कहानी ८: नई शुरुआत

जब आप मसीह की वंशावली पढते है, जो नए नियम के पहले अध्याय से शुरू होती है, वो इस तरह है मानो पुराने नियम के इतिहास का एक बहुत छोटा सारांश। यह दिखाकर कि यीशु कैसे परमेश्वर के लोगों के इतिहास से जुड़ा हुआ था, मत्ती साबित करता है कि यीशु सच में वो जन है जिसके बारे में सभी वाचाएं और भविष्यवाणियाँ की गई थी।

मत्ती इस प्रकार शुरू करता है;

"इब्राहीम की सन्‍तान, दाऊद की सन्‍तान, यीशु मसीह की वंशावली।"

वाह! क्या आप देखते है कि वो पहला व्यक्ति कौन है जिसे मत्ती यीशु से जोड़ता है? राजा दाऊद! कोई भी यहूदी व्यक्ति जो पुराना नियम जानता था, इस बात को नोट करेगा कि यीशु दाऊद के वंशज था। वे फिर जानते कि वास्तव में मत्ती क्या कहने की कोशिश कर रहा था! यीशु को इस्राएल के सिंहासन पर बैठना था! वह राजा होने को योग्य था! वह मसीहा हो सकता है! वह प्रभु का दिन और परमेश्वर का राज्य लाने वाला हो सकता है!

मैंने अपने चुने हुए से वाचा बान्धी है, मैंने अपने दास दाऊद से शपथ खाई है,  कि मैं तेरे वंश को सदा स्थिर रखूंगा; और तेरी राजगद्दी को पीढ़ी पीढ़ी तक बनाए रखूंगा।  भजन संहिता ८९ः३-४

मत्ती ने यह भी दिखाया कि यीशु इब्राहीम का वंशज था। परमेश्वर ने इब्राहिम के साथ एक ऐसी वाचा बाँधी जिसके लिए उसने कसम खाई थी कि वह कभी नहीं तोड़ेगा। उन्होंने कहा कि इब्राहिम के इतने सारे वंशज होंगे कि वे आसमान में सितारों की तरह होंगे! यीशु के समय तक, परमेश्वर ने अपना यह वादा निभाया। इब्राहीम की संतान, इसराइल के राष्ट्र के बच्चे, बहुत महान थे। लेकिन परमेश्वर ने यह भी वादा किया था कि दुनिया के सभी देश इब्राहिम द्वारा आशीषित होंगे। यहूदी लोग अक्सर इस वादे के उस हिस्से को भूल जाते थे। मत्ती यह दिखाना चाहता था कि यीशु केवल यहूदियों का मसीहा होने के लिए नहीं आया था। वह दुनिया का उद्धारकर्ता बनने आया था! वह परमेश्वर की इब्राहीम को दी गई वादे की सबसे महत्वपूर्ण और उच्च पूर्ती थी!

तो चलो, इब्राहीम से लेकर यीशु तक की यात्रा हम मत्ती के साथ तय करते हैं। जैसा मैं उस सूची को लिखती हूँ जो मत्ती ने लिखी, मैं समझाने की कोशिश करूंगी कि एक यहूदी व्यक्ति इसे पढ़ने से क्या याद रखता। कोई भी यहूदी परिवार तुरंत याद करता  कि इब्राहीम एक ऐसा आदमी था जो परमेश्वर पर हर हाल में विश्वास रखता था। उसने परमेश्वर पर तब भी भरोसा रखा जब ऐसा लग रहा था जैसे परमेश्वर अपने वादे को पूरा नहीं कर सकता था। परमेश्वर ने यह घोषणा की कि उसे यह विश्वास बहुमूल्य था। इस विश्वास ने इब्राहीम को परमेश्वर द्वारा धर्मी बनाया था। यहूदियों को बहुत गर्व था कि वह उनके देश का पिता था।

इब्राहीम का इसहाक नाम का बेटा था। परमेश्वर ने इब्राहीम की वाचा इसहाक के साथ नए सिरे से की। उसने वादा किया कि इसहाक का वंशज एक महान राष्ट्र बनेगा। इसहाक का बेटा याकूब था, और परमेश्वर ने उसके साथ भी इब्राहीम की वाचा नए सिरे से ज़ारी रखी। याकूब के बारह बेटे थे, और वे इस्राएल के बारह जनजातियों के अगुए थे।

उन बारह जनजातियों में से, परमेश्वर ने एक बहुत ही खास बेटे को चुना और बुलाया। उसका नाम यहूदा था, और वह एक बहुत, बहुत पापी आदमी था। उसने कुछ घिनौने पाप किये थे। लेकिन यहूदा ने कुछ उल्लेखनीय भी किया। उसने महसूस किया कि वह कितना दुष्ट था, और उसने पछतावा किया! उसने परमेश्वर को अपने दिल को बदलने के लिए अनुमति दी। वह महान बलिदान और प्रेम का एक आदमी बन गया। अपने आज्ञाकारी पश्चाताप की वजह से, परमेश्वर ने अपने सभी भाइयों में यहूदा को सबसे ऊपर सम्मानित किया। उसने यहूदा का यह वादा किया कि इस्राएल के राजा, खुद परमेश्वर द्वारा अभिषिक्त, उसके वंशज से आएँगे। परमेश्वर के लोगों पर शासन करने के लिए एक अधिकारपूर्ण राजा, यहूदा के वंश से आना था। क्या आप देख सकते है कि मत्ती के लिए क्यूँ इतना ज़रूरी था कि वो यह दिखाए कि यीशु उसका वंशज था?

