605 ईसा पूर्व में बेबीलोन की महान सेना इस्राएल की भूमि में घुस आई I उसने मिस्र देश, सीरिया और फारस पर, एक व्यापक युद्ध द्वारा विजय प्राप्त की I फिर नबूकदनेस्सर, जो बाबेल का राजा था, ने यरूशलेम पर घेराबंदी की I और शहर को पराजित किया I
Read Moreशायद बहुत से ऐसे तरीके थे जिससे कि शद्रक, मेशक, अबेदनगो, और दानिय्येल ने, नबूकदनेस्सर राजा और बाबेल के देवताओं के ऊपर इस्राएल के परमेश्वर को आदर देने का चुनाव किया I
Read Moreदानिय्येल और उसके साथी शायद उस समय नौजवान ही थे जब बाबेल के ज्ञानी के लिए एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गयी थी I नबूकदनेस्सर राजा को एक सपना आया I
Read Moreअपने मित्रों के साथ प्रार्थना करने के बाद, परमेश्वर ने दानिय्येल को नबूकदनेस्सर के स्वप्न का रहस्य बताया I दानिय्येल अर्योक के पास गया और उससे कहा, “’बाबुल के बुद्धिमान पुरूषों की हत्या मत करो।
Read Moreदानिय्येल नबूकदनेस्सर स्वप्न का व्याख्या करता रहा I तीसरा राष्ट्र जिसे मूर्ति पर कांस के रूप में दिखाया गया था शायद यूनान था I
Read Moreनबूकदनेस्सर राजा ने भविष्य के उस दर्शन के द्वारा जिसे सर्व उच्च परमेश्वर ने उसे दिया था, एक महान सबक सीखा I परमेश्वर ने स्वयं को, नबूकदनेस्सर के स्वप्न के और उसके सही व्याख्या द्वारा जिसे दानिय्येल ने अपने चमत्कारी जानकारी के द्वारा किया था, सिद्ध किया I
Read Moreशद्रक, मेशक, और अबेदनगो नबूकदनेस्सर राजा के सामने दूरा के मैदान में खड़े हुए I नौ मंज़िला मूर्ति पास में खड़ी थी, और गरम धधकती आग निकल रही थी I पास में अधिकारी और प्रभावशाली पुरुष भी खड़े थे, जो इस नाटक को प्रकाशित होते देख रहे थे I
Read Moreजब दानिय्येल ने हुक्मनामें के विषय में सुना, तो उसका व्यवहार बिल्कुल नहीं बदला I जैसे वह हमेशा करता था, वह प्रतिदिन तीन बार प्रार्थना करता था I उसने अपने घर की खिड़की को जो यरूशलेम की ओर खुलती थी, खोला और इस्राएल के परमेश्वर को धन्यवाद दिया और प्रार्थना की
Read Moreहम जो पढ़ने जा रहे हैं वह दानिय्येल की पुस्तक के सातवें अध्याय से आता है I अब तक दानिय्येल की पुस्तक में हमने देखा कि किस प्रकार शक्तिशाली और प्रभु परमेश्वर सबसे महान साम्राज्य और सबसे शक्तिशाली राजाओं के ऊपर है I
Read Moreपहले वर्ष में जब बेलशस्सर बाबेल का राजा था, परमेश्वर ने दानिय्येल को उन बातों का एक चौका देने वाला दर्शन दिया जो भविष्य में होने वाली थीं I हम उन छवि को क़यामत कहते हैं क्योंकि एक कहानी को बताने का यह एक अजीब और सुन्दर तरीका था I
Read Moreदानिय्येल ने अपने स्वप्न में एक शेर के समान पशु को देखा जिसके बाज के पंख थे Iउसने एक दूसरा पशु देखा जो एक भालू के समान था जो आक्रमण करने के लिए तैयार था I तीसरा पशु एक महान सिंह के समान था और केवल इसी पशु के एक पक्षी के समान चार पंख थे I
Read Moreदानिय्येल ने चौथे पशु को समुन्द्र से निकलते देखा I तब उसने दस सींगों वाले चौथे पशु के एक छोटे सींग को उगते देखा I उस छोटे सींग की ऑंखें और एक मुंह था I वह एक क्रूर राजा का प्रतीक था जिसने देशों पर जीत हासिल कर के उन पर राज्य किया था I
Read Moreवाह, दानिय्येल ने कितना विस्मयकारी स्वप्न देखा! परंतु जो उसने देखा उससे वह बहुत परेशान हुआ। दानिय्येल ने कुछ बहुत ही अद्भुत और लुभावनी चीज़ें देखीं। उसने परमेश्वर को सामर्थ और न्याय के साथ राज्य करते देखा। उसने मनुष्य के पुत्र को बादल में आते देखा ।
Read Moreजिस स्वप्न के विषय में हमने अभी पढ़ा वह राजा बेलशस्सर के बाबेल पर शासन काल के पहले वर्ष के विषय में था I अब हम दानिय्येल के दूसरे स्वप्न के विषय में पढेंगे I
Read Moreदानिय्येल अपने इस स्वप्न के साथ अविच्छिन्नित रहा । उन चार सींगों में से जो यूनान से आये थे, एक और सींग निकल आया । यह सींग शक्ति के साथ बढ़ता गया, विशेषकर दक्षिण और पूर्व की ओर और "सुंदर देश" की ओर ।
Read Moreजो बातें दानिय्येल के स्वप्न में हुईं वे हो चुकी हैं, इसलिए उसका अर्थ स्पष्ट है। परंतु दानिय्येल स्वप्न को लेकर परेशान था। वह उसके अर्थ को समझने की कोशिश कर ही रहा था जब एक आवाज़ कहीं से निकली और कहा, जिब्राएल, इस व्यक्ति को इसके दर्शन का अर्थ समझा दो।” किसने जिब्राएल दूत को दानिय्येल के स्वप्न के विषय में आदेश दिया था? कुछ सोचते हैं कि यह परमेश्वर ही हो सकता है ।
Read Moreदानिय्येल की अगली कहानी एक सुन्दर अध्याय है जो एक मनुष्य के हृदय के विषय में बताता है जो अपने प्रभु से और अपने देश से प्रेम करता है। पिछली दो कहानियों में, हमने दानिय्येल के स्वप्न के विषय में देखा था जो भविष्य के बारे में थे। उन्हें क़यामत कहते हैं।
Read Moreदानिय्येल परमेश्वर से प्रार्थना करने में तत्पर रहा। वह परमेश्वर की स्तुति करने लगा और उसके भयावह समर्थ और वादा किये गए प्रेम के विषय में बताने लगा। अपने हृदय को जांचिए जिस समय आप उन शब्दों को सुनते हैं।
Read Moreदानिय्येल इस्राएल देश के लिए प्रार्थना करता रहा;
“’हे हमारे परमेश्वर, यहोवा, तूने अपनी शक्ति का प्रयोग किया और हमें मिस्र से बाहर निकाल लाया।…….
Read Moreदानिय्येल परमेश्वर के आगे रोया और बहुत दिनों तक परमेश्वर से बड़े जुनून के साथ प्रार्थना करता रहा I दानिय्येल के साथ जो आगे होता है वह बहुत दिलचस्प है I वह सिखाता है कि किस प्रकार मनुष्य की दुनिया और परमेश्वर के स्वर्गदूतों का आत्मिक संसार जुड़ा हुआ है I
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