कहानी १७८: जीवित मसीह
क्लीओपस और उसके दोस्त को कुछ अद्भुत दिया गया था। जब वे इम्मौस के लिए यरूशलेम से घर जा रहे थे, यीशु वहां आए। शुरू में, वे उसे नहीं पहचान सके। किसी तरह, उनकी आंखों को यह प्रकट करना यीशु का काम था।
जब वह उनके साथ शामिल हुआ, तो उन्होंने इस्राएल के पूरे इतिहास की व्याख्या की - मूसा से लेकर नबियों तक - यह दिखाने के लिए कि उसका आना परमेश्वर के महान छुटकारे की योजना की पूर्ति थी! अंत में जब वो नीचे बैठे और यीशु रोटी तोड़ने लगे, तो अचानक उन्हें यह प्रकट हुआ कि यह वही था! यीशु ने अपने आप को प्रकाशित किया। यह प्रभु था! लेकिन उसके बाद, वह गायब हो गया।
पुरुषों ने कोई समय बर्बाद नहीं किया। वे उठकर यरूशलेम सीधे वापस चले गए। क्या आप शहर के उन सात मील की दूरी पर उनकी चर्चा और उत्साह की कल्पना कर सकते हैं? उन्हें चेलों को बताना था कि जो महिलाओं ने बोला था, वो सच था!
जब वे आए, तो कुछ और खबर थी। चेलों ने बोला: "प्रभु वास्तव में जी उठा है, और शमौन पतरस को प्रकट हुआ है! '" अब, चारों में से कोई भी सुसमाचार हमें यह नहीं बताती है कि यीशु ने पतरस को उसके विश्वासघात के बाद पहली बार मिलने पर क्या कहा। यह यीशु और उसके प्रिय सेवक के बीच एक बेहद निजी समय था। लेकिन क्या आप पतरस और उसके शोकित पश्चाताप की कल्पना कर सकते हैं? क्या आप उसके राहत की कल्पना कर सकते हैं? उसके पास माफी की भीक मांगने का मौका था! उसके लिए यह एक कैसी शक्तिशाली बात रही होगी कि उसके भयानक विश्वासघात के बावजूद, प्रभु यीशु ने उसे मिलने के लिए ढूंडा? प्रिय मरियम के बाद दुनिया में सभी लोगों में से, पतरस जीवित मसीह के साथ मिलने के लिए पहला जन था। क्या ही कोमल प्रभु!
जब चेलों ने क्लीओपस और उसके दोस्त को अपऩी अच्छी खबर बताई, तब यात्रियों ने यीशु के साथ सड़क पर अपनी मुलाक़ात के बारे में चेलों को बताया। उत्तेजित आवाज़ो का कितना शोर होगा!
इसके पश्चात जब पुरुष अपने आश्चर्य में बातें कर रहे थे, वे खतरे की संभावना के बारे में जानते थे। यहूदी नेता खुश नहीं थे। अफवाह यह थी कि वे मसीह के शरीर के चोरी का आरोप चेलों पर लगा रहे थे! तो चेलों ने अपनी बैठक जगह का दरवाजा सावधानी से बंद किया। फिर वे इस अद्भुत सच्चाई पर चर्चा करने के लिए मुड़े: यीशु जीवित था।
पुरुष मेज़ के पास एकत्रित होकर बैठ गए। वे अपने भोजन के पास बैठे उन उल्लेखनीय बातों के बारे में चर्चा करने लगे जो उन के आस पास उस रविवार हुई। अब तक, यीशु ने अपने को केवल चार लोगों को प्रकट किया। वह मरियम के पास पहले क्यों आए थे? और महिलाओं ने क्यों स्वर्गदूतों को देखा, लेकिन यूहन्ना और पतरस को केवल खुली कब्र और तह लगे हुए कपडे देखने को मिले? धार्मिक नेता अब क्या करने जा रहे थे? क्या वे मसीह के जी उठने को एक धोखा साबित करने के लिए, चेलों को दंडित करने की कोशिश करेंगे? और अब वे यीशु को अगली बार कब देखेंगे?
