पाठ 16 : दानिय्येल का दर्शन – पहले दो पशु
पहले वर्ष में जब बेलशस्सर बाबेल का राजा था, परमेश्वर ने दानिय्येल को उन बातों का एक चौका देने वाला दर्शन दिया जो भविष्य में होने वाली थीं । हम उन छवि को क़यामत कहते हैं क्योंकि एक कहानी को बताने का यह एक अजीब और सुन्दर तरीका था I जब आप दानिय्येल के क़यामत के दर्शन के विषय में पढेंगे, तो उन बातों की कल्पना अपने दिमाग में कीजियेगा ।
दानिय्येल ने जो सबसे पहली चीज़ दर्शन में देखी थी वह थी स्वर्ग कि चारों दिशाओं की हवा । उन हवाओं से सागर उफनने लगा था I बाइबिल में, सागर के जल मंथन अक्सर महान देशों का और संसार के लोगों को चिन्हित करता है जो अशांति और पाप के साथ वृद्धि में होते हैं । अनियमित और लहराता पानी उस तस्वीर की छवि है जब मनुष्य परमेश्वर से हट कर पाप का जीवन जी कर अराजकता, उत्पात और गड़बड़ी मचाता है (मिलर,195) । चार हवाएं स्वर्ग से चलने वाली हवाएं हैं और वे परमेश्वर की गतिशीलता को दिखाते हैं और जो संसार के लोगों और देशों के अशांत पानी के ऊपर से बहने का उसका नियंत्रण है (हल्टबर्ग, क्लास नोट्स, अक्टूबर 20,2008)।
हम उनमें से कुछ संकटों को देख चुके हैं । दानिय्येल की कहानियों में, ऐसा अक्सर प्रतीत होता था कि बुरे मनुष्यों और परमेश्वर के विरुद्ध उनकी लड़ाई को नियंत्रण में रखा गया है । दानिय्येल और उसके मित्रों को उन दुष्ट लोगों के पाप के विरुद्ध खड़ा होना पड़ता था जो उन्हें मारना चाहते थे ।
परन्तु प्रत्येक कहानी में हम देखते हैं कि सत्य में, परमेश्वर सब बातों को अनदेखा करता है और स्वयं के लिए विजय और महिमा को लाता है । हमने देखा है कि किस प्रकार परमेश्वर ने बाबेल के संतों के जीवन में ऐसा किया था । अब हम देखेंगे कि किस प्रकार वह शक्ति कार्य करेगी,
जब परमेश्वर उन राष्ट्रों और राजाओं की शक्तियों के ऊपर राज्य करेगा । वह एक अद्भुत दर्शन है जो मानव इतिहास के सौ वर्षों से भी अधिक समय से परमेश्वर की महिमा की शक्ति के विषय में वर्णन करता है ।
दानिय्येल के स्वप्न में, चारों पशु समुद्र में से उभर कर बाहर निकले । वे पशु वही चार साम्राज्यों का प्रतीक हैं जिसका सपना नबूकदनेस्सर ने पहले देखा था । दानिय्येल के स्वप्न में, चारों पशु तूफानी समुद्र में से उभर कर बाहर निकले । वे पशु वही चार साम्राज्यों का प्रतीक हैं जिसका सपना नबूकदनेस्सर ने पहले देखा था । अब हम उनके विषय में विस्तार से सीखेंगे । पहला पशु जो समुद्र से निकला वह शेर के समान दिखता था, सिवाय इसके कि उसके भी उक़ाब की तरह पंख थे । जिस समय दानिय्येल देख रहा था, शेर के पंख फट जाते हैं, और उसे भूमि पर फेक दिया जाता है । परन्तु एक साधारण शेर के समान चार पैरों पर खड़े होने के बजाय, वह एक मनुष्य के समान दो पैरों पर खड़ा हो गया । एक मनुष्य का हृदय इस शेर को भी दिया गया था ।
क्या आप इस सब की कल्पना कर सकते हैं? यह कितना भ्रामक और अजीब है, है कि नहीं? आप शायद इसे फिर से पढ़ना चाहेंगे । उफानी समुन्द्र की कल्पना कीजिये, एक सिंह जिसके फैले हुए विस्तृत और शक्तिशाली पंख हैं । अब उन पखों की कल्पना कीजिये जिन्हें फाड़ा जाता है । उसी सिंह की कल्पना कीजिये जिसे भूमि पर रखा जाता है, ताकि वह अपने पिछले पैरों पर खड़ा हो सके । सोचिये उसे एक मनुष्य का हृदय दिया जाता है । इस सब का क्या अर्थ है ?
