पाठ 40 : सारा का अंत्येष्टि घर
इब्राहीम और उसकी पूरी जनजाति परमेश्वर के वादों पर भरोसा करते हुए पूरी भूमि पर खानाबदोश के रूप में फिरते रहे। जब वे हेब्रोन में रह रहे थे, जो कनान का एक हिस्सा है, उसकी प्रिय पत्नी की मृत्यु हो गई। वह एक सौ सत्ताईस साल कि थी।
सारा ने विश्वास के साथ इब्राहिम का साथ दिया, जब वे खतरनाक जगाहों में मिलकर परमेश्वर के वादों का इंतजार कर रहे थे। इब्राहीम ने राजाओं से अपनी रक्षा करने के लिए उसे कहा कि वह उसे उसकी बहन कहे, तो वह अपने पति के प्रति समर्पित हुई, और उस ने देखा की किस प्रकार परमेश्वर ने उसके पति कि गलतियों के कारण उसकी रक्षा की।
सारा एक बहुत सुन्दर स्त्री थी, ना केवल उसकी बाहरी सुंदरता जिससे कि राजा मोहित हुए, परन्तु उसकी अंदरूनी सुंदरता थी जिसके साथ वह एक गरिमा और शक्ति के साथ अपने जीवन भर चलती रही। पच्चीस वर्षों उसने निःसंतान का अपमान और दर्द सहा। फिर भी, वह एक वारिस के लिए परमेश्वर पर भरोसा करती रही जो उसका शरीर प्रदान नहीं कर सकता था। परमेश्वर के वादों को पूरा होते देखने के लिए उसने अपने पति को अपनी दासी को दे दिया। लेकिन परमेश्वर अपने समय और अपने तरीके से, इब्राहीम की पत्नी सारा के माध्यम से अपनी योजना को पूरा करेगा। सारा ने जीतेजी अपने बेटे को सैंतीस साल कि उम्र तक बढ़ते देखा।
इतिहास पर सारा के विश्वास का प्रभाव इतना विशाल है कि हम उसे नाप नहीं सकते। उसके मरने के दो हज़ार वर्षों के बाद, यीशु के शिष्य, पतरस ने, उसके बारे में लिखा था। उसने ऐसा लिखा:
"इसी प्रकार हे पत्नियों, अपने अपने पतियों के प्रति समर्पित रहो। ताकि यदि उनमें से कोई परमेश्वर के वचन का पालन नहीं करते हों तो तुम्हारे पवित्र और आदरपूर्ण चाल चलन को देखकर बिना किसी बातचीत के ही अपनी-अपनी पत्नियों के व्यवहार से जीत लिए जाएँ। तुम्हारा साज-श्रृंगार दिखावटी नहीं होना चाहिए। अर्थात् जो केशों की वेणियाँ सजाने, सोने के आभूषण पहनने और अच्छे-अच्छे कपड़ों से किया जाता है, बल्कि तुम्हारा श्रृंगार तो तुम्हारे मन का भीतरी व्यक्तित्व होना चाहिए जो कोमल और शान्त आत्मा के अविनाशी सौन्दर्य से युक्त हो। परमेश्वर की दृष्टि में जो मूल्यवान हो। क्योंकि बीते युग की उन पवित्र महिलाओं का, अपने आपको सजाने-सँवारने का यही ढंग था, जिनकी आशाएँ परमेश्वर पर टिकी हैं। वे अपने अपने पति के अधीन वैसे ही रहा करती थीं। जैसे इब्राहीम के अधीन रहने वाली सारा जो उसे अपना स्वामी मानती थी। तुम भी बिना कोई भय माने यदि नेक काम करती हो तो उसी की बेटी हो।"
1 पतरस 3: 1-6.
