पाठ 27 : अविच्छिन्नित

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जब भी परमेश्वर ने अपने पवित्र दूतों को व्यक्तिगत रूप से दिखे हैं, कुछ बड़ा प्रकट होता है I जब परमेश्वर नबूकदनेस्सर और दानिय्येल को संसार के राज्यों का भविष्य दिखाना चाहता था, उसने दृश्य और सपनों को दिखाया I परन्तु अब परमेश्वर अपने वफ़ादार सेवक को वह समझा राजा था जो इस्राएल के देश के साथ होने जा रहा था और किस प्रकार वह अपने सबसे पवित्र भविष्यवाणियों को पूरा करने जा रहा था I वह आने वाले मसीहा का शुभ समाचार सुना रहा था ! उसके उच्च और पवित्र सन्देश के लिए, उसने अपने सबसे ऊँचे और शक्तिशाली दूतों को भेजा ताकि वे दानिय्येल के साथ आमने सामने बात कर सकें I उसने जिब्राएल को भेजा, वही दूत जिसे वह पांच सौ वर्ष बाद एक जवान यहूदी स्त्री को यह बताने के लिए भेजेगा की वह परमेश्वर की माता बनेगी I

जिब्राएल ने दानिय्येल को चार सौ नब्बे वर्ष के समय के विषय में बताया I फिर उसने उसे तीन भाग में बाँट दिया I पहला समय उनचास वर्षों का होगा I यह समय तब शुरू होगा जब यहूदी बाबेल के राजा साइरस द्वारा स्वतन्त्र किये जाएँगे, और वे यरूशलेम आनंद मनाते हुए लौटेंगे I यशायाह नबी ने इस समय के विषय में भविष्यवाणी की थी I उसने कहा कि सौ वर्षों पहले परमेश्वर एक व्यक्ति जिसका नाम साइरस है, उसे इस्राएल के देश को स्वतन्त्र करने के लिए उपयोग करेगा I वे अपने घर बड़ा आनंद मनाते हुए लौटेंगे I यशायाह ने यशायाह 52 में उनके घर लौटने की यात्रा के लिए एक सुंदर  गीत लिखा था;

    “जाग उठो! जाग उठो हे सिय्योन!  अपने वस्त्र को धारण करो! तुम अपनी शक्ति सम्भालो...सुसमाचार के साथ पहाड़ों के ऊपर से आते हुए सन्देशवाहक को देखना निश्चय ही एक अद्भुत बात है। किसी सन्देशवाहक को यह घोषणा करते हुए सुनना कितना अद्भुत है: “वहाँ शांति का निवास है, हम बचा लिये गये हैं! तुम्हारा परमेश्वर राजा है!”

यशायाह कैदियों को बता रहा था कि वे उस दिन के लिए तैयार रहें जब परमेश्वर उन्हें स्वतन्त्र करेगा ! उन्हें अपने सबसे अच्छे वस्त्र पहनने होंगे और सभी देशों को अपने पवित्र परमेश्वर के विषय में बताना होगा और उन्होंने आनंदित होकर नाचते हुए अपने घर में प्रवेश किया !

                                    

यहूदी लोग यरूशलेम लौटने के लिए उनचासवे वर्ष के शुरुआत में स्वतन्त्र किये जाएँगे I इस्राएल के लोग सब तरफ़ फैले हुए थे, और उन्हें वापस लाने में बहुत समय लगेगा I इस बीच, जो पहले पहुंचेंगे वे सर्व उच्च परमेश्वर के मंदिर को, और उन महान दीवारों को शहर को चारों ओर से घेरे हुए हैं, दोबारा बनाएँगे I यदि आज आप यरूशलेम जाते हैं, कुछ पत्थर जिन्हें उन्होंने उपयोग किया था वहाँ अभी भी हैं ! वे रोज़ की तरह बलिदान के दैनिक अनुष्ठान और अपने परमेश्वर की आराधना मंदिर में करना शुरू करेंगे I वे दोबारा अपने घरों को बनाएँगे और खेती करेंगे और अपने परिवारों को बढाएँगे I