यहूदा का पेरेस नाम का बेटा था। पेरेस की माँ तामार थी, और मत्ती ने उसके नाम का उल्लेख जान बूझ कर किया। अब, सब जातियों के प्राचीन वंशावलियों में, एक महिला का नाम प्रकट होना बहुत दुर्लभ था। आमतौर पर वे केवल पिता के बारे में बताते थे। आपको ऐसा क्यों लगता है कि मत्ती ने उसका नाम जोड़ा?

खैर, तामार एक ऐसी औरत थी जिसने परमेश्वर में विश्वास के कारण महान साहस दिखाया था। वह एक विदेशी थी, जो ऐसे देश से आती थी जहाँ के लोग भयानक मूर्तियों की पूजा करते थे। फिर भी वह परमेश्वर की योजनाओं और वादों के प्रति वफादार रही- एक ऐसे समय में जब परमेश्वर के चुने हुए परिवार के लोग बहुत पापी और विश्वासघाती हो रहे थे। उसके साहस ने यह सुनिश्चित किया कि यहूदा की पीड़ी जारी रहे, और परमेश्वर ने उसे इसके लिए धन्य किया। प्रभु ने तामार का नाम उस सूची में डाला जो इस पृथ्वी पर मसीहा को लाने का हिस्सा थी; और इस प्रकार उसको सम्मानित किया।

पेरेस का बेटा हेस्रोन था, और राम उसका बेटा था। राम अमिनादाब का पिता था, और वह नहशोन का पिता था। नहशोन का एक बेटा था जिसका नाम सल्मोन था, और सलमोन का बीटा बोआज़ था। आपको यह माननीय आदमी याद होगा। वह प्रिय रुथ का पति था, और बाइबिल की एक पूरी किताब उनके प्रेम कहानी के बारे में लिखी गई है। मत्ती ने रूथ के नाम का उल्लेख भी बड़ी सावधानी और जान बूझ कर किया! क्यों?

रुथ एक और ऐसी विदेशी महिला थी जिसने ऐसे समय में जबरदस्त विश्वास दिखाया जब इसराइल का राष्ट्र परमेश्वर के खिलाफ विद्रोह कर रहा था।वह अपना विदेशी घर छोड़ कर इस्राएल के देश में अपनी यहूदी सास की सेवा करने चली गई थी। उसने अपने लोगों की मूर्तियों को छोड़ दिया और परमेश्वर का पालन करके इसराइल में एक छोटे नौकर के रूप में रहने लगी। उसने अपनी विनम्रता और आज्ञाकारिता से परमेश्वर का आदर किया, और परमेश्वर बहुत प्रसन्न हुआ। एक गैर यहूदी की भक्ति और विश्वास परमेश्वर के लिए कीमती थी। उसने उसे एक राजा और दुनिया के उद्धारकर्ता के पूर्वज पर दादी बनने से इस विनम्र महिला को सम्मानित किया। और एक बार फिर, यहोवा ने एक गैर यहूदी, परदेशी को इब्राहिम को दिए वादा रखने के लिए प्रयोग किया। मत्ती अपने पाठकों को यह दिखाने की कोशिश कर रहा था कि परमेश्वर की उद्धार लाने की योजना हमेशा से ही थी - दुनिया के किसी भी मनुष्य के लिए जो उस पर अपना विश्वास डालता हो।

रूथ और बोआज़ का एक बहुत प्यारा बेटा ओबेद नाम का था, जो यिशै का पिता बना। यह यिशै एक उससे भी अधिक प्रसिद्ध बेटे का प्रसिद्ध पिता था। वह खुद राजा दाऊद का पिता था! दाऊद के कई बेटे थे, लेकिन केवल एक ही को इस्राएल के सिंहासन पर बैठने के लिए चुना गया था। उसका नाम सुलैमान था, और वह भी यीशु का पूर्वज था। मत्ती इस बात का उल्लेख विशेष रूप से करता है कि सुलेमान की माँ राजा दाऊद के साथ शादी से पहले, ऊरिय्याह नाम के एक आदमी की पत्नी थी। मत्ती ने यह क्यों उल्लेख किया होगा?

