पाठ 8 : धधकती आग
शद्रक, मेशक, और अबेदनगो नबूकदनेस्सर राजा के सामने दूरा के मैदान में खड़े हुए I नौ मंज़िला मूर्ति पास में खड़ी थी, और गरम धधकती आग निकल रही थी I पास में अधिकारी और प्रभावशाली पुरुष भी खड़े थे, जो इस नाटक को प्रकाशित होते देख रहे थे I जहाँ सभी ने दंडवत किया, वहीं शद्रक, मेशक, और अबेदनगो ने झुकने से इंकार कर दिया, और अब उन्हें उसकी कीमत चुकानी थी I राजा ने कहा कि उन्हें उसकी विशाल, चमकदार मूर्ति के सामने दंडवत करना होगा, और उन्होंने फिर से इंकार कर दिया I नबूकदनेस्सर क्रोध से लाल हो गया I
शद्रक, मेशक, और अबेदनगो जानते थे कि जब उन्होंने राजा को उसके सभी अधिकारीयों के सामने ना कहा, तो वे उसके अधिकार को चुनौती दे रहे थे I वे उसे वहीं यह कह रहे थे कि उनके पास एक ऊंचा अगुवा था जिसकी ओर वे उत्तरदायी थे, और वे स्थानांतरित नहीं होगें ! इन पुरुषों के अद्भुत विश्वास को देखिये I यहाँ वे, दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति, उसके उच्च अधिकारीयों के सामने खड़े थे I संसार का दबाव, अपने प्राण को बचाने की प्राकृतिक मानव इच्छा, धधकती आग की पीड़ा से बचने की इच्छा, वे सब वहाँ थे I फिर भी इन में से कोई चीज़ उनके लिए इतनी शक्तिशाली नहीं थी जितना उनके विश्वास का दर्शन जो उन्हें अपने सृष्टिकर्ता पर था I उनके लिए वह सब बातें छाया के समान थीं, और उनका परमेश्वर स्थिर और सच्चा था I सब कुछ उसके नियंत्रण में था, वही सब ठहरता है की उस दिन क्या होना चाहिए I चाहे कुछ भी हो वे उसके प्रति वफ़ादार रहेंगे I
नबूकदनेस्सर का चेहरा क्रोध से लाल होगया जब उन्होंने दंडवत करने से इंकार किया I उसे “ना” सुनने की आदत नहीं थी I उनकी हिम्मत कैसे हुई ? उसने आदेश दिया की उस आग को सामान्य से सात गुना बढ़ा दिया जाए I उसके सबसे बलवान सिपाहियों को आदेश दिया की वे शद्रक, मेशक, और अबेदनगो को बांध कर उस आग में फेंक दें I उन पुरुषों को उनके कपड़ों के साथ ही बांध कर आग में फेंक दिया गया I आग को इतना अधिक बढ़ा दिया गया था और उसकी ताप इतनी गहरी थी की जिन सिपाहियों ने उनको आग में फेका था वे मारे गए I उसके इस लापरवाह क्रोध के कारण, नबूकदनेस्सर अपने वफ़ादार सेवकों की जान खो बैठा I
सब यह अपेक्षा कर रहे थे कि परमेश्वर के ये तीन पुरुष कुछ ही क्षण में जल जाएँगे I परन्तु जब नबूकदनेस्सर ने आग में झांक कर देखा, तो उसने जो देखा उससे वह हैरान हुआ I वह उछल कर अपने पैरों, पर खड़ा हो गया और अपने सलाहकारों से पूछा, “यह ठीक है न कि हमने तो बस तीन व्यक्तियों को बंधवाया था और आग में उन्हीं तीन को डलवाया था?”
उसके मंत्रियों ने उत्तर दिया, “हाँ महाराज।”
राजा बोला, “देखो, मुझे तो आग के भीतर इधर—उधर घूमते हुए चार व्यक्ति दिखाई दे रहे हैं। वे बंधे हुए नहीं हैं और आग उनका कुछ नही बिगाड़ पाई है। देखो, वह चौथा पुरूष तो किसी स्वर्गदूत जैसा दिखाई दे रहा है!” वाह! यह कितना अद्भुत है ! वे जीवित थे और आग में कुशल के साथ थे, और वे कोई उनके साथ था I आपको क्या लगता है वह क्या था ?
