Posts tagged betrayal
कहानी १५४: यीशु के खिलाफ साज़िश 

महासभा रोष से खदबदा रही थी। तीन साल के लिए उन्होंने इस युवा ढोंगी, यीशु नाम की अभिमानी निन्दा सही थी। कैसे उसने जानबूझकर खुद परमेश्वर के चुने हुए देश पर शासन करने के ठहराए नेतृत्व की खिल्ली उड़ाई, और अपने आकर्षण और शैतानी चमत्कार के साथ लोगों को चालाकी से अपने वश में किया।

Read More
कहानी १५६: विश्वासघात और इंकार 

यीशु और उसके चेले फसह का भोज कर रहे थे। यीशु जानता था कि यह उसका अपने चेलों के साथ अंतिम भिज होगा। उन्होंने उसके साथ भीड़ में रहकर परिश्रम किया और अपने घरों को छोड़ कर पूरी भक्ति के साथ उसकी सेवा में लगे रहे। और फिर यीशु जानता था उनमें से एक है जो उसके साथ विश्वासघात करेगा और आगे भी करेगा।

Read More
कहानी १६२: गतसमनी का बगीचा-समर्पण की पीड़ा

जब यीशु और उसके चेले फसह मना रहे थे, उसने उन्हें परमेश्वर कि योजना के रहस्य को उनके आगे स्पष्ट रूप से दिखाया। अभी और भी प्रकाशन आने हैं। ऊपरी कमरे में मिले उपदेशों के बाद, यीशु ने पिता से अपने लिए, अपने चेलों के लिए और उन सभी के लिए जो उस पर विश्वास करेंगे।

Read More
कहानी १६३: हर कोई दूर हो जाता है: गिरफ्तारी 

जब यीशु ने बगीचे के अंधेरे में प्रार्थना में घुटने टेके, तो उन्होंने अपने को पिता की इच्छा के सुपुर्त कर दिया। तब वह अपने पैरों पे उठकर अपने चेलों के पास गए। उन्होंने उन्हें एक बार फिर से सोया पाया।

Read More
कहानी १६४: अन्नास के घर में प्रभु 

रात की शांति में, उसके चेलों थके हुए नींद में गिर गए। यीशु प्रार्थना में अपने पिता के पास चले गए। तीन बार उन्होंने वह बोझ हटा देने को माँगा। क्या पिता इस काम को हटा सकते थे? क्या यीशु किसी तरह आने वाली पीड़ा को आने से रोक सकते थे?

Read More