पाठ 21 : छोटे सींग का निकल कर आना
दानिय्येल अपने इस स्वप्न के साथ अविच्छिन्नित रहा । उन चार सींगों में से जो यूनान से आये थे, एक और सींग निकल आया । यह सींग शक्ति के साथ बढ़ता गया, विशेषकर दक्षिण और पूर्व की ओर और "सुंदर देश" की ओर । कौन से देश को दानिय्येल सुंदर कह रहा है? वह एक यहूदी था जिसे बाबेल में क़ैद कर के ले जाया गया था । दानिय्येल के लिए सबसे सुंदर देश वादा का देश होगा जो परमेश्वर ने अपने लोगों को दिया था। वह इस्राएल था !
यह छोटा सींग दूसरा शासक था जो इस्राएल देश के ऊपर शासन करेगा । यह सींग इतना शक्तिशाली हुआ कि वह स्वर्ग को छूने लगा और कुछ तारों को पृथ्वी पर फेंक कर उनको कुचल डाला । वाह। क्या यह ऐसे किसी व्यक्ति के विषय में सुनने में लगता है जिसके विषय में हमने पहले सुना है? क्या यह उस चौथे पशु, यीशु के शत्रु, की तरह लगता है जो दानिय्येल के स्वप्न में आया था? यद्यपि, दोनों बहुत मिलते हैं। परंतु एक बड़ा अंतर है । यह पशु और यह सींग यूनानी देश से आए थे । वह हो चुका है, और हम उस व्यक्ति का नाम जानते हैं जिसने ये भयंकर कार्य किये हैं । दानिय्येल के अंतिम स्वप्न का सींग जो सातवें अध्याय में दिया है, अभी तक नहीं आया है।
इस भयानक शासक ने अपने आप को सेना के राजकुमार के विरुद्ध कर लिया था । उसने स्वयं परमेश्वर को चुनौती दी थी! दानिय्येल ने कहा कि वह तामिद, या प्रतिदिन के बलिदान को ले लेगा । यह पवित्र बलिदान यरूशलेम के मंदिर में दिन में दो बार, जीवित परमेश्वर के प्रति एक आराधना के रूप में दिया जाता था । प्रभु के लिए सुबह यह पहला बलिदान होता था, और सांझ का अंतिम बलिदान होता था।
ये बलिदान प्रतिदिन मंदिर में परमेश्वर के याजकों की सेवा को खोलते और बंद करते थे, और वे यह दिखाते थे कि पूरा दिन प्रभु के लिए वह सम्पूर्ण रीती से समर्पित था । परमेश्वर की आज्ञा द्वारा इस्राएल के देश के लिए ये पवित्र रिवाज़ थे, परंतु यह भयानक तानाशाह याजकों को ज़बरदस्ती उन्हें बनाने से रोकेगा (हल्टबर्ग, क्लास नोट्स, अक्टूबर 20, 2008 )I यह दमनकारी शासक शक्ति के साथ बढ़ता जाएगा, और वह सत्य को त्याग देगा।
170 ई.पू. में, ये सब बातें होने लगीं । एक भयंकर यूनानी शासक ने इस्राएल देश को पीछे छोड़ दिया और उनका जीवन भय से भर दिया । उसका नाम अंटिओकस IV एपिफेन्स था । यह यहूदी इतिहास का सबसे बुरा परीक्षण था । उसने उच्च याजक का क़त्ल किया जो मंदिर में सेवा करता था और हज़ारों यहूदियों को मार डाला । उसने दूसरों को ज़बरदस्ती नियम तोड़ने को मजबूर किया जो परमेश्वर ने उन्हें दिए थे । उसने यहूदी बाइबिल को नाश करने की कोशिश की थी (मिलर, दानिय्येल, 228)I उसने यूनानी देवता ज़ीउस के लिए मंदिर के अति पवित्र स्थान में, जहां वादे का तम्बू था, एक वेदी बनाई । वह पृथ्वी पर परमेश्वर का शाही सिंहासन था, और इस झूठे राजा ने एक झूठी मूर्ति को वहां रख दिया था ।
जब दानिय्येल यह स्वप्न में देख रहा था, तो वहां एक पवित्र जन ने दूसरे पवित्र जन से पूछा,"’यह दर्शन दर्शाता है कि दैनिक बलियों का क्या होगा यह उस भयानक पाप के विषय में है जो विनाश कर डालता है। यह दर्शाता है कि जब लोग उस शासक के पूजास्थल को तोड़ डालेंगे तब क्या होगा यह दर्शन दर्शाता है कि जब लोग उस समूचे स्थान को पैर तले रौंदेंगे तब क्या होगा।‘” क्या आप समझ पाए जो हो रहा था? एक दूत, एक पवित्र जन, दूसरे दूत से पूछ रहा था कि कब तक यह भयंकर शासक परमेश्वर के बच्चों पर अपनी शक्ति का दुष्प्रयोग करेगा । तब पवित्र जन ने दानिय्येल से कहा, "“दो हजार तीन सौ दिन तक ऐसा ही होता रहेगा और फिर उसके बाद पवित्र स्थान को फिर से स्थापित कर दिया जायेगा।‘” तामिद, या सुबह और शाम के बलिदानों को ज़बरदस्ती समाप्त किया जाएगा। परंतु 2,300 दिन बाद, वे फिर से शुरू होंगे । दूतों ने दानिय्येल को बताया कि चाहे उसके लोगों को उस दुष्ट अत्याचारी के अधीन में रहना पड़े, उनके कष्टों का समय जल्द समाप्त हो जाएगा । परमेश्वर उसे सीमित करेगा, और फिर वे दोबारा से मंदिर में उपासना करने के लिए लौट पाएंगे । सब कुछ बहाल किया जाएगा ।
यह सब कुछ परमेश्वर के लोगों के विद्रोह के कारण होगा । उस समय के कई यहूदी यूनानी देवताओं को पूजने लगे । परमेश्वर ने अपने लोगों को अनुशासित किया ताकि वे उसके पास लौट कर आएं और उसकी उपासना शुद्धता और पवित्रता के साथ कर सकें (मिलर, दानिय्येल, 227 )I दिसम्बर 14,164 ई.पू.में, मंदिर को अंटिओकस के बुरे कामों से शुद्ध किया गया और उपासना के लिए फिर से पवित्र किया गया। याजक वेदी पर लोगों के बलि को जो परमेश्वर के लिए थीं, ला सकते थे, यह जानते हुए कि प्रभु के लिए वह धुँआ फिर से मनभावन सुगंध होगा। मंदिर की यह अद्भुत बहाली को यहूदी आज भी हनुक्काह के पर्व के रूप में मनाते हैं।