पहले सात सात के बाद बासठ सात आएंगे I यह समय था जब यहूदी, मसीहा की प्रतीक्षा करते हुए अपने देश में रहेंगे I उसने दानिय्येल के द्वारा वादा किया की पांच सौ वर्ष के भीतर, अभिषेक किया हुआ आएगा I वह वादा किया हुस राजा और याजक होगा जिसके विषय में इस्राएल को सौ वर्षों पहले बताया गया था I फिर, बेशक, वह मिटा दिया जाएगा I उसके अपने लोगों द्वारा वह मारा जाएगा I जब जिब्राएल दूत ने दानिय्येल को इसके विषय में बताया, उसने यह भी बताया कि दुनिया वालों को अभिषेक किये हुए के विषय में ऐसा लगेगा जैसे की वह एक मजबूर, गरीब व्यक्ति है जो ऐसे ही जीया और मार गया (मिलर, दानिय्येल, 268)I

शायद ऐसा ही यीशु के चेलों को भी लगा होगा ! परन्तु उन्हें जल्द ही मालूम हुआ कि जब वह मरा था, उसने पाप और मृत्यु पर जय पाई थी ! उसने संसार के पापों के लिए कीमत चुका दी थी ! जो श्राप आदम और हव्वा इस दुनिया में लाये थे वह समाप्त किया गया, और शैतान को हराया गया I जो एक निराशाजनक मौत लगती थी वह इतिहास का सबसे शक्तिशाली और आशा भरी घटना थी ! हम दानिय्येल की बहुत सी भविष्यवाणियों को समझ सकते हैं क्योंकि हम यीशु के आने के बाद पैदा हुए हैं I परन्तु इनके होने के हज़ारों वर्षों पहले, नबी और दूत समझना चाहते थे कि परमेश्वर क्या करने वाला है I

मसीहा के मारे जाने के बाद, दानिय्येल ने कहा कि एक शत्रु आएगा और परमेश्वर के मंदिर और यरूशलेम के शहर को नष्ट कर देगा I यीशु ने भी इसकी भविष्यवाणी मत्ती 24:1-2 में की थी I ठीक ऐसा ही चालीस वर्ष के बाद हुआ जैसा यीशु ने कहा था कि होगा I 70 ईस्वी में, रोमी आए और यरूशलेम को पूरी तरह से नाश कर दिया (मिलर, दानिय्येल, 268)I बहुत से यहूदी बहुत बुरी तरह से मारे गए, और बहुत से दुनिया के अन्य स्थानों में भाग गए I यहूदी दो हज़ार वर्षों तक इस्राएल देश में नहीं लौटे I 1947 में, पचास वर्ष पहले, इस्राएल दोबारा से राष्ट्र बना I परन्तु अभी भी उनके पास मंदिर नहीं है I

परन्तु जिब्राएल ने अभी समाप्त नहीं किया था I उसने एक अंतिम सात के विषय में बताया I वह बहुत दिलचस्प है क्योंकि यह वह भविष्यवाणी है जो अभी तक नहीं हुई है ! हम अभी भी रुके हैं ! ये सात वर्ष महान कष्ट और सताव के समय होंगे I भयंकर लड़ाईयां होंगी I प्रभु के विरुद्ध भयानक काम और बातें होंगी, और उसके बच्चों को उसके प्रति वफ़ादार रहने के लिए कष्ट सहना होगा I परमेश्वर के सच्चे विश्वासियों के लिए यह सताव का बहुत बुरा समय होगा I

