पाठ 55 : दीना
उत्पत्ति 34:1-17
याकूब और उसका कबीला शकेम के शहर के पास एक भूमि को खरीद कर वहां बस गए। वे अपने घर से इमारतों को देख सकते थे जो कुछ दूरी पर थीं। यहां इब्राहीम ने पहली वेदी बनाई थी, और अब याकूब ने भी वहाँ एक वेदी बनाई। केवल समस्या यह थी, जब याकूब वादे के देश में पार कर के गया, उसने परमेश्वर से वादा किया था किवह बेतेल तक जाएगा। यदि उसने पूर्ण रूप से आज्ञाकारिता के साथ परमेश्वर का सम्मान किया होता, कहानी में जिन भयानक घटनाओं को हम पढ़ने जा रहे हैं, वे कभी नहीं घटतीं। यदि याकूब ने अपनी कसम को रखा होता, तो वह अपने पूरे परिवार की रक्षा कर सकता था।
इस समय तक, लिआ ने छह बेटे और एक कीमती बेटी, जो पूरे याकूब के परिवार में एक ही लड़की थी, पैदा किये। उसका नाम दीना था, और इस कहानी में, वह शायद पंद्रह साल की थी। एक दिन, दीना अपने परिवार के सुरक्षा क्षेत्र के बाहर जाकर अन्य महिलाओं से मिलने को चली गयी।
अब, कुछ लोगों के लिए यह कोई बड़ी बात ना हो। ऐसे स्थानों में जहां महिलाओं के लिए घर से बाहर निकलना सुरक्षित हो, उन्हें रोकना हास्यास्पद प्रतीत हो सकता है।
लेकिन जिस दुनिया में दीना रहती थी वह असुरक्षित था। कनानियों के बीच में अकेले जाना मूर्खता थी।वह बहुत लापरवाही कर रही थी। सदोम और अमोरा की कहानी में, हमने देखा की उन दिनों में दो पुरुषों के लिए बिना सुरक्षा के यात्रा करना कितना खतरनाक था। कल्पना कीजिये कि महिलाओं के लिए और कितना बुरा था! अभिशाप के तहत मानव समाज इतना हिंसक और अनैतिक में हो गया था की महिलाएं अकेले यात्रा नहीं कर सकती थीं।
जब वह अपने रास्ते पर जा रही थी, तब एक युवक ने उसे देखा। उसका नाम शकेम था, और उसके पिता का नाम हमोर था। हमोर उस क्षेत्र का प्रमुख शासक था। शकेम ने जब दीना कि सुंदरता को देखा, तो वह उसे उत्तेजना से चाहने लगा। उस पल में, वह एक विकल्प कर सकता था। उसे अपने जुनून को नियंत्रण में रखना चाहिए था और सुरक्षा के साथ इस जवान स्त्री का सम्मान करना चाहिए था। इसके बजाय, वह उस पर प्रबल हुआ और उस पर अपनी ताकत का इस्तेमाल किया। उसने उसके साथ ज़बरदस्ती किऔर उसका उल्लंघन किया।
बाद में, वह उसके लिए स्नेह से अभिभूत हुआ, और उससे कोमलता से बातें कीं। वह उसके साथ प्रेम करने कि कल्पना कर रहा था, इसीलिए उसने उसे अपने घर में बंधक बनाकर रखा। प्रेम कि यह कितनी गलत धारणा है! आप दीना के दर्द और भय कि कल्पना कर सकते हैं? उसने उसकी बिलकुल परवाह नहीं की! उसे केवल अपनी ही इच्छाओं को पूरा करने कि परवाह थी। सो वह अपने पिता के पास गया और उनसे बिन्ती की कि वह उसके विवाह कि व्यवस्था करें। ऐसी दुनिया की कल्पना कीजिये जहां पुरुष एक लड़की के साथ इस तरह से व्यवहार कर सकते हैं। ऐसे कौन से माता पिता हैं जो एक बलात्कारी के साथ अपनी बेटी कि शादी करने के लिए सहमत होंगे?
