आदम और हव्वा के बच्चे हुए, और फिर उनके बच्चों के और भी बच्चे हुए। समय के साथ, हजारों लोग धरती पर भर गए। प्रत्येक व्यक्ति में परमेश्वर की छवि पहले ही विकृत और खंडित हो गयी थी। जिस प्रकार आदम और हव्वा ने परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया था, उसी प्रकार उनके वंशज भी परमेश्वर के विरुद्ध हो गए।
Read Moreपरमेश्वर ने अपने विश्वासयोग्य सेवक, अब्राहम से वादा किया था कि वह उसके वंश को एक महान राष्ट्र बनाएगा। मिस्र में चार सौ वर्ष तक रहने के बाद, अब्राहम के वंशज दो लाख से अधिक हो गए थे। उन्हें इस्राएली कहा जाता था परमेश्वर ने इस्राएल के लोगों को मिस्र देश से बाहर लाने के लिए एक और महान सेवक, मूसा, को बुलाया ताकि वह उन्हें उस देश में ला सके जिसे परमेश्वर ने अब्राहम से वादा किया था।
Read Moreपरमेश्वर पवित्र और सिद्ध है। उसकी पवित्रता अग्रि के समान लगती है। यदि आग मृत पत्तियों को छूती है, तो आग तुरंत उन्हें जला देगी। राख के अलावा कुछ भी नहीं बचेगा। इसी प्रकार परमेश्वर की पवित्रता पाप के साथ है। उसकी तीव्र शुद्ध पवित्रता का प्रभाव पाप को पूरी तरह भस्म कर देगी जितनी बार वह उसके निकट आता है।
Read Moreपरमेश्वर के यहूदियों को वादे के देश में लौटाने के बाद, उन्होंने यरूशलेम और मंदिर की दीवारों का पुनर्निर्माण किया। उन्होंने एक बार फिर से अपना जीवन जीना शुरू कर दिया। उन्होंने मसीहा की प्रतीक्षा की। युद्ध हुए, अन्य राष्ट्रों ने उन पर शासन किया, और फिर भी परमेश्वर ने उन्हें शक्तिशाली राष्ट्र नहीं बनाया जैसा उसने वादा किया था।
Read Moreशुरुआत से परमेश्वर की योजना की कहानी, जब उसने सृष्टि की रचना, पुराने नियम में बताई गयी है। जो लोग यीशु के पीछे चल रहे थे वे पुराने नियम की कहानी बहुत अच्छी तरह जानते थे। वे अच्छे, धार्मिक यहूदी थे। उनके देश को चुना जाना ही परमेश्वर की यह कहानी थी।
Read Moreयरूशलेम के सभी लोग जब यीशु के क्रूस पर बड़े जाने के विषय में और उसके आस पास की अफवाहों के बारे में सोच रहे थे, यीशु अपने वफादार मित्रों के साथ मिलकर उन्हें बता रहा था कि क्या होने जा रहा था।
Read Moreजब शिष्य अपने प्रभु को आकाश में उठते देख रहे थे, तो स्वर्गदूतों ने आशा के महान शब्द कहे। एक दिन वह उसी पहाड़ी पर लौटेगा, और जब वह लौटेगा, तो सब कुछ हमेशा के लिए बदल जाएगा। जब शिष्य यरूशलेम वापस लौट रहे थे तब ये क्या सोच रहे थे
अगले दस दिनों के लिए शिष्यों ने अपने परमेश्वर के शब्दों पर विचार किया।
Read Moreदेखिये पतरस कैसे बदल गया! एक बार उसने इनकार किया था कि वह यीशु का मित्र था क्योंकि उसे डर था कि उसे पीटा जाएगा। अब वह यरूशलेम के बीच में खड़े होकर यह घोषित कर रहा था कि यीशु परमेश्वर था! पवित्र आत्मा की शक्ति ने. उसे बदल दिया था। और आत्मा ने सुनने वाले लोगों के दिल में कार्य किया।
Read Moreअगले दिन महासभा मंदिर में मिले। इस्राएल में महामहिम सबसे शक्तिशाली धार्मिक अगुएं थे। वे सुप्रीम कोर्ट की तरह थे। उन्होंने सभी यहूदियों पर सर्वोच्च न्यायाधीशों के रूप में कार्य किया था। वे सुसमाचार के प्रचार को लेकर बहुत क्रोधित थे।
Read Moreस्टिफनुस आगे इस्राएल के इतिहास की कहानी सुनाता है। भले ही उन्होंने बहुत पाप किया था तौभी परमेश्वर ने मूसा और इस्राएलियों को विजय दिलाई । जब वे वादा किए हुए देश की ओर जाने के लिए मरुभूमि में चालीस वर्षों तक घूम रहे थे, परमेश्वर ने उन्हें एक विशेष तम्बू बनाने के लिए आदेश दिया, एक ऐसा स्थान जहां वे उसकी आराधना कर सकेंगे।
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