कहानी १५३: मसीह न्याय के सिंघासन पर
जो दूसरी कहानी यीशु बताने जा रहे थे, वो भी भविष्य के बारे में थी। प्रभु पृथ्वी के लोगों का न्याय करने आ रहे है। जिस प्रकार यह लोग अपने जीवन को जीने का चुनाव करेंगे, उससे ही वो जानेंगे कि सही मायने में कौन उनके अपने थे। जैतून के पहाड़ पर अपनी लम्बी बातचीत के दौरान, उन्होंने यह बात अपने शिष्यों को ऐसे वर्णित की:
" जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा, और उसके साथ सभी स्वर्गदूत भी, तो वह अपनी महिमा के सिंहासन पर बैठेगा। उनके सामने सभी देशों को इकट्ठा किया जाएगा, और वह लोगों को एक दूसरे से अलग करेगा, जैसे एक चरवाहा बकरियों से भेड़ों को अलग करता है। और वह अपने दाहिनी ओर भेड़ों को रखेगा, लेकिन बकरियों को बाएँ ओर।"
हम खैर यह जानते है कि बाइबल में जिन चीज़ों को परमेश्वर के दाहिने हाथ पर डाला जाता है, उन्हें उनका प्यार और कृपा प्राप्त होता है। उनके बाएं हाथ पर चीज़ों से वह बिल्कुल भी खुश नहीं होते है। बकरियों ने ऐसा क्या किया था जिससे वह बाएँ ओर थे? भेड़ों ने ऐसा क्या किया था जिससे वो दाहिनी ओर थे? यीशु ने यह कहा:
“फिर वह राजा, जो उसके दाहिनी ओर है, उनसे कहेगा, ‘मेरे पिता से आशीष पाये लोगो, आओ और जो राज्य तुम्हारे लिये जगत की रचना से पहले तैयार किया गया है उसका अधिकार लो। यह राज्य तुम्हारा है क्योंकि मैं भूखा था और तुमने मुझे कुछ खाने को दिया, मैं प्यासा था और तुमने मुझे कुछ पीने को दिया। मैं पास से जाता हुआ कोई अनजाना था, और तुम मुझे भीतर ले गये। मैं नंगा था, तुमने मुझे कपड़े पहनाए। मैं बीमार था, और तुमने मेरी सेवा की। मैं बंदी था, और तुम मेरे पास आये।’ --मत्ती २५:३४-३६
वाह। भेड़ों ने यीशु के लिए कई सुंदर, दयालु चीज़ें की थी। लेकिन इस कहानी में, वे उलझन में थे, तो उन्होंने राजा यीशु से कुछ सवाल पूछे:
“फिर उत्तर में धर्मी लोग उससे पूछेंगे, ‘प्रभु, हमने तुझे कब भूखा देखा और खिलाया या प्यासा देखा और पीने को दिया? तुझे हमने कब पास से जाता हुआ कोई अनजाना देखा और भीतर ले गये या बिना कपड़ों के देखकर तुझे कपड़े पहनाए? और हमने कब तुझे बीमार या बंदी देखा और तेरे पास आये?’ “फिर राजा उत्तर में उनसे कहेगा, ‘मैं तुमसे सत्य कह रहा हूँ जब कभी तुमने मेरे भोले-भाले भाईयों में से किसी एक के लिए भी कुछ किया तो वह तुमने मेरे ही लिये किया।’ --मत्ती २५:३७-४०
वाह। कितना सुंदर राजा! क्या ही एक अद्भुत दिल! यह राजा अपने लोगों से इतना प्यार करता था कि वह उन्हें भाई बुला रहा था।वह उन्हें इतना प्यार करता था कि वह चोट खाए लोग, या जेल या भूखे लोगों की देखबाल करता था, और खुश होता था जब उसके अपने, किसी भी तरह उनकी मदद करते। वे उनके दयालुता को याद करते जैसे उन्होंने उन के लिए यह किया हो! मसीह में हमारे भाइयों और बहनों की सेवा करना और स्वर्ग के राजा की सेवा करना एक ही बात है! वाह! यीशु हमारे अच्छे कर्मों को याद करके सिंजोते हैं ताकि वो हमें समय के अंत में इनाम दे सके! वाह!
लेकिन यह ज़रूरी नहीं है कि जो कोई खुद को मसीह का चेला बुलाता हो वो अपना जीवन उनके लिए बिताये। यीशु ने इस कहानी में उनके बारे में यह कहा है:
“फिर वह राजा अपनी बाँई ओर वालों से कहेगा, ‘अरे अभागो! मेरे पास से चले जाओ, और जो आग शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गयी है, उस अनंत आग में जा गिरो। यही तुम्हारा दण्ड है क्योंकि मैं भूखा था पर तुमने मुझे खाने को कुछ नहीं दिया, मैं अजनबी था पर तुम मुझे भीतर नहीं ले गये। मैं कपड़ों के बिना नंगा था, पर तुमने मुझे कपड़े नहीं पहनाये। मैं बीमार और बंदी था, पर तुमने मेरा ध्यान नहीं रखा।’ “फिर वे भी उत्तर में उससे पूछेंगे, ‘प्रभु, हमने तुझे भूखा या प्यासा या अनजाना या बिना कपड़ों के नंगा या बीमार या बंदी कब देखा और तेरी सेवा नहीं की।’ “फिर वह उत्तर में उनसे कहेगा, ‘मैं तुमसे सच कह रहा हूँ जब कभी तुमने मेरे इन भोले भाले अनुयायियों में से किसी एक के लिए भी कुछ करने में लापरवाही बरती तो वह तुमने मेरे लिए ही कुछ करने में लापरवाही बरती।’ “फिर ये बुरे लोग अनंत दण्ड पाएँगे और धर्मी लोग अनंत जीवन में चले जायेंगे।” --मत्ती २५:४१-४६
और ये मसीह के वो शब्द थे जो उन्होंने अपने चेलों को अपने महान सबक में दिए; उन्हें इस बात के लिए तैयार करते हुए कि उनके जीवन कैसे होने चाहिए जब वो इस धरती पर उसकी सेवा कर रहे थे। जिस प्रकार वे कमजोर और चोट पहुँचे लोगों के लिए अपने प्यार को दर्शाते, वह परमेश्वर को अपना प्रेम दिखाने के लिए एक रास्ता था। यह परमेश्वर के राज्य की बातें है। दस कुंवारियाँ और तोड़ों वाले पुरुषों की कहानी इसी बारे में थी। और मसीह के प्रेम के विशेष कार्य में, हमारी बुलाहट इसी के लिए है!