इस बीच, याकूब को मालूम हुआ किदीना के साथ क्या हुआ है। वह उसकी इकलौती बेटी थी, और वह व्यक्ति के घर में कैद थी जो उसके साथ हिंसतात्मक था। फिर वह कुछ नहीं कर पाया। इसके बजाय, वह अपने बेटों का इंतजार करता रहा। हम नहीं जानते की वह क्रोधित क्यूँ नहीं हुआ। उसने तुरंत अपने बेटों को क्यूँ नहीं बुलवा भेजा? वह इस वयक्ति शकेम से क्यूँ नहीं क्रोधित हुआ? यह एक पिता के प्रति आश्चर्यजनक और प्रतिकारक बात है कि वह ऐसे कैसे शांत रह सकता है जबकि उसकी बच्ची ऐसी पीड़ा से गुज़र रही हो!
याकूब जब इंतजार कर रहा था, वहीं हमोर याकूब के पास अपने पुत्रों के साथ आया। उसके पुत्र ने दीना के साथ विवाह करने की मांग की। हमोर याकूब के पास एक प्रस्ताव लेकर आया था।
जिस समय हमोर और उसके पुत्र याकूब के साथ बातचीत कर रहे थे, दीना के उल्लंघन कि खबर उसके भाइयों के कानों तक पहुंच गई। वे क्रोध और दु: ख से भर गए। उनकी प्रिय बहन के साथ क्रूरता दिखाई गयी और उसकी मर्यादा उससे छिन गयी थी। कुछ लोगों ने उसका उपयोग करके इस दुनिया को अपनी गंदगी और पाप से नापाक कर दिया था। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि वह सुरक्षित रहे, और उसके लिए एक कीमत चुकानी होगी। जब वे खेतों से गुस्से में लौटे तो उन्होंने अपने तम्बू में शकेम और हमोर को पाया।
हमोर ने कहा, "'मेरा पुत्र शकेम दीना से बहुत प्रेम करता है। कृपया उसे इसके साथ विवाह करने दो। यह विवाह इस बात का प्रमाण होगा कि हम लोगों ने विशेष सन्धि की है। तब हमारे लोग तुम लोगों की स्त्रियों और तुम्हारे लोग हम लोगों कि स्त्रियों के साथ विवाह कर सकते हैं। तुम लोग हमारे साथ एक प्रदेश में रह सकते हो। तुम भूमि के स्वामी बनने और यहाँ व्यापार करने के लिए स्वतन्त्र होगे।'”
वाह! हमोर एक शक्तिशाली व्यक्ति था, और वह याकूब और उसके परिवार के सामने एक प्रस्ताव रख रहा था। वह सिर्फ अपने बेटे को दीना से शादी करने के लिए नहीं कह रहा था। वह इस नए समुदाय को स्थायी और शक्तिशाली सदस्य बनने के लिए निमंत्रण दे रहा था। उसने उन्हें एक परिवार बनाने की पेशकश की! उनका भटकना खत्म हो जाएगा। फिर वह ऐसे दिखा रहा था जैसे कि उसके बेटे की भयानक करतूत कभी हुई ना हो। अपने बेटे के अपराध को ढांपने के लिए वह दीना के परिवार को धन की पेशकश कर रहा था जिसे वे इंकार नहीं कर सकते थे। लेकिन इससे भी बदतर, वह दीना को वापस उसके घर नहीं जाने दे रहे थे। वह अभी भी शहर में एक बंदी की तरह थी!