और फिर,ठीक उनके भोजन के बीच में, प्रभु यीशु एक बार फिर से दिखाई दिए! "'शांति तुम्हारे साथ हो" उन्होंने कहा।
चेले हैरान हो गए, और उसके बाद वे घबरा भी गए! उन्हे लगा कि यह एक आत्मा है! परमेश्वर के अनन्त दायरे, मसीह के माध्यम से पृथ्वी और प्रकृति के नियमों पर हावी हो रही थी। यीशु को बंद दरवाजे से आके अपने हाथ की सफाई नहीं दिखानी थी। वह सिर्फ वहां बस आ गए! शिष्यों के लिए, यह अजीब और बहकानेवाली बात थी। जिस ठोस और स्थायी दुनिया को वो जानते थे, वो महान यथार्थ अपने असीम रूप से इस ठोस और स्थायी दुनिया को एक अनिश्चित छाया बना रहा था।
यीशु ने पूछा: "तुम इतना परेशां क्यूँ हो, और तुम्हारे मन में संदेह क्यों उठता है? मेरे हाथ और मेरे पैर देखो, कि यह वास्तव में मै ही हूँ; मुझे छुओं और देखो, क्यूंकि एक आत्मा के पास मांस और हड्डियों नहीं होती, जैसे तुम देखते हो मेरे पास है।"
जैसे ही उन्होंने यह बातें कही, यीशु ने अपने हाथों और पैरों में निशान दिखाए जो उन क्रूर कीलों ने बनाई। फिर उन्होंने अपनी कमर दिखाई जहां भाले ने उसे बेधा था।
फिर वे खुशी से भर गए, और उस पर आश्चर्य करने लगे जो सच नहीं लग रहा था, लेकिन था। यह एक अकल्पनीय आशा थी! यह दिखाने के लिए कि वह सिर्फ आत्मा में नहीं वरण शरीर के साथ भी जी उठा है, यीशु ने पूछा: "'क्या तुम्हारे पास खाने के लिए कुछ है?"
चेलों ने उसे कुछ भुनी मछली दी।यीशु ने ले लिया और उनके सामने उसे खा लिया। सत्य अब वास्तविकता बन रही थी, और वे उज्ज्वल आश्चर्य से भर गए। जिसको उन्होंने सोचा कि वह हमेशा के लिए खो गया है, वह वापस आ गया था!
यीशु ने समझाया: "'मैंने तुम्हे यही बताया था जब मै तुम्हारे साथ था: मेरे बारे में जो कुछ मूसा की व्यवस्था, भविष्यद्वक्ताओं, और भजन में लिखा है, उसे पूरा किया जाना चाहिए।" प्रभु ने बार बार कोशिश की उन्हें आने वाली बातों की चेतावनी दे, लेकिन वह उसे तब तक नहीं समझ पाए जब तक वह हुई नहीं। अब भी, उनके सामने जबकि वह स्वयं जीवित थे, उन्हें इसे समझना कठिन था। तो वह उन्हें सिखाने लगे, ताकि उनके दिमाग खुले और वह पूरे रूप से समझ पाए कि कैसे पुराना नियम हमेशा से यीशु की ओर संकेत कर रहा था! खुद यीशु के ही होठों से सुनने के लिए यह एक आकर्षक सबक था! क्या आप उस दीवार पर एक मक्खी होने की इच्छा नहीं करते है?
प्रभु ने आगे बोला:
और उन से कहा, यों लिखा है; कि मसीह दु:ख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा।
और यरूशलेम से लेकर सब जातियोंमें मन फिराव का और पापों की झमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा।
तुम इन सब बातें के गवाह हो।
और देखो, जिस की प्रतिज्ञा मेरे पिता ने की है, मैं उस को तुम पर उतारूंगा और जब तक स्वर्ग में सामर्थ न पाओ, तब तक तुम इसी नगर में ठहरे रहो।।
वाह! यीशु का क्या मतलब था? वो कैसे यरूशलेम में मसीह के बारे में प्रचार करेंगे, यह जान के कि धार्मिक नेताओं का प्रकोप उनका पीछा कर रहा था? और इसका क्या मतलब था कि वह स्वर्ग से सामर्थ पाएंगे?