स्वप्न के विषय में कई ऐसी बातें हैं जिन्हें दानिय्येल नहीं समझ पाया । बाद में, वह एक दूत से कहता है कि वह उसे उसका अर्थ बताये । परन्तु बहुत सी ऐसी बातें हैं जिन्हें दानिय्येल तुरंत समझ पाया ।
दानिय्येल बाबेल में रहता था । कई चिन्हों में से बाबेल के लिए शेर एक चिन्ह था । चारों तरफ़ मूर्तियाँ और शेरों की नक्काशियां थीं । दानिय्येल के स्वप्न में सिंह उसी राष्ट्र का चिन्ह था जो नबूकदनेस्सर राजा की मूर्ति में सोने का सर था । वह बाबेल का साम्राज्य था । पुराने नियम में अन्य स्थानों में भी बताया गया है कि किस प्रकार बाबेल साम्राज्य एक शेर के समान है । जब यिर्मयाह ने बाबेल की दासत्व के विषय में उसके घटने से पहले भविष्यवाणी की थी, उसने कहा, “एक सिंह अपनी गुफा से निकला है, राष्ट्रों का विध्वंसक तेज कदम बढ़ाना आरम्भ कर चुका है। वह तुम्हारे देश को नष्ट करने के लिये अपना घर छोड़ चुका है। तुम्हारे नगर ध्वस्त होंगे।“ (यिर्मयाह 4:7)I ठीक ऐसा ही बाबेल ने यरूशलेम के साथ किया था ।
पुराने नियम में कई स्थानों में बाबेल के विषय में वर्णन किया गया है कि वह एक उकाब के समान है । विलापगीत की किताब शोक में लिखी गयी है कि यरूशलेम बाबेल के द्वारा नष्ट किया था । जब यह वर्णन किया गया कि बाबेल ने इस्राएल पर जीत हासिल की, तो वह कहता है, “वे लोग जो हमारे पीछे पड़े थे, उनकी गती आकाश में उकाब की गति से तीव्र थी। उन लोगों ने पहाड़ों के भीतर हमारा पीछा किया। वे हमको पकड़ने को मरुभूमि में लुके—छिपे थे।“ (विलापगीत 4:19) (मिलर, दानिय्येल, प.197)।
दानिय्येल के स्वप्न में, बाबेल का एक शेर होना और उक़ाब का होना एक साथ खाया गया है । कई यह मानते हैं कि बाबेल के पंखों को फाड़ डालना उस समय को दर्शाता है जब नबूकदनेस्सर राजा, जो महान शासक था, सात वर्ष के लिए पागल हो गया था । जब शेर एक मनुष्य के समान खड़ा होता है और उसे एक मनुष्य का हृदय दिया जाता है, यह उस समय को चिन्हित करता है जब राजा को मन और मानसिक स्वास्थ्य वापस दिया गया था । शेर को इसलिए खड़ा किया गया था क्योंकि नबूकदनेस्सर को उसकी मानव गरिमा मिली । वह अब अपने आप को एक पशु नहीं समझता था, और उसे उसके सिंघासन पर वापस बैठाया गया (मिलर, दानिय्येल, 197)। क्या आप देख सकते हैं कि किस प्रकार स्वप्न में दिखाईं गईं ये छवि उन चीज़ों का चिन्ह हैं जो वास्तविक जीवन में हुई हैं ?
दूसरा पशु जो समुन्द्र से निकला वह एक भालू था । भालू एक तरफ से एक हाथ और एक पैर हवा में उठाये हुए इस प्रकार उठा हुआ था मानो वह आक्रमण करने को तैयार है । यह भालू मादो-फारस साम्राज्य को दर्शाता है । यह वह साम्राज्य है जिस पर दारा राजा शासन कर रहा था, वह राजा जो दानिय्येल को शेरों की माँद में नहीं भेजना चाहता था । नबूकदनेस्सर राजा के स्वप्न में, यह मूर्ति का चांदी का हिस्सा था । हम समझते हैं कि भालू का एक ओर से उठा होना शायद यह दिखाता है कि इस राज्य के दो हिस्से थे, और एक हिस्सा दूसरे से अधिक मजबूत और शक्तिशाली था । यह मादी-फारस के विषय में सही था । साम्राज्य का फारसी पक्ष अधिक शक्तिशाली है । इस भालू के मुंह में तीन पसलियां थीं । ये पसलियाँ उन देशों का प्रतीक हैं जिन्हें भालू ने नष्ट किया था । पसलियों का केवल एक ही सेट नहीं था, परन्तु तीन थीं । यह दिखाता है कि मादी-फारस साम्राज्य केवल संसार को जीत कर खुश नहीं था । वह सब कुछ नष्ट करना चाहता था, और एक साम्राज्य के रूप में, उसने किया भी! (मिलर, दानिय्येल, 198-199)। दानिय्येल के स्वप्न में, भालू से कहा गया, “उठ और पेट भर कर खा !” स्वर्ग ने स्वयं मादी-फारस को उन सभी देशों को जीतने का आदेश दिया था, और इतिहास में उसने किया । किसी भी साम्राज्य की तुलना में इसने कई देशों और लोगों पर जीत पाई है ।