सात वर्षों तक के इस सताव के विषय में मानने का हमारे पास बहुत अच्छा कारण है I उस सात के बीच, एक दुष्ट शासक जिसके पास शैतान की शक्ति है, संसार में शासन करेगा I वह घृणा को फैलेगा जिसके द्वारा परमेश्वर के पवित्र मंदिर में निराशा पैदा होगी I आपको याद होगा कि दानिय्येल में हमने एक दुष्ट शासक के विषय में सुना था जो परमेश्वर के लोगों को नाश करेगा I क्या आपको सातवें अध्याय में वह तांबे का छोटा सींग याद है जो परमेश्वर के विरुद्ध बोलता था और अंत में आग में फेंका गया था ? यह इतना भयंकर दृश्य था कि दानिय्येल उसे देख कर बेहोश होने लगा I यह उसी दुश व्यक्ति और इतिहास के उसी बुरे समय के विषय में बात हो रही है I यह कितना भयावह होगा की परमेश्वर दानिय्येल की किताब में बार बार चेतावनी देता है I परन्तु वे बुरे वर्ष बहुत शानदार तरीके से समाप्त होंगे I यीशु दोबारा आएगा और पृथ्वी पर पूरे सामर्थ के साथ राज्य करेगा ! हम अभी उस यशस्वी समय के लिए रुके हुए हैं I

शायद आपने ध्यान दिया हो कि इतिहास का एक बहुत बड़ा हिस्सा यहाँ अनुपस्थित है I जिब्राएल दानिय्येल को उस समय के विषय में बताता है जब यहूदी यरूशलेम को लौटेंगे, वे वर्ष जब वे अपने मसीहा के आने की प्रतीक्षा एक देश के रूप में करेंगे, और वह समय जब मसीह आएगा I फिर वह उस सताव के विषय में बताता है जो अभी हुआ नहीं है और मसीह के दूसरे आगमन के बारे में I परन्तु उसका क्या जो बीच में हो रहा है ? यदि यह बहुत भ्रामक है, तो इस चार्ट को देखिये I शायद इससे कुछ मदद होगी !

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यीशु के मरने और जी उठने के बाद के दो हज़ार वर्षों तक क्या हुआ ? यद्यपि, जिब्राएल उस भगत को छोड़ देता है I वह दानिय्येल को परमेश्वर के पवित्र देश, इस्राएल के भविष्य के विषय में बता रहा था I यह वही देश है जिसके लिए वह प्रार्थना कर रहा था, ये उसके लोग थे I जब मसीह आया, तब यहूदी अगुवों ने उसका तिरस्स्कर किया और रोमी राज्य के साथ मिल कर उसे क्रूस पर चढ़ा दिया I परमेश्वर ने एक नया काम किया I उसने एक नई वाचा दी I जो कोई भी परमेश्वर के पुत्र, यीशु मसीह पर विश्वास करता है, वह बचाया जाएगा I वे पवित्र आत्मा पाएँगे, और उन्हें एक नया हृदय दिया जाएगा I वे पूर्णरूप से नए हो जाएँगे ! जो अविश्वसनीय विशेषाधिकार परमेश्वर ने इस्राएल को जो उसके पवित्र लोग थे, दिया था, वह अब कलीसिया का होगा I यही समय है जब हम उसमे होंगे I वह हमारा विशेष उपहार होगा और परमेश्वर के साथ हमारा सम्बन्ध ! परन्तु एक दिन, परमेश्वर सताव के अंतिम सात वर्षों को लाएगा, और वह इस्राएल के देश को फिर से बहाल करेगा I वह यहूदी लोगों को यीशु मसीह पर विश्वास करने के लिए बुलाएगा, और वे विश्वास करेंगे I वे परमेश्वर के चुने हुए लोग उन सतावट के सात वर्षों में होंगे जब यीशु का शत्रु सत्ते में आएगा, और वे उन अंतिम दिनों में यीशु मसीह के शुभसमाचार को सुनेंगे I मसीह की शक्ति से और पवित्र आत्मा की सक्रिय उपस्थिति के द्वारा, यहूदी अंत में संसार के एक याजक देश बनकर जीयेंगे और पवित्रता के साथ वह जीवन जीयेंगे जो प्रभु ने उन्हें होने के लिए दिया था !