नबूकदनेस्सर ने ठीक बोला था, सिवाय इसके कि वह केवल एक ईश्वर का पुत्र ही नहीं था, वह परमेश्वर का ही पुत्र था I वह अपने वफादारों के बीच उनके उग्र परीक्षण के बीच में आया था ! सौ वर्ष पूर्व, यशायाह ने परमेश्वर की ओर से इसके विषय में एक वादा दिया था जब उसने कहा, “जब तुझ पर विपत्तियाँ पड़ती हैं, मैं तेरे साथ रहता हूँ। जब तू नदी पार करेगा, तू बहेगा नहीं। तू जब आग से होकर गुज़रेगा, तो तू जलेगा नहीं। लपटें तुझे हानि नहीं पहुँचायेंगी।“ (यशायाह 43:2) (मिलर, दानिय्येल,प.124)I
नबूकदनेस्सर जलती हुई भट्टी के मुहँ पर गया और उसने जोर से पुकार कर कहा, “शद्रक, मेशक और अबेदनगो, बाहर आओ! परम प्रधान परमेश्वर के सेवकों बाहर आओ!” अचानक, नबूकदनेस्सर को याद आया जो उसे यहोवा के विषय में पहले से पता था I परमेश्वर अपने दासों के बीच उस प्रकार से प्रकट हुआ जिसे राजा इंकार नहीं कर सकता था I
तीनों पुरषों ने नबूकदनेस्सर की आवाज़ को आग के बीच में सुना I शद्रक, मेशक और अबेदनगो को आग में से बाहर निकलते हुए देखना कैसा होगा I उन रस्सियों को छोड़ जिनसे उन्हें बांधा था बाकि कुछ भी आग से नहीं छुआ I ना तो उनके कपड़े और ना ही उनके बाल आग द्वारा थोड़ा सा भी नहीं झुलसे I उनमे से धुएं की गंध भी नहीं आ रही थी ! परन्तु उनके बंधन चले गए थे I
नबूकदनेस्सर जानता था कि कुछ अविश्वसनीय हुआ है, और उसका व्यवहार पूरी तरह से बदल गया I विस्मय में था, और वह समझ गया कि इस्राएल के परमेश्वर में ऐसी सामर्थ थी जिसे आदर किया जाना चाहिए I जो दिन उसने बाबेल में सभी लोगों के लिए उसकी सोने की मूर्ति को दंडवत करने के लिए ठहराया था वह दिन जीवित परमेश्वर की महिमा करने के लिए अलग ठहराया गया I उसने परमेश्वर के जन से कहा;
“’शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्वर की प्रस्तुति करो। उनके परमेश्वर ने अपने स्वर्गदूत को भेजकर, अपने सवकों की आग से रक्षा की है! इन तीनों पुरूषों की अपने परमेश्वर में आस्था थी। इन्होंने मेरे अदेश को मानने से मना कर दिया और दूसरे किसी देवता की सेवा या पूजा करने के बजाय उन्होंने मरना स्वीकार किया। सो आज से मैं यह नियम बनाता हूँ: किसी भी देश अथवा किसी भी भाषा को बोलने वाला कोई व्यक्ति यदि शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्वर के विरोध में कुछ कहेगा तो उसके टुकड़े—टकड़े कर दिये जायेंगे और उसके घर को उस समय तक तोड़ा—फोड़ा जायेगा, जब तक वह मलबे और राख का ढेर मात्र न रह जाये। कोई भी दूसरा देवता अपने लोगों को इस तरह नही बचा सकता।‘”
दानिय्येल 3:28-30
बाबेल के सबसे शक्तिशाली पुरुषों ने शद्रक, मेशक, और अबेदनगो के विश्वास और वफ़ादारी की लोह शक्ति और सामर्थ को देख लिए था I फिर उन्होंने अपने ही राजा को यह घोषित करते सुना कि उनका परमेश्वर आग में उपस्थित था I ऐसा परमेश्वर कौन है जो ऐसी वफ़ादारी को प्रेरित करता है ? इन पुरुषों का यह कैसा रिश्ता अपने यहोवा के साथ था कि वह आता ?
इन धार्मिक पुरुषों के विश्वास के कारण, इस्राएल के परमेश्वर की महिमा और सामर्थ एक बुतपरस्त राजा द्वारा प्रत्येक देश और भाषा को घोषित होती है I इस्राएल के परमेश्वर का आदर करना दुनिया के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य में एक नियम बन गया था आईएस और नबूकदनेस्सर ने शद्रक, मेशक, और अबेदनगो को बाबेल में सबसे ऊँचा पद दिया, और इसलिए उनका प्रभु का प्रभाव और अधिक फैल गया I