पाठ 42: हेरोदेस के सिपाही बनाम परमश्वेर के दूत: कोई समान मिलान नहीं!
जिस समय बरनाबस और शाऊल अन्ताकिया में यीशु के विषय में यूनानी विश्वासियों को सिखा रहे थे, यरूशलेम में परेशानी उभर रही थी। हेरोदेस राजा मसीही लोगों को सता कर यहूदियों के अगुओं को प्रसन्न करने की कोशिश कर रहा था। यह हेरोदेस एक और प्रसिद्ध हेरोदेस राजा का भतीजा था। चाचा हेरोदेस वह हेरोदेस था जिसने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का सिर काटना का आदेश दिया था। वह हेरोदेस ही था जिसने राज्यपाल पीलातुस के पास यीशु को क्रूस पर चढ़ाये जाने से पहले उससे पूछताछ करके वापस भेजा था। नया राजा हेरोदेस अपने चाचा से बेहतर नहीं था उसने यूहन्ना के भाई याकूब और यीशु के चचेरे भाई को गिरफ्तार कराया था। हेरोदेस ने आदेश दिया था कि याकूब तलवार से मार डाला जाए। कलीसिया ने कितना दुख सहा होगा। उन्होंने अपने प्रिय अगुओं में से एक को खो दिया था, और ऐसा व्यक्ति जो यीशु के साथ चलता था। जब हेरोदेस ने देखा कि याकूब की मृत्यु से यहूदी अगए कितने प्रसन्न हुए हैं, तो उसने पतरस को भी गिरफ्तार किया। ऐसा अखमीरी रोटी के पर्व के दौरान हुआ, जो एक महत्वपूर्ण यहूदी त्यौहार था। इस त्यौहार को सप्ताह के दौरान फसह के बाद मनाया जाता था। त्यौहार में भाग लेने के लिए हज़ारों लोग यरूशलेम आते थे, जिस प्रकार वे उस वर्ष के फसह के लिए आए थे जब यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया था। हेरोदेस राजा फसह के पर्व के समाप्त होने के बाद भीड़ के सामने पतरस के सार्वजनिक मुकदमा चलाने के लिए रुका था। वह पतरस की मृत्यु को ऊपर लेकर जितना संभव हो उतना वह यहूदियों को प्रसन्न करना चाहता था। उसने सोचा कि यदि उन्हें पतरस की मृत्यु का बड़ा प्रदर्शन देखने को मिलेगा तो यह उन्हें और भी प्रसन्न कर देगा
पतरस को पहले बंदीगृह में रखा गया था, और वह चमत्कारिक रूप से मुक्त भी हो गया था। इसके बावजूद उसे मारने के बारे में हेरोदेस राजा ने दो बार नहीं सोचा। इसके बजाय, हेरोदेस राजा कोई मौका नहीं खोना चाहता था। पतरस को चार सैनिकों के चार वर्गों के सिपाहियों के नीचे रखा गया था। वह अपने बंदीगृह में दो सैनिकों के बीच जंजीरों से बांधा गया था, और प्रवेश द्वार पर दो और सिपाही खड़े किये गए थे परन्तु यरूशलेम में सभी विश्वासी आग्रहपूर्वक प्रार्थना कर रहे थे, और परमेश्वर के पास अपने दास, पतरस के लिए एक योजना थी।
जिस रात हेरोदेस पतरस पर मुकदमा चलाने वाला था, एक दूत प्रकट हुआ और पतरस का बंदीगृह उज्वल प्रकाश से जगमगा उठा। उसने पतरस की बगल थपथपाई और उसे जगाते हुए कहा, "जल्दी करो, उठो!" जंजीरें पतरस के हाथ से खुल कर गिर पड़ी!
तब स्वर्गदूत ने कहा, " तैयार हो और अपनी चप्पल पहन ले।" पतरस ने उसकी आज्ञा मानी। दूत ने कहा, अपना चोगा पहन ले और मेरे पीछे चला आ ।" पतरस केवल स्वर्गदूत के निर्देशों का पालन करता रहा, भले ही वह नहीं जानता था कि क्या होने जा रहा था। उसे लगा कि वह केवल एक दर्शन देख रहा है। वे पहले सिपाही के पास से निकले और फिर दूसरे सिपाही के पास से निकले। वे बंदीगृह से अहानिकर होकर निकल गए। जब वे लोहे के फाटकों तक पहुंचे जो शहर की ओर निकलता था, तो उनके अन्दर आने के लिए फाटक अपने आप खुल गए।
जब वे सड़क पर जा रहे थे, स्वर्गदूत अचानक गायब हो गया। पतरस अकेले ही सड़क के बीच में खड़ा था। अंततः उसे समझ में आने लगा कि क्या हुआ था। यह केवल एक दर्शन या स्वप्न नहीं था! वह वास्तव में मुक्त किया गया था। उसने स्वयं से कहा, " अब मेरी समझ में आया कि यह वास्तव में सच है कि प्रभु ने अपने स्वर्गदूत को भेज कर हेरोदेस के पंजे से मुझे छुड़ाया है। यहूदी लोग मुझ पर जो कुछ घटने की सोच रहे थे, उससे उसी ने मुझे बचाया है।" (एनआईवी)।