कहानी ८५: यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले कि हत्या
यह उस समय कि बात है जब हेरोदेस ने यीशु के विषय में वो सब बातें सुनी उसके साथ घट रही थीं। यीशु और उसके चेले जा जा कर बिमारियों को चंगा कर रहे थे, तेल से अभिषेक कर रहे थे, और दुष्ट आत्माओं से मुक्ति दिला रहे थे। यह एक राष्ट्रीय घटना बन गया था, और हर कोई इसके बारे में बात कर रहा था। यह आख़िरकार हेरोदेस के महल तक पहुंच गया था। उसने ऐसा सुना कि वास्तव में मृत से उठाया हुआ यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला ही यीशु है। दुसरे कहते हैं कि वह एलिय्याह नबी या पुराने के नबियों में से एक है। हेरोदेस इन अफवाहों को सुनकर अचंबित हुआ। और उसके पास ठीक थे। क्यूंकि, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के साथ कुछ बहुत बुरा हुआ था, और हेरोदेस ने ही वह करवाने का आदेश दिया था। यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का सिर धड़ से अलग कर दिया गया था। अब हर कोई यह कह रहा था कि वह मरे हुओं में से जी उठा है, और वह चमत्कारी शक्तियों से कार्य कर रहा था!
लेकिन हम थोडा पीछे कहानी में जाएंगे और देखेंगे कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के साथ क्या हुआ। हेरोदेस न्यूहांना को पकड़वा कर उसे जंजीरों में बंधवा दिया था। हिरोदियास को प्रसन्न करने के लिए उसने उसे जेल में डाल दिया था, जो उसके भाई फिलिपुस कि पत्नी थी। हेरोदेस ने फिलिपस कि पत्नी को अपने बना कर उससे विवाह कर लिया था, और यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने आरोप लगाया था। उसने कहा कि यह परमेश्वर के नियमों के विरुद्ध है। उसकी पत्नी ने उस पर दबाव डाला और हेरोदेस ने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले को मरवा दिया, लेकिन वह भयभीत था। लोगों में यूहन्ना बहुत प्रसिद्द था, और उसे लगा कि लोग उसे मरवा देंगे जिसे वे नबी समझते हैं। उससे बढ़कर, हेरोदेस जानता था कि यूहन्ना धर्मी और पवित्र था। वह यूहन्ना के संदेशों को पसंद करता था, जबकि उसे भ्रम था। सो कुछ समय के लिए, हेरोदेस ने यूहन्ना को बंदीगृह में सुरक्षित रखा।
फिर महान भोज का दिन आया। यह राजा हेरोदेस का जन्म दिन था, और उस महान भोज में सारे मेहमानों को बुलाया। तो हिरोदियास की बेटी ने हेरोदेस और उसके मेहमानों के सामने नाच कर हेरोदेस को इतना प्रसन्न किया कि उसने शपथ लेकर, वह जो कुछ चाहे, उसे देने का वचन दिया।सारे मेहमानों के सामने हेरोदेस ने अपनी बेटी से कहा कि वह जो कुछ भी मांगेगी वह उसे अपने राज्य का आधा हिस्सा भी देदेगा।
हेरोदियास कि बेटी उसकी माँ के पास पूछने के लिए गयी कि वह क्या मांगे। उसकी माँ ने कहा,"'यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का सिर।'" यूहन्ना जेल में इस स्त्री के नीच व्यवहार के कारण जेल में था। वह उसे मरवा देना चाहती थी।
वह लड़की हेरोदेस के पास वापस अपनी मांग को लेकर गयी। कल्पना कीजिये कि कैसे यह ख़ूबसूरत लड़की भागते हुए अपने पिता के पास भोज के बीच में ऐसे भयानक तोहफे कि मांग करती है। उसने मेहमानों के सामने अपने वाडे को दिया था। अब वह किसी भी हालत में मन नहीं कर सकता था! वह राजा के पास गयी और बोली,"'मुझे थाली में रख कर बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना का सिर दें।'”
उसके अनुरोध को सुनकर हेरोदेस के चेहरे की कल्पना कर सकते हैं? क्या आप देख सकते हैं कि कैसे हेरोदेस का न्यायालय इतना दुष्ट था कि वह ऐसी दुष्ट मांग कर सकती बिना किसी शर्म के? करोड़ेस राजा यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के प्राण लेकर बहुत दुखी था, लेकिन उसने मेहमानों के सामने अपने वादे को दिया था। एक स्वार्थी बच्चे के आगे एक मूर्खतापूर्ण प्रतिज्ञा देने से शर्म करने के बजाय हेरोदेस अपनी गलती को मैंने में शर्म महसूस कर रहा था। उसको सही करने के बजाय, उसने उसे और भी भत्तर बना दिया। उसने जल्लाद को कहला भेजा कि यूहन्ना का सिर काट डाले। सो यूहन्ना का सिर थाली में रख कर लाया गया और उसे लड़की को दे दिया गया। वह उस महान नबी का सिर अपनी माँ के पास ले गयी।
तब यूहन्ना के अनुयायी आये और उन्होंने उसके धड़ को लेकर दफना कर दिया। और फिर उन्होंने आकर यीशु को बताया।
यीशु के चेले भी गलील से वापस अपने सफर से लौटने लगे। उनको भी वही अद्भुद बातें करने कि सामर्थ दी गयी थी जो उन्होंने अपने प्रभु को करते देखा था।