यह दिलचस्प बात है कि परमेश्वर उसकी पत्नी का नाम नहीं देता है। परमेश्वर उसके पहले पति को सम्मान देना चाहता था! यह दिलचस्प है क्योंकि वह एक विदेशी था। वह उस राष्ट्र से नहीं था जो  परमेश्वर की क़ीमती थी, लेकिन वह उनकी सेना में लड़ने के लिए तैयार था। वह एक अविश्वसनीय रूप से एक सज्जन आदमी था, जिसने प्रभु के मार्गों का आदर किया। पर दाऊद, जो एक यहूदी राजा था, उसके साथ  महान पाप और कपट के साथ पेश आया। जबकि ऊरिय्याह बहादुरी से इसराइल के लिए लड़ाई लड़ रहा था, दाऊद ने  खुद के लिए ऊरिय्याह की पत्नी  ले ली। वह गर्भवती हो गई। अगर यह बात बाहर निकलती, तो क्या आप इस बदनामी और कलंक की कल्पना कर सकते है? दाऊद ने अपने प्रभाव और बल का दुरूपयोग करके यह बात छिपा ली। उसने एक ऐसी स्तिथि रची कि ऊरिय्याह लड़ाई में एक खतरनाक जगह में रखा जाए। यह निश्चित हो गया था कि वह मर जाएगा, लेकिन ऊरिय्याह ने  ईमानदारी से राजा दाऊद के आदेश का पालन किया और जान खो बैठा। परमेश्वर ने  देखा कि इस वफादार, विदेशी आदमी ने इस विश्वासघाती राजा के लिए किया। उसने ऊरिय्याह का नाम परमेश्वर के पुत्र की वंशावली में शामिल करके उसे सम्मानित किया, ताकि लोग उसके विश्वासयोग्यता को हमेशा याद रखे।

राजा दाऊद एक महान आदमी था, लेकिन उसने भयानक पाप किये थे, और उसका गंभीर रूप से न्याय भी हुआ। वह बलवा करके और अपनी शक्ति का दुरूपयोग करके और भी बुरी तरीकों से पाप कर सकता था। इसके बजाय, राजा दाऊद ने कुछ ऐसा किया जो जिद्दी, शक्तिशाली पुरुषों के लंबे इतिहास में उल्लेखनीय है। उसने पछतावा किया। जैसे उससे पहले यहूदा ने, उसी तरह दाऊद ने अपने पाप का अंगीकार किया और अपने पूर्व विद्रोह और गर्व को तोड़ दिया। वह अपने भयानक कर्मों की वजह से आँसू और महान दु: ख से यहोवा के सम्मुख आया, और उन्होंने उसे माफ किया और उसे खुद के साथ सही संबंध में बहाल किया।

यह कहानी परमेश्वर के न्याय की है, लेकिन यह उसके जोरावर अनुग्रह की कहानी भी है। चाहे परमेश्वर के बच्चे कितने पापी थे, प्रभु ने अपनी वादा वाचा उनके साथ निभाई। परमेश्वर ने ऊरिय्याह की पत्नी का राजा दाऊद के साथ विवाह, इसराइल के अगले राजा लाने के लिए प्रयोग किया। उसका नाम सुलैमान था, और वह इस्राएल के इतिहास में सबसे शानदार और सुनहरा युग अपने नेतृत्व से लाने को था।

प्राचीन दुनिया में महिलाओं और विदेशियों की तुलना मानुष से भो कम की जाती थी। यह शांत विस्मय की बात है कि सृष्टिकर्ता परमेश्वर बातों को कितने अलग रूप से देखता है। तामार, रूथ और ऊरिय्याह के विश्वास ने परमेश्वर के दिल को जीत लिया।. उन्होंने उस पर विश्वास किया, और वो  विश्वास और आशा जो परमेश्वर पर टिकती है, उसे सबसे ज्यादा प्रसन्न करती है।  हम इसी के लिए बनाए गए है। यह सुंदर लोग उस बात का एक आदर्श नमूना थे कि कैसे परमेश्वर के  सच्चे बच्चों को जीना है।और परमेश्वर ने उन्हें अपनी योजनाओं में एक बहुत ही खास और पवित्र स्थान देकर उनका आदर किया।

मत्ती के यहूदी पाठकों के लिए, तामार, रुथ, और ऊरिय्याह के नाम वंशावली में कुछ अलग से चमकते होंगे। कि इन विदेशियों का उद्धारकर्ता के वंशज में सम्मानजनक नाम अंकित हुआ- इस बात से उनका मुंह बंद हो गया होगा। हमेशा से, परमेश्वर विदेशियों को लाते थे - वे जो इस्राएल के देश से और उसकी वाचा से बाहर थे -  ताकि वो उनके उद्धार की योजना का एक हिस्सा हो। मसीहा एक नई वाचा लाने आए थे - जहां सभी भाषाओं और जातियों के सभी लोगों के लिए शुभ समाचार प्रचार किया जाएगा। प्रभु यीशु की वंशावली में, ,मत्ती हमें यह दिखाता है कि परमेश्वर की योजना हमेशा से थी कि उसके उद्धार का काम दुनिया भर में हो।मसीहा न केवल यहूदियों के लिए उद्धारकर्ता के रूप में आया था। वह दुनिया का उद्धारकर्ता बनने आए थे!