पाठ 196: हृदय की सुन्नत के माध्यम से वाचा का नवीकरण
मूसा यरदन के पूर्व, मोआब में इस्राएल के राष्ट्र के सामने खड़ा था। लोगों के लिए अपने अंतिम सन्देश में, उसने देखा की वह राष्ट्र यहोवा की महान सच्चाई और महान विफलता, दोनों से गुज़रेगा। एक दिन, वे परमेश्वर के प्रकोप से त्रस्त किये जाएंगे। परमेश्वर इस्राएल के प्रेम और वफ़ादारी की कमी के कारण उन्हें दूसरे राष्ट्रों द्वारा नष्ट किये जाने पर दंड देगा। लोग वादे के देश को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे। वे दुनिया भर में बिखर जाएंगे।
मूसा ने उन्हें उनके इतिहास को स्मरण दिलाया। उसने मिस्र से पलायन के विषय में बताया, मरुभूमि में चालीस साल रहना जहां बहुतायत से भोजन था और उनके कपड़े भी नहीं फटे। उसने उन्हें वह युद्ध स्मरण दिलाया जिसे उन्होंने ओग और सीहोन के एमोरी राजाओं के विरुद्ध परमेश्वर की शक्ति से जीता था। वे सब परमेश्वर की महान बातों को जानते थे, और वे उन सब वादों को अच्छी तरह जानते थे जो उन्होंने परमेश्वर के साथ किये थे। ये वादे राष्ट्र द्वारा किए गए थे। लेकिन प्रत्येक इस्राएली ने स्वयं अपने दिल में परमेश्वर के साथ किये थे। मूसा ने चेतावनी दी की यदि कोई इस्राएली अपने हृदय में इन वाचा के प्रति अपने आप को समर्पित करने के बाद भी पाप करने की ठान लेता है, तो परमेश्वर स्वर्ग से उसका नाम मिटा देगा।
यदि एक राष्ट्र परमेश्वर के सुन्दर नियमों के पीछे चलने से इंकार करता है, तो परमेश्वर उन्हें बाकि दुनिया के लिए उन्हें उपयोग नहीं कर सकता था। इसके बजाय, यहोवा उनकी दुष्टता के कारण इस्राएल को ऐसे देश का भयानक उदाहरण के रूप में उपयोग करेगा जिसने परमेश्वर के साथ उनकी वाचा को त्याग दिया था। मूसा जानता था की ऐसा ही होगा। वे नष्ट किये जाएंगे और दूर देशों में इस्राएल के लोगों को बंदी बनाया जाएगा।
तभी भी यहोवा आशा का परमेश्वर है। चाहे मनुष्य असफल रहे, उसके वादे कभी नहीं असफल होते। उसने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से वादे किए थे। उनके परिवारों को एक महान देश बनाने के लिए उसने उनके साथ एक वाचा बनाई थी जो सदा कि थी। परमेश्वर हमेशा अपने वादे पर अटल रहता है। तब मूसा ने समझाया कि जब परमेश्वर इस्राएल पर हमला करने के लिए दूसरे राष्ट्रों को लाएगा, वह उन्हें वापस उनकी भूमि में लेकर आएगा। जब तक वे उन दूर स्थानों में रहते हैं, वे अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर सकते थे। वे अपने पापों का पश्चाताप करेंगे। वे अपने पूरे तन और मन से उसकी आज्ञाओं का पालन करेंगे। परमेश्वर के प्रति उनकी भक्ति उनकी सारी सामर्थ और समय को ले लेगा। तब उनका दयालु और प्रेमी यहोवा उनके लिए कुछ सुन्दर करेगा। उसने कहा:
"'... तब यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम पर दयालु होगा। यहोवा तुम्हें फिर स्वतन्त्र करेगा। वह उन राष्ट्रों से तुम्हें लौटाएगा जहाँ उसने तुम्हें भेजा था। चाहे तुम पृथ्वी के दूरतम स्थान पर भेज दिये गये हो, यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर तुमको इकट्ठा करेगा और तुम्हें वहाँ से वापस लाएगा। यहोवा तुम्हें उस देश में लाएगा जो तुम्हारे पूर्वजों का था और वह देश तुम्हारा होगा। यहोवा तुम्हारा भला करेगा और तुम्हारे पास उससे अधिक होगा, जितना तुम्हारे पूर्वजों के पास था और तुम्हारे राष्ट्र में उससे अधिक लोग होंगे जितने उनके पास कभी थे। यहोवा तुम्हारा परमेश्वर, तुम्हें और तुम्हारे वंशजों को परिशुद्ध करेगा कि वे उसकी आज्ञा का पालन करना चाहेंगे। तब तुम यहोवा को सम्पूर्ण हृदय से प्रम करोगे और तुम जीवित रहोगे!'''
व्यवस्था 30:3-6
आप को क्या लगता है इसका क्या अर्थ था कि परमेश्वर उनके दिलों का खतना करेगा? नियमित खतना वो होता है जब एक पुरुष के निजी भाग से त्वचा का एक टुकड़ा काटा जाता है। इस्राएल के परिवारों में, यह वाचा का एक विशेष हिस्सा था। इस्राएल के सभी लड़कों का खतना परमेश्वर के लिए अलग किये जाने के लिए किया जाता था। यह दिल कि गहराई से उस समर्पण का एक बहुत ही गहरा भावनात्मक और भावुक प्रतिबद्धता था। यह एक गहरे प्रेम को दिखाने का एक प्रतीक था। यह प्रेम उन्हें उसकी सब आज्ञाओं का पालन करने के लिए मजबूर करेगा। खतना एक पुरुष की त्वचा पर एक आसान सा आपरेशन होता था। लेकिन दिल से खतना करने के लिए, इस्राएल का देश उस पाप और शर्म को दूर करने में विफल रहेगा।