पाठ 23: एक धर्मी व्यक्ति की प्रार्थनाएं
दानिय्येल की अगली कहानी एक सुन्दर अध्याय है जो एक मनुष्य के हृदय के विषय में बताता है जो अपने प्रभु से और अपने देश से प्रेम करता है। पिछली दो कहानियों में, हमने दानिय्येल के स्वप्न के विषय में देखा था जो भविष्य के बारे में थे। उन्हें क़यामत कहते हैं। उनका अनुवाद दूतों द्वारा किया गया था। इस कहानी में, दानिय्येल को कोई स्वप्न नहीं आता है। कोई भी अजीब पशु भी नहीं हैं। परंतु परमेश्वर दानिय्येल को एक भविष्यवाणी देता है। परमेश्वर ने दानिय्येल को बाइबिल से कुछ दिखाया जो दानिय्येल ने पहले कभी नहीं देखा था, और उसके कारण दानिय्येल इस्राएल के लोगों के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करता है।
दानिय्येल कहानी को इस प्रकार से बताना शुरू करता है कि यह राजा दारा (जो साइरस भी कहलाया जाता है) के बाबेल पर पहले वर्ष के शासन में हुआ था I क्या आपको वह कहानी याद है जब दुष्ट राजा बेलशस्सर ने परमेश्वर के साथ विद्रोह किया था और दिवार पर एक हाथ लिख रहा था ? दिवार की लेख ने उसे बताया था कि बाबेल का साम्राज्य जीता जाने वाला था I यद्यपि, वह था, और मादी-फारस साम्राज्य वह राज्य है जिसने कर दिखाया ! राजा दारा उनका शासक था, और दानिय्येल को उसका स्वप्न उसके शासन के पहले वर्ष में आया I दानिय्येल ने परमेश्वर की भविष्यवाणियों को अपनी आँखों के सामने पूरी होती देखीं !
हम इतिहास से जानते हैं कि जिस वर्ष में मादी-फारसियों ने बाबेल पर पदभार संभाल लिया था वह 538 ई.पू. था I दानिय्येल अब वृद्ध हो गया था, अस्सी वर्ष से भी अधिक ! उसने पैसठ वर्ष से भी अधिक, परमेश्वर से घृणा करने वाले बुतपरस्त देश बाबेल में, परमेश्वर की सेवा की थी I वह परमेश्वर की सच्चाई जानने के लिए यहूदी बाइबिल को खोजता रहा I जब उसने यिर्मयाह नबी की किताब को पढ़ा, तो उसने कुछ बहुत शक्तिशाली पाया I नबूकदनेस्सर के आने और उसे नाश करने से पहले, यर्मियाह यरूशलेम के अंतिम दिनों में नबी रहा I परमेश्वर ने इस नबी को उपयोग किया कि वह यहूदियों को चेतावनी दे कि उनका समय आ गया है, और वह उनका न्याय बाबेल द्वारा बंधी बनाए के द्वारा करेगा I
यिर्मयाह ने यह भी बताया कि वे लम्बे समय के लिए बंधूआई में नहीं रहेंगे I यरूशलेम की तबाही केवल सत्तर वर्ष तक रहेगी I दानिय्येल ने ऐसा पढ़ा;
“’यहोवा जो कहता है, वह यह है: “बाबुल सत्तर वर्ष तक शक्तिशाली रहेगा। उसके बाद बाबुल में रहने वाले लोगों, मैं तुम्हारे पास आऊँगा। मैं तुम्हें वापस यरूशलेम लाने की सच्ची प्रतिज्ञा पूरी करुँगा। मैं यह इसलिये कहता हूँ क्योंकि मैं उन अपनी योजनाओं को जानता हूँ जो तुम्हारे लिये हैं।” यह सन्देश यहोवा का है। “तुम्हारे लिये मेरी अच्छी योजनाएं हैं। मैं तुम्हें चोट पहुँचाने की योजना नहीं बना रहा हूँ। मैं तुम्हें आशा और उज्जवल भविष्य देने की योजना बना रहा हूँ। तब तुम लोग मेरा नाम लोगे। तुम मेरे पास आओगे और मेरी प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी बातों पर ध्यान दूँगा। तुम लोग मेरी खोज करोगे और जब तुम पूरे हृदय से मेरी खोज करोगे तो तुम मुझे पाओगे। मैं अपने को तुम्हें प्राप्त होने दूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं तुम्हें तुम्हारे बन्दीखाने से वापस लाऊँगा। मैंने तुम्हें यह स्थान छोड़ने को विवश किया। किन्तु मैं तुम्हें उन सभी राष्ट्रों और स्थानों से इकट्ठा करुँगा जहाँ मैंने तुम्हें भेजा है।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं तुम्हें इस स्थान पर वापस लाऊँगा।“”
यिर्मयाह 29:10-14
वाह! यह कितना विशिष्ट है ! दानिय्येल ने देखा कि सत्तर वर्ष लगभग बीत चुके थे I परमेश्वर ने यहूदी लोगों को उसे पूरे दिल और जान से पुकारने को बुलाया ! तब परमेश्वर सभी यहूदियों को उनके देश में वापस जाने देगा I वह उन्हें यरूशलेम में वापस लाएगा और वे फिर से मंदिर का निर्माण करेंगे I दानिय्येल बंधूआई में लगभग सत्तर वर्ष तक रहा, और उसे एहसास हुआ कि यहूदियों का उनके देश लौटने का समय आ रहा था !
जब दानिय्येल ने यह देखा, उसने परमेश्वर से प्रार्थना की I उसने उपवास और प्रार्थना की, और परमेश्वर से उसके वादे के लिए अनुरोध किया I वह ऐसा कहता है;
“’मैंने अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना करते हुए उसको अपने सभी पाप बता दिये।
“हे यहोवा, तू महान और भययोग्य परमेश्वर है। जो व्यक्ति तुझसे प्रेम करते हैं, तू उनके साथ प्रेम और दयालुता के वचन को निभाता है। जो लोग तेरे आदेशों का पालन करते हैं उनके साथ तू अपना वचन निभाता है।
किन्तु हे यहोवा, हम पापी हैं! हमने बुरा किया है। हमने कुकर्म किये हैं। हमने तेरा विरोध किया है। तेरे निष्पक्ष न्याय और तेरे आदेशों से हम दूर भटक गये हैं। हम नबियों की बात नहीं सुनते। नबी तो तेरे सेवक हैं। नबियों ने तेरे बारे में बताया। उन्होंने हमारे राजाओं, हमारे मुखियाओं और हमारे पूर्वजों को बताया था।“” दानिय्येल 9:4-6
यह दानिय्येल की प्रार्थना का पहला भाग है I क्या अपने देखा कि किस प्रकार वह परमेश्वर की स्तुति के साथ आरंभ करता है ? वह घोषणा करता है कि परमेश्वर महान और भयावह है I