पतरस ने सारा के वफ़ादार जीवन का उदहारण उन बातों के लिए लिया जो सचमुच में सुंदर हैं। जिन्हें विश्वास है और किसी बात का भय नहीं है, वे सारा की आध्यात्मिक बेटियां हैं! वे उसके परिवार का एक हिस्सा बन जाती हैं और दुनिया के लिए सौंदर्य की उसकी विरासत का हिस्सा बन जाती हैं! जिस समय पतरस यह लिख रहा था तब यह सच था। दो हज़ार से अधिक साल बीत चुके हैं और वे आज भी सत्य हैं। आज भी सारा के जीवन के द्वारा परमेश्वर किछवि में स्त्री कि सुंदरता कायम है।
सारा का जीवन, जो इब्राहीम का महान प्रेम थी, वह समाप्त हो गया था। उसकी मृत्यु हो गई थी।इब्राहीम उसके शरीर के पास गया और दु: ख से उस पर झुक गया। वह दुःख के साथ बहुत रोया। उस वादे के देश में जहां उन्होंने एक साथ इतने सालों कूच किया था, उसे ऐसी सुरक्षित और सम्मानित जगह प्रदान करना चाहता था। भूमि अभी उसकी नहीं थी, लेकिन उसे विश्वास था कि उसकी हो जाएगी।
तब इब्राहीम ने अपनी मृत पत्नी को छोड़ा और हित्ती लोगों से बात करने गया। उस समय, वे कनानी कहलाने वाले लोगों के बीच थे जो प्रतिज्ञा कि भूमि के स्वामित्व लोग थे। अपनी पत्नी को दफ़नाने के लिए इब्राहिम ज़मीन के एक टुकड़े को खरीदने गया।
परमेश्वर ने इब्राहीम को उसकी वफ़ादारी के लिए कई वर्षों तक आशीष दी थी। उसके पास कई जानवर और सैकड़ों नौकर थे जिससे पूरे क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली और सबसे प्रशिक्षित सेना बन गयी। राजाओ के द्वारा मिले उपहार और युद्ध से मिली लूट से परमेश्वर ने उसे बहुत आशीषित किया था। जिस समय इब्राहिम और उसके साथी उस भूमि पर घूमा करते थे, उन्होंने उस क्षेत्र में कीमती पानी के लिए कुओं को खोदा। इब्राहीम और सारा और उनकी यात्रा कबीले के सभी लोग पचास से अधिक वर्षों तक इब्राहिम और सारा और उनके साथ के कबीले, अन्य देशों के बीच रहते थे। हित्ती लोग इब्राहिम को एक महान राजकुमार के रूप में देखते थे, और सारा उसकी रानी के समान पत्नी थी। इस महान व्यक्ति कि पत्नी की मौत हित्तियों के लिए एक बहुत बड़ी बात थी।
जब इब्राहीम हित्ती गांव के गेट के पास गया जहां व्यापार होता था, इस प्रसिद्ध व्यक्ति की बातों को सुनने के लिए हित्ती लोग वहां जमा हुए। उसने कहा, “मैं इस प्रदेश में नहीं रहता। मैं यहाँ केवल एक यात्री हूँ। इसलिए मेरे पास अपनी पत्नी को दफनाने के लिए कोई जगह नहीं है। मैं कुछ भूमि चाहता हूँ जिसमें अपनी पत्नी को दफना सकूँ।”
हित्ती लोगों ने इब्राहीम को उत्तर दिया, “महोदय, आप हम लोगों के बीच परमेश्वर के प्रमुख व्यक्तियों में से एक हैं। आप अपने मरे को दफनाने के लिए सबसे अच्छी जगह, जो हम लोगों के पास है, ले सकते हैं। आप हम लोगों की कोई भी दफनाने की जगह, जो आप चाहते हैं, ले सकते हैं। हम लोगों मे से कोई भी आपको पत्नी को दफनाने से नहीं रोकेगा।”
हित्तियों ने इब्राहीम को, जो एक राजसी परदेशी था, उनकी भूमि की सीमाओं के भीतर अपनी पत्नी को दफनाने का अधिकार दे दिया। यही इब्राहीम के लिए एक बड़ी जीत थी। इन शहरों और कुलों में से प्रत्येक लोग अपनी संपत्ति को कसकर पकड़े रहते थे। तब उन्होंने बड़े विनय के साथ इब्राहीम को स्वयं उनके परिवारों किकब्रों में से चुनने का अधिकार दे दिया। वे इसे एक सम्मान मानते थे की एक महान व्यक्ति अपने परिवार के लिए उन में से एक कब्र को लेगा।
इब्राहीम ने उनके प्रस्ताव का गहरा सम्मान किया। इब्राहीम उठा और लोगों की तरफ सिर झुकाया। इब्राहीम ने उनसे कहा, “यदि आप लोग सचमुच मेरी मरी हुई पत्नी को दफनाने में मेरी मद्द करना चाहते हैं तो सोहर के पुत्र एप्रोन से मेरे लिए बात करें। मैं मकपेला की गुफा को खरीदना पसन्द करूँगा। एप्रोन इसका मालिक है। यह उसके खेत के सिरे पर है। मैं इसके मूल्य के अनुसार उसे पूरी कीमत दूँगा। मैं चाहता हूँ कि आप लोग इस बात के गवाह रहें कि मैं इस भूमि को कब्रिस्तान के रूप में खरीद रहा हूँ।”
