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पाठ 31 : बेवफ़ाई का दुःख

अब्राम और सारा के दस साल अपने देश में रहने के बाद, उनके अभी भी कोई संतान नहीं थी। सबकी आँखों में सरै की दरिद्रता एक महान कमज़ोरी और असफलता के रूप में देखा जाता था। उसने अब्राम को एक परिवार मिलने से वंचित कर रखा था।

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पाठ 166 : इस्राएली पुरुषों का मिद्यानी स्त्रियों के साथ पाप में गिरना

यहोवा के इस्राएलियों के प्रति उसकी वफ़ादारी के विषय में पढ़ना कितना आश्चर्यजनक है। उसने उन्हें एमोरी के लोगों पर विजय दिलाई थी।फिर उसने सबसे बड़े बुतपरस्त नबी को मोआबी को इस्राएल के प्रति अपने प्रेम को दिखाने के लिए उसे इस्तेमाल किया।

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