कहनी १३०: यीशु के पास आना 

नूह और लूत इतने परिपूर्ण पुरुष नहीं थे, फिर भी वे परमेश्वर की सुनते थे। जब परमेश्वर कि दयापूर्ण चेतावनियां आई, उन्होंने उन पर ध्यान लगाया और बच गए। बाकी लोगों ने परमेश्वर की बातों का तिरस्कार किया और अपने भयानक अंत को चुन लिया। यह आदम और हव्वा के कारण बगीचे में किया हुआ पाप ही था। यही पाप फरीसी यीशु के विरुद्ध में कर रहे थे। यही सारे मानवजाति के ह्रदयों में भी हो रहा था। और जब तक यीशु वापस नहीं आता, यह होता रहेगा। पूरे इतिहास में, हर एक व्यक्ति को यह विकल्प मिला कि वह परमेश्वर के सिद्ध मार्ग पर चलना चाहता है या नहीं।

जिन्होंने यीशु को अस्वीकार किया उन्होंने अपने लिए रास्ता चुन लिया है। यदि वे इस जीवन में पश्चाताप नहीं करते हैं, परमेश्वर उनके निर्णय का आदर करेगा। वह उन्हें अपने लिए चुनाव करने की आज़ादी देगा। वह उन्हें अपने से अलग कर देगा और उन सब चीज़ों से भी जो वह उन्हें देना चाहता है। यह मानव हेकड़ी है यह विश्वास करना कि और कोई रास्ता भी है।

यह न्याय एक बहुत ही भयानक और डरावनी चीज़ है। यह हमें परमेश्वर की ओर पवित्रता और भक्तियुक्त भय होने के लिए मजबूर करे। यह हमें आराधना करने के लिए सिद्ध जगह और उसमें पूर्ण होने के लिए अपनी ओर खींचे। यह हमें घुटनों पर ला सकता है, जहां हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की सर्वोच्च शांति और सही रिश्ते के आनंद को जान सकेंगे। यह तब हो सकता है यदि हम ऐसा होने दें। अभी और इसी समय, हम चुनाव कर सकते हैं। क्या हम उसकी आत्मा को अनुमति दें कि वह हमें बदल दे? क्या हम उसके वचन पर ध्यान करेंगे? यीशु उस दिन का वर्णन कर रहे थे जब न्याय का दिन होगा तब वह दिन इस पृथ्वी पर मनुष्य के लिए कैसा होगा।

"'उस दिन भी जब मनुष्य का पुत्र प्रकट होगा, ठीक ऐसा ही होगा। उस दिन यदि कोई व्यक्ति छत पर हो और उसका सामान घर के भीतर हो तो उसे लेने वह नीचे न उतरे। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति खेत में हो तो वह पीछे न लौटे। लूत की पत्नी को याद करो,“जो कोई अपना जीवन बचाने का प्रयत्न करेगा, वह उसे खो देगा और जो अपना जीवन खोयेगा, वह उसे बचा लेगा। मैं तुम्हें बताता हूँ, उस रात एक चारपाई पर जो दो मनुष्य होंगे, उनमें से एक उठा लिया जायेगा और दूसरा छोड़ दिया जायेगा। दो स्त्रियाँ जो एक साथ चक्की पीसती होंगी, उनमें से एक उठा ली जायेगी और दूसरी छोड़ दी जायेगी।'” -लूका १७:२८-३६

जब वक़्त आएगा, प्रभु यीशु अपने पूरे प्रतिभा में मनुष्य के पुत्र के समान आएगा। स्वर्ग परमेश्वर के पुत्र की सम्पूर्ण शक्ति में पृथ्वी पर आक्रमण करेगा। कुछ भी पहले जैसा नहीं होगा। प्रेरित पौलूस ने उस आश्चर्यजनक पल को ऐसे वर्णन करता है:

"…… क्योंकि स्वर्गदूतों का मुखिया जब अपने ऊँचे स्वर से आदेश देगा तथा जब परमेश्वर का बिगुल बजेगा तो प्रभु स्वयं स्वर्ग से उतरेगा। उस समय जिन्होंने मसीह में प्राण त्यागे हैं, वे पहले उठेंगे। उसके बाद हमें जो जीवित हैं, और अभी भी यहीं हैं उनके साथ ही हवा में प्रभु से मिलने के लिए बादलों के बीच ऊपर उठा लिए जायेंगे और इस प्रकार हम सदा के लिए प्रभु के साथ हो जायेंगे।अतः इन शब्दों के साथ एक दूसरे को उत्साहित करते रहो।" - १ थिस्सलुनीकियों ४:१६-१८

जब वह आएगा तब आप क्या करेंगे? क्या आप भीतर भाग जाएंगे? क्या अपनी दुनियावी चीज़ों को बटोरेंगे? क्या आप लूत कि पत्नी कि तरह होंगे, जिसने पीछे मुड़ कर पाप के शहर कि ओर देखा था? या फिर अपने हाथों को यीशु की ओर उठाएंगे और उसके लिए सब कुछ छोड़ देंगे?

यीशु ने अपने चेलों को प्रकट किया कि कैसे वह अपने पूरी महिमा में वापस आएगा। जिस प्रकार वह उन्हें अपने आने के विषय में बता रहा था कि कैसे आकाश में चमकतीं हुई बिजली के समान आएगा, वह उन्हें यह बता रहा था कि कैसे उन्हें इस पृथ्वी पर प्रकार का जीवन बिताना है। उसके आने कि तैयारी में अपने आप को इस तरह तैयार करना है की अपने जीवन को पूर्ण भक्ति के साथ जीना है।