इब्राहीम उनसे मुफ्त में एक कब्र को नहीं लेगा। यदि वे इसे मुफ्त में देते हैं तो वे एक दिन इसे वापस ले सकते हैं। इब्राहीम के लिए, यह कब्र परमेश्वर के वादे का दावा करने का एक तरीका था। वह उस वादे के देश में स्थापित होना चाहता था जिसे वह राष्ट्र की मां से शुरुआत करना चाहता था और जिसे परमेश्वर ने वादा किया था। इब्राहीम ने नगरवासियों को बताया की उसे एक ज़मीन पसंद आई है जो एप्रोन नामक व्यक्ति की है। एप्रोन ने इब्राहिम से कहा,“नहीं, महोदय। मैं आपको भूमि दूँगा। मैं आपको वह गुफा दूँगा। मैं यह आपको इसलिए दूँगा कि आप इसमें अपनी पत्नी को दफना सकें।”
वाह! चार सौ शेकेल बहुत होते हैं। उन दिनों में, एक सामान्य खेत का मजदूर चांदी के दस शेकेल एक वर्ष में कमा पाता था। वह अपने पूरे जीवन काम कर के भी चार सौ शेकेल कभी नहीं बना सकता था! यह बहुत मूल्यवान भूमि थी, और एप्रोन ने उसकी बहुत बड़ी कीमत दी थी। फिर भी इब्राहीम यह भुगतान करने के लिए सहमत हुआ। तब इब्राहीम ने हित्ती लोगों के सामने अपना सिर आदर और धन्यवाद में झुकाया। सारा को दफ़नाने के लिए उसने चांदी के चार सौ शेकेल तोले दिये ताकि वह उस सम्मान और प्रतिष्ठा के स्थान को खरीद सके। इब्राहीम ने ना केवल कब्र को खरीदा, लेकिन उसके साथ घास और ऊँचे पेड़ों के पूरे क्षेत्र को भी साथ ले लिया। फिर उसने अपनी पत्नी के शरीर को उस गुफा में रख दिया।
परमेश्वर ने इब्राहीम को भूमि का वादा किया था, लेकिन उन्होंने अभी तक उसे नहीं दिया था। इब्राहीम ने विश्वास के साथ परमेश्वर पर निर्भर किया। उस वादे कि भूमि का पहला टुकड़ा सारा के प्रेम में खरीदा गया था। विश्वास के साथ, उसे भरोसा था कि एक दिन, उसकी अंत्येष्टि स्थल को उसके स्वयं के वंशजों के कस्बों और खेतों से घिरा होगा।
परमेश्वर कि कहानी पर ध्यान करना।
इब्राहीम और सारा के जीवन पर सोचिये जो उन्होंने मिलकर परमेश्वर के सामने बिताये थे। कैसे परमेश्वर उनके सामने प्रकट हुआ और उन्हें अपनी अग्रणी दिखाई। उसने अपने प्रेम को उन्हें कैसे दर्शाया? आपको उसने अपने प्रेम को कैसे दिखाया है?
मेरी दुनिया, मेरे परिवार, और स्वयं पर लागू करना।
इब्राहीम और सारा को शादी के पवित्र साझेदारी में एक साथ बुलाया गया था। यह परमेश्वर की ओर से एक अद्भुत उपहार था। शादी के लिए आपकी क्या उम्मीदें हैं? आपके डर क्या हैं? आप जानते हैं की आपके माता पिता आप के लिए क्या आशा करते हैं?
जीवित परमेश्वर के प्रति हमारा प्रत्युत्तर।
विवाह जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके लिए हमें उस समय से जब एक बच्चा एक नन्हा बालक है और उसके पूरे जीवन भर तक प्रार्थना करनी चाहिए। शादी हो जाने के बाद प्रार्थना समाप्त नहीं होनी चाहिए।
यदि हो सके तो, एक परिवार के रूप में बड़ी कोमलता और ईमानदारी के साथ इस विषय पर बातचीत करें की प्रभु में एक अच्छा पति या पत्नी कैसे होना चाहिए। और यदि इसे हम अकेले पढ़ रहे हैं तो, इन बातों के विषय में यीशु से बात कीजिये। अपने डर और उम्मीदों को बाहर निकालिये। विशेषकर प्रार्थना कीजिये की परमेश्वर उनके दिल से अस्वीकृति या गर्व या शर्म की बातों को बाहर करे। उससे मांगिये की वो आपके परिवार को इस महत्वपूर्ण बात के लिए विश्वास को भर दे। प्रार्थना कीजिये कि परमेश्वर परिवार में प्रत्येक बच्चे के लिए एक अद्भुत पत्नी या पति दे। प्रार्थना करें कि प्रत्येक बच्चा विश्वास में चलता रहे। प्रार्थना करें की प्रत्येक बच्चा समझदारी में और सिद्धता में बढे ताकि वे अपने पति या पत्नी का आदर सम्मान कर सकें। परमेश्वर से उसकी आशीषों को और उसकी सहायता को मांगे!