कहानी १८०: शक्की थोमा 

आठ दिन बीत चुके थे जब मसीह अपने चेलों के सामने प्रकट हुए थे। कई जबरदस्त बातें इस छोटे दौरान हुई थी! वे उसके मौत के सदमे से बाहर भी नहीं आ पाए थे जब अचानक वह मुर्दों में से जी उठा! और तो भी, वह उनके साथ नहीं था, कम से कम पहले की तरह तो नहीं।

Read More
कहानी १८१: मछली पकड़ने की यात्रा

प्रभु ने अपने चेलों से कहा था कि वह उन्हें गलील में मिलना चाहते हैं, तो चेले वहाँ यात्रा करके गए,और पतरस के पुराने शहर में समुन्दर के किनारे रहने लगे। पतरस, थोमा, नथानिएल , याकूब और युहन्ना, और अन्य दो चेलों सब साथ वहां थे। एक ऐसा क्षण आया जब पतरस ने कुछ व्यस्त होने का फैसला किया।

Read More
कहानी १८२: तट के किनारे सैर 

चेले नाश्ता खाने के बाद उठकर तट के किनारे चलने लगे। परमेश्वर ने पतरस से कहा, 'शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तुम सच में मुझे इन से अधिक प्यार करते हो ?"

Read More
कहानी १८३: गलील के एक पहाड़ी पर

यीशु ने अपने चेलों को उसे गलील के एक पहाड़ी पर मिलने को कहा। शायद वह उन्हें वहाँ इसलिए इकट्ठा करना चाहते थे ताकि जो लोग इसराइल के उत्तरी भाग में सागर के किनारे उस पर विश्वास करते थे, यीशु को अपनी आँखों से देखते कि वह कैसे मर जाने के बाद भी मुर्दों में से जी उठा। हम यीशु के इस चयन की वजह को यकीन से नहीं कह सकते है।

Read More