उसका पिता जब याकूब के आगे प्रस्ताव रख रहा था, शकेम बीच में टूट पड़ा और बोला, "'कृपया मुझे स्वीकार करें और मैंने जो किया उसके लिए क्षमा करें। मुझे जो कुछ आप लोग करने को कहेंगे, करूँगा। मैं कोई भी भेंट जो तुम चाहोगे, दूँगा, अगर तुम मुझे दीना के साथ विवाह करने दोगे।'”
दीना के भाई इस हिंसक व्यक्ति को अपनी बहन नहीं देने वाले थे। कैसा नीच हृदय है की ऐसे पुरुष के हाथ में एक स्त्री को सौंप देना जिसने इतने बेरहमी से उसके साथ व्यवहार किया हो। पतन के बाद मानवता इसी प्रकार से हिंसक हो गया था। शकेम का हृदय इतना कठोर था।
याकूब के बेटे बहुत क्रोधित थे, और वे बदला लेने का विचार कर रहे थे। लेकिन वे चालाक भी थे। और उनके पास एक योजना थी। उन्होंने कहा कि वे खतना किये बगैर ऐसे पुरुष से उनकी बहन की व्यवस्था नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा की एक साथ रह कर और एक दूसरे के साथ विवाह की व्यवस्था करने के लिए शहर के सभी पुरुषों को खतना करना जरूरी है। यदि वे खतना करने के लिए सहमत नहीं होते हैं, तो सारे भाइयों को दीना को लेकर उस क्षेत्र को छोड़ना होगा।
यह एक बहुत साहसी बात थी! दीना अभी भी शकेम के घर में बंदी थी! याकूब के पुत्र क्या करने की सोच रहे थे? वे अपनी बहन को कैसे बचाएंगे? और खतना के द्वारा वे हमोर और शकेम से कैसे बदला लेंगे?
परमेश्वर कि कहानी पर ध्यान करना।
उस उज्ज्वल और सुंदर अदन की वाटिका से यह दुनिया कितनी भिन्न हो गयी थी! एक दुष्ट दुनिया में, तामार ने अकेले बाहर जाकर मूर्खता दिखाई, लेकिन उससे भी बढ़कर जो शकेम ने किया, वह एक बहुत ही आक्रमणकारी और दुष्ट था। जब आप उन बेक़सूर इंसानों के बारे में सोचते हैं जो उनके सामने कमज़ोर हैं जो अपनी ताकत और इच्छा से ऐसे लोगों के साथ ज़बरदस्ती करते हैं, तो आपको कैसा लगता है? आप किन बातों के लिए चिंता करते हैं? आप इसके बारे में परमेश्वर से क्या कहना चाहेंगे ?
मेरी दुनिया, मेरे परिवार, और स्वयं पर लागू करना।
आपको क्या लगता है कि इस कहानी के पात्रों का व्यवहार कैसा है? आपको इनमें से कोई भी सही लगता हैं? आपको किसी पर भी क्रोध आता है? दीना के साथ जो भयानक बात हुई, वह एक अपमानजनक पाप था, और यह अभिशाप की अँधेरी दुनिया में भी कई महिलाओं और बच्चों के साथ हुआ है। लेकिन परमेश्वर हर पापी अधिनियम को देखता है, और जब कोई निर्दोष पीड़ित होता है तो वह नफ़रत से भर जाता है।
जीवित परमेश्वर के प्रति हमारा प्रत्युत्तर।
दीना की तरह हम भी उस स्थिति में हो सकते हैं।
अधिक शक्तिशाली इंसान नियंत्रण रख सकता है, और हम डरते और उपहति हो सकते हैं। लेकिन हम परमेश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं और उसकी सुरक्षा को मांग सकते हैं। ये कुछ आयतें हैं जो हमें याद दिला सकती हैं की परमेश्वर एक न्याय करने वाला परमेश्वर है, और वह हर कमज़ोर की रक्षा करता है।
भजन संहिता 9: 7-10
"किन्तु यहोवा, तेरा शासन अविनाशी है।
यहोवा ने अपने राज्य को शक्तिशाली बनाया।
उसने जग में न्याय लाने के लिये यह किया।
यहोवा धरती के सब मनुष्यों का
निष्पक्ष होकर न्याय करता है।
यहोवा सभी जातियों का पक्षपात रहित न्याय करता है।
यहोवा दलितों और शोषितों का शरणस्थल है।
विपदा के समय वह एक सुदृढ़ गढ़ है।
जो तुझ पर भरोसा रखते,
तेरा नाम जानते हैं।
हे यहोवा, यदि कोई जन तेरे द्वार पर आ जाये
तो बिना सहायता पाये कोई नहीं लौटता।"