जुदाई के इतने वर्षों के बाद, यूसुफ के भाई उसके निवास्थान में बैठे थे, और यूसुफ आँसुओं के साथ अति अभिभूत था। बिन्यामीन को देखकर वह फूट फूट कर रोया। अपने आप को संभालने के लिए वह कमरे से बाहर चला गया।
Read Moreजब यूसुफ ने अपने भाइयों को बताया कि वह वास्तव में कौन था, वे घबराहट के कारण कुछ नहीं बोल पाए। इतने सालों पहले, वह बिलकुल अकेला था, उन्होंने उसे एक सूखे कुण्ड में फेंक दिया था और एक ग़ुलाम बनने के लिए उसे बेच दिया था।
Read Moreयाकूब और उसका घराना जब मिस्र की ओर यात्रा को निकले, उसने यहूदा को यूसुफ़ के पास पहले भेजा। परिवार की आवश्यकता थी कि कोई उन्हें गोशेन जाने के लिए दिशा-निर्देश करे और भव्य पुनर्मिलन के लिए तैयार करे।
Read Moreइस्राएल कि ताकत निरंतर कम होती चली गयी। यूसुफ को मालूम हुआ कि वह भयंकर रूप से बीमार होता जा रहा था। उनके दादा से मिलाने के लिए वह गोशेन में उसके दोनों पुत्र मनश्शे और एप्रैम को ले आया।
Read Moreएक बार याकूब ने यूसुफ के पुत्रों पर इन विस्तृत और शक्तिशाली आशीर्वाद को देने के बाद, उसने अपने सभी पुत्रों को बुलवाया। उसने कहा, "''मेरे सभी पुत्रो, यहाँ मेरे पास आओ। मैं तुम्हें बताऊँगा कि भविष्य में क्या होगा।'" तब याकूब ने प्रत्येक पुत्र को, बड़े से छोटे को, परमेश्वर कि दृष्टि में जो कुछ होने जा रहा है उसके विषय में बताया।
Read Moreदूसरे पुत्र को परमेश्वर का दिया आशीर्वाद रूबेन, शिमोन, और लेवी से बिलकुल भिन्न था। यह पुत्र यहूदा था। हम इसके विषय में पढ़ेंगे की किस प्रकार उसका विस्तृत आशीर्वाद इस्राएल और दुनिया के देश को बदल देगा। ये उल्लेखनीय आशीर्वाद अनंत काल तक जारी रहेंगे!
Read Moreयह कितना दिलचस्प है किउत्पत्ति कि पुस्तक दुनिया के निर्माण के साथ शुरू हुई। परमेश्वर ने अपने शक्तिशाली शब्द से शून्य से पूरे ब्रह्मांड को बनाया। अब, उत्पत्ति के अंत में, याकूब अपने पुत्रों को आशीर्वाद दे रहा है। ये आशीर्वाद भी, परमेश्वर के वचन हैं।
Read Moreयाकूब ने अगला आशीर्वाद अपने पुत्र यूसुफ के लिए दिया। यूसुफ के पुत्र एप्रैम और मनश्शे पहले से ही धन्य हो गए थे, और उनमें से प्रत्येक याकूब के बेटे और उनके जनजाति बराबर माने जाएंगे। क्यूंकि यूसुफ को अपने पिता से विरासत के दो भाग प्राप्त हुए, इसीलिए उसे दो में गिना जाएगा।
Read Moreयाकूब ने जनजातियों के बारे में भविष्यवाणी के शब्दों के साथ अपने प्रत्येक पुत्र को आशीर्वाद दिया जो परमेश्वर के पवित्र राष्ट्र को बनाएंगे। ये लुभावनी आस्था के शब्द थे। याकूब को परमेश्वर पर उन अनदेखी बातों पर विश्वास था जो परमेश्वर उसके लिए करेगा।
Read Moreउत्पत्ति में जो हमने सीखा उसकी बड़ी तस्वीर को एक साथ याद करें। मानव जाति के लिए परमेश्वर की एक अद्भुत योजना है। परमेश्वर ने उनके लिए सौंदर्य और ज्योति का एक ब्रह्मांड बनाया, और एक आदर्श वाटिका में दो जीवित पहले दो मनुष्यों को रखा। उनको अपनी छवि में बनाया। उसने उन्हें इसीलिए बनाया ताकि वह उनसे प्रेम कर सके और वे भी एक निकट संबंध में होकर उससे वापस प्रेम कर सकें। वह पूरी तरह से उनके पूर्ण विश्वास का हक़दार था।
Read Moreजब यूसुफ के भाई मिस्र में याकूब के साथ गए, तब पूरे परिवार में केवल सत्तर लोग थे। उन्हें मिस्र में उच्च सम्मान मिला क्यूंकि वे यूसुफ से सम्बन्ध रखते थे। उनके कई बच्चे हुए। चार सौ साल तक मिस्र में परिवार में वृद्धि होती रही। परमेश्वर ने इब्राहीम के साथ कीये अपने वादे को सम्मानित किया। आकाश में जितने तारे थे उतने उसके वंशज थे। वहां 600,000 पुरुष थे और स्त्रियाँ और बच्चे और भी अधिक थे।
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