलग फाड़ रही थी; यूसुफ और मरियम परमेश्वर के पुत्र के साथ मिस्र को निकल गए। उन्होंने उस दावेदार राजा के चंगुल से दूर, वहाँ एक जीवन बनाया। जब राजा हेरोदेस की मृत्यु हो गई, तो प्रभु का एक दूत एक बार फिर एक स्वप्न में यूसुफ के पास आया। उसने कहा: " ' उठो, बच्चे और उसकी माँ को इस्राएल के देश ले जाओ; क्यूंकि जो लोग बच्चे के जीवन के पीछे थे, मर गए है।"
एक बार फिर, यूसुफ ने तुरंत अपने प्रभु की आज्ञा का पालन किया। वह उठा और अपने लोगों के देश में अपने परिवार को वापस ले गया। लेकिन जब उसे पता चला की अर्केलौस, हेरोदेस के बेटा, यहूदिया पर शासन कर रहा है, वह बेतलेहेम लौटने से डर गया। उसे एक और सपना आया जिसने उसे चिताया, तो वह हेरोदेस के वर्चस्व के चंगुल से दूर, गलील के लिए बच्चे और मरियम को लेकर निकला। वे नासरत के शहर में रहने लगे। इस बात ने नबी के शब्दों को पूरा किया जिसने यह कहा था कि मसीहा एक नासरी होगा। प्रभु यीशु वहाँ बड़ा हुआ और बलवंत और बुद्धिमान होता गया, और परमेश्वर का अनुग्रह उसके साथ था।
यह देखना दिलचस्प है कि मत्ती ने कैसे पुराने नियम की भविष्यवानियों को इस जवान परिवार की कहानी के साथ जोड़ा। एक स्थान पर ऐसा प्रतीत होता था कि बाइबल कहती है कि मसीहा बेतलेहेम से आएगा। दूसरे में, उन्हें मिस्र से आना था, और एक अन्य में उन्हें एक नासरी बुलाया गया था।पीढ़ियों के लिए, विश्वासयोग्य यहूदी लोग महान भ्रम के साथ उन भविष्यवाणियों को पढते। यह सब कैसे सच हो सकता था? लेकिन जो समस्या इतनी अटपटी थी, वो सबूत बन गया जिससे सब बातें साफ़ हो गई। यह सभी तीन भविष्यवाणियाँ, मसीह के जीवन की अजीब और खतरनाक शुरुआत के द्वारा पूरा किया गया! यीशु वास्तव में वही था जैसे ज्ञानियों, स्वर्गदूतों और चरवाहों ने घोषणा की। शिमोन और अन्ना, उनके माता - पिता और उसके चाचा और चाची सही थे! नबियों के द्वारा पहले से ही बताये गौरवशाली जन आया था!
यह जानना दिलचस्प है कि हेरोदेस का क्या हुआ। अपने जीवन के अंतिम सालों में, दाऊद के शहर पर राज्य करता यह दावेदार राजा केवल अपने द्वेष में अधिक भयावह होता गया। उसे लंबे समय के लिए अपने स्वार्थी राज्य को कायम रखने की अनुमति नहीं थी। वह एक भयानक बीमारी से ग्रसित हो गया। जैसे वो मृत्यु के पास आता गया, उसने अपने दुष्ट दिल का परिपूर्णता से प्रदर्शन किया। उसने अपने सैनिकों को यह आदेश दिया कि उसके मरने पर, उनको इसराइल में हर परिवार के एक सदस्य को मारना था, ताकि सारा देश सही मायने में शोकित हो। यह दिलचस्प है कि उसे पूरा यकीन था कि वो उसकी अपनी मौत पर शोकित नहीं होंगे। अंत में, हेरोदेस के बेहूदा आदेश को नजरअंदाज कर दिया गया। मानव इतिहास में, हेरोदेस को उसकी क्रूरता और परमेश्वर की योजना के खिलाफ लड़ने के लिए अपने असफल प्रयास के लिए